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ताज़ा ग़ज़ल

12 नवम्बर 2015

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featured imageताज़ा ताज़ा हमारे यहाँ भी आये वो जंगल राज बिहार जैसा के मानव राज से बहुते ही तंग आ चुके है। जो जुमले थे के वापस लाएंगे बाहर से जमा पैसा अब तक उससे ज़्यादा जनता से लेके खा चुके है। कोई पूछ ले पिछले महीने थे कहा साहब !! बता नहीं सकते वो देशो के इतने लगा चुके है !! के अब कोई फर्क पड़ता नहीं हमको नए जुमलों से वो माइक पर खड़े हो कर इतना पका चुके हैं। हकीम दानिश
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अब आप भी लिखिए अपने पोस्ट आर्टिकल आपके मुह से बोलकर हाथो को दीजिये आराम आप जो बोलेंगे वो आपके सामने लिखा जायेगा

9 नवम्बर 2015
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क्या आप भी चाहते हैं कि जो आप बोलो वह सारा कुछ लिखा जाए अगर आप चाहते हैं तो यह पोस्ट पूरा पढ़े और भी जानकारी ले और आप भी आज के बाद लिखना बंद करें और आप वही करो जो यहां पर आप जो भी बोलेंगे आपका वह सारा कुछ यहां पर लिखा जाएगा आपको यह पोस्ट अपने मुंह से बोलकर लिख सकते है तो कितना अच्छा रहेगा अगर ऐसा हो

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ताज़ा ग़ज़ल

12 नवम्बर 2015
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ताज़ा ताज़ाहमारे यहाँ भी आये वो जंगल राज बिहार जैसाके मानव राज से बहुते ही तंग आ चुके है। जो जुमले थे के वापस लाएंगे बाहर से जमा पैसाअब तक उससे ज़्यादा जनता से लेके खा चुके है। कोई पूछ ले पिछले महीने थे कहा साहब !!बता नहीं सकते वो देशो के इतने लगा चुके है !!के अब कोई फर्क पड़ता नहीं हमको नए जुमलों से

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अपनों की तलाश Update Your Browser | Facebook

21 नवम्बर 2015
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अस्सलामु अलैकुम / नमस्ते हमने अभी एक पेज बनाया है। जिसका नाम है अपनों की तलाश आइस पेज का मकसद है। उन बच्चों को उनके घर तक पहुचाना जो कही भटक जाते है खो जाते है गुम हो जाते है। में चाहता हु हम सब भी एक कोशिश करें। में इसी लिए पेज बनाया हु हु। जो भी मित्र उसमे जुड़ना चाहते है। वो सब आये ख़ुशी होगी।

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