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बेटियां तो होती है, धन ही पराया !!

17 दिसम्बर 2015

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           बेटियां तो होती है, धन ही पराया !! 

 

बेटियां तो होती है , धन ही पराया ,

सदियों से सुनते आये है ! बुजुर्गों ने भी यही सिखाया !

पर मतलब ठीक से अब समझ मे आया , जब अपनी प्यारी बेटी को ब्याहा-- 2 ! बेटियां तो.......... !!1!!

नन्ही सी गुडिया की किलकारियां जब घर मे गूंजी,बस खुशिया ही खुशीया थी चारों और छायी ,

मन मे बुने रंगीन सपनो को , रुच-रुच पूरा किया !

प्यारी-प्यारी बातें और खेल तमाशे ,कभी हंसना,रुठना, फिर कभी हमको मनाना

कभी शरारतों से मन गुद्गुदाना, कभी इठलाना, कभी डांट देना !

आनंद भरे पल सब हो गये सपना !! अब लगता है घर बस सूना - सूना --2, !  बेटियां तो..........  !!2!!

 

लगता है कहीं पीछे से आकर मा वह पुकारेगी ,

मे दौडी जाऊंगी और गले से लगा लूंगी ,भीचकर उसको अपने आंचल मे छुपा लूगी  !

         मन मे कई थी उमंगे -- खूब पढे- लिखे योग्य बने वह , और बस जल्दी से बडी वह हो जाये !

फिर प्यारी सी दुलहन बने वह ,एक सुंदर सा प्यार करने वाला हमसफर उसे मिल जाये !! ! बेटियां तो..........  !!3!!

 

पर अब मन ही मन लगता है ऐसा कि, काश !!

वह छोटी सी गुडीया ही रहती, और कभी आंखो से दूर ना होती !

पर फिर यही मन मुझे समझाने लगा है !

उसके भी अपने है जीवन के कई सुनहरे- रंगीन सपने ,

उन्हे पूरा करने का, उनमे रंग भरने का,समय आ गया है /घडी आ गयी है !! ! बेटियां तो..........!!4!!

 

वह भी अपना प्यारा सुंदर सा घर - संसार बसाये, उम्मीदो के फूल खिलाये ,

"खुशबू" अपनी खुशबू से घर आंगन महकाये !

खुशबू हमसे दूर हुई तो क्या ?? भीनी - भीनी महक अभी भी सांसों मे बसी है !

दूर से ही सही सुगंध आती ही रहेगी, जीवन बगिया को महकाती रहेगी ! ! बेटियां तो..........!!5!!

 

कहा जाता है, विध्या दान है सब दानो मे बडा ,”खाये खर्चे ना घटे ,बढता ही रहे जितना भी बंटा” !

पर “कन्या दान” तो मुझे लगे उससे भी बडा ,क्योंकि जिसे नाजों से पाला-पोसा ,संवार दिया ,

उसे ही एक दिन बडे धूमधाम से, किसी अजनबी परिवार और पुरुष को सोंप दिया !

बेटियों ने उस घर को भी अपनाकर, उजाले से भर दिया, दो परिवारो को एक किया ! ! बेटियां तो..........  !!6!!

 

सच मे दुनिया की रस्म रिवाजो के चलते माता –पिता चाहे बेटी को अपने से दूर कर दें !

पर बेटियां कभी उनसे दूर होती नहिं ! हमेशा दिल ही दिल उनकी कुशलता की सोच मे रहती !

कभी कोई कर पायेगा ना उनकी बराबरी , क्योंकि बेटिया हमेशा होती प्रेम से भरी !

बस प्यार भरे दो मीठे बोल, उसके लिये वे ही हैं भेंट अनमोल ! ! बेटियां तो..........  !!7!!

 

नही चाहती वह तुमसे सोना और गहना,वार-त्योहार बुलाकर बस सम्मान तुम  करना !

करती रहेगी हमेशा सबकी सलामती की दुआये, उसे तो बस प्यार के मीठे बोल ही भाये !

 बेटी की है कोयल से भी मीठी बोली , हमेशा से है वह सुख- दुख की हमजोली ! ! बेटियां तो..........  !!8!!

 

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उषा श्रीवास्तव

उषा श्रीवास्तव

आप सभी ने "बेटियां तो होती है धन ही पराया" को पसंद किया ! हार्दिक आभार !

28 दिसम्बर 2015

उषा श्रीवास्तव

उषा श्रीवास्तव

आप सभी ने "बेटियां तो होती है धन ही पराया" को पसंद किया ! हार्दिक आभार !

28 दिसम्बर 2015

प्रियंका शर्मा

प्रियंका शर्मा

मै भी एक बेटी हूँ , मन भाव विभोर हो गया पढ़ कर । रचना मे आपका बेहतरीन लेखन अनुभव साफ दिखता है ।

17 दिसम्बर 2015

चंद्रेश विमला त्रिपाठी

चंद्रेश विमला त्रिपाठी

इस अति सुन्दर रचना हेतु शब्दनगरी की ओर से आपको बधाई और बहुत- बहुत धन्यवाद !

17 दिसम्बर 2015

ओम प्रकाश शर्मा

ओम प्रकाश शर्मा

"बेटियां तो होती हैं धन ही पराया "..........उत्कृष्ट रचना !

17 दिसम्बर 2015

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