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महौषधि है गौमूत्र ( केवल देशी गाय का )

22 दिसम्बर 2015

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 ---गौमूत्र मनुष्य जाति तथा वनस्पति जगत को प्राप्त होने वाला अमूल्य अनुदान है। यह धर्मानुमोदित, प्राकृतिक, सहज प्राप्य हानिरहित, कल्याणकारी एवं आरोग्यरक्षक रसायन है। गौमूत्र- योगियों का दिव्यपान है। इससे वे दिव्य शक्ति पाते थे। गौमूत्र में गंगा ने वास किया है। यह सर्वपाप नाशक है। अमेरिका में अनुसंधान से सिध्द हो गया है कि विटामिन बी गौ के पेट में सदा ही रहता है। यह सतोगुणी रस है व विचारों में सात्विकता लाता है। 6 मास लगातार पीने से आदमी की प्रकृति सतोगुणी हो जाती है। यह रजोगुण व तमोगुण का नाशक है। शरीरगत विष भी पूर्ण रूप से मूत्र, पसीना व मलांश के द्वारा बाहर निकलता है।यह मनोरोग नाशक है। विष को शमन करने में गौमूत्र पूर्ण समर्थ है। आयुर्वेद की बहुत सी विषैली जड़ी-बूटियों व विष के पदार्थ गौमूत्र से ही शुध्द किये जाते हैं।सुरेश चौहान गौ क्या है? गौ मूत्र क्या है?- गौ में सब देवताओं का वास है। यह कामधेनु का स्वरूप है। सभी नक्षत्र कि किरणों का यह रिसीवर है, अतएव सबका प्रभाव इसी में है।जहां गौ है, वहां सब नक्षत्रों काप्रभाव रहता है। गौ ही ऐसा दिव्य प्राणी है, जिसकी रीढ़ की हड्डी में अंदर सूर्यकेतु नाड़ी होती हैइसलिये दूध, मक्खन, घी, स्वर्ण आभा वाला है, क्योंकि सूर्यकेतु नाड़ी सूर्य की किरणों के द्वारा रक्त में स्वर्णक्षार बनाती है। यही स्वर्णक्षार गौ रस में विद्यमान है। गौमूत्र : गौ के रक्त में प्राणशक्ति होती है। गौमूत्र रक्त का गुर्दों द्वारा छना हुआ भाग है। गुर्दे रक्त को छानते हैं। जो भी तत्व इसके रक्त में होते हैं वही तत्व गौमूत्र में है। गौमूत्र का चमत्कारिक प्रभाव सुरेश चौहान • कीटाणुओं से होने वाली सभी प्रकार की बीमारियां गौमूत्र से नष्ट होती है। • *गौमूत्र शरीर में लिवर को सही कर स्वच्छ खून बनाकर किसी भी रोग का विरोध करने की शक्ति प्रदान करता है। • *गौमूत्र में ऐसे सभी तत्व हैं जो हमारे शरीर के आरोग्यदायक तत्वों की कमी को पूरा करते हैं। • *गौमूत्र को मेघ और हृघ कहा है। यह मस्तिष्क एवं हृदय को शक्ति प्रदान करता है। मानसिक कारणों से होने वाले आघात से हृदय की रक्षा होती है। • *शरीर में किसी भी औषधि का अति प्रयोग हो जाने से तत्व शरीर में रहकर किसी प्रकार से उपद्रव पैदाकरते हैं। उनको गौमूत्र अपनी विषनाशक शक्ति से नष्ट कर रोगी को निरोग करता है। • *गौमूत्र रसायन है। यह बुढ़ापा रोकता है। • *शरीर में पोषक तत्वों की कमी होने पर गौमूत्र उसकी आपूर्ति करता है। • *गौमूत्र- मानव शरीर की रोग प्रतिरोधी शक्ति को बढ़ाकर रोगों को नाश करने की शक्ति प्रदान करता है। रसायन मतानुसार गौमूत्र में निम्न रासायनिक तत्व पाये जाते हैं । नाइट्रोजन, सल्फर, गंधक, अमोनिया, कापर, आयरन, ताम्र, यूरिया, यूरिक ऐसिड, फास्फेट, सोडियम, पोटेशियम, मैग्नीज, कार्बोलिक एसिड, कैल्शियम, साल्ट, विटामिन ए,बी,सी,डी, ई क्रियाटिनिन, स्वर्णक्षार 20 मिली गौमूत्र प्रात: सायं पीने से निम्न रोगों में लाभ होता है। 1. भूख की कमी, 2. अजीर्ण, 3. हर्निया, 4. मिर्गी, 5. चक्कर आना, 6. बवासीर, 7. प्रमेह, 8.मधुमेह, 9.कब्ज, 10. उदररोग, 11. गैस, 12. लूलगना, 13.पीलिया, 14. खुजली, 15.मुखरोग, 16.ब्लडप्रेशर, 17.कुष्ठ रोग, 18. जांडिस, 19. भगन्दर, 20. दन्तरोग, 21. नेत्र रोग, 22. धातु क्षीणता, 23. जुकाम, 24. बुखार, 25. त्वचा रोग, 26. घाव, 27. सिरदर्द, 28. दमा, 29. स्त्रीरोग, 30. स्तनरोग, 31.छिहीरिया, 32. अनिद्रा। गौमूत्र प्रयोग का ढंग सुरेश चौहान 1. उसी गाय का मूत्र प्रयोग करें, जो वन की घास चरती हो और स्वच्छ जल पीती हो। 2. देशी गाय का ही गोमूत्र लें, जरसी गाय का नहीं। 3. रोगी, गर्भवती गाय का मूत्र प्रयोग न करें। 4. बिना व्याही गाय का मूत्र अधिकअच्छा है। 5. ताजा गौमूत्र प्रयोग करें। 6. मिट्टी, कांच, स्टील के बर्तन में ही गौमूत्र रखें।

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तांबे के बर्तन का पानी

17 अक्टूबर 2015
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इन 10 कारणों से प्रतिदिन पिए तांबे के बर्तन में रखा पानी (ताम्रजल)सेहत के लिए पानी पीना अच्छी आदत है। स्वस्थ रहने के लिए हर इंसान को दिनभर में कम से कम 8-10 गिलास पानी जरूर पीना चाहिए। आयुर्वेद में कहा गया है सुबह के समय तांबे के पात्र का पानी पीना विशेष रूप से लाभदायक होता है। इस पानी को पीने से शर

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हम क्यो बीमार पड़ते है !

17 अक्टूबर 2015
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हम क्यो बीमार पड़ते है ! राजीव भाई हम सब जानते हैं कि हमारा शरीर वात-पित्त-कफ (त्रिदोषों) के संतुलन से ही स्वस्थ रहता है। अगर किसी कारण से वात-पित्त-कफ का यह संतुलन बिगड़ता है तो हम बीमार पड़ते हैं और मृत्यु का कारण भी बनता है। अगर हम अपने शरीर पर ध्यान दें तो यह बिगड़ा हुआ संतुलन सुधारा जा सकता है।

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कौन से ड्राईफुट के क्या हैं फायदे

17 अक्टूबर 2015
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कौन से ड्राईफुट के क्या हैं फायदे, जानिए और सेहत बनाइए ।-----------------------------------------------काजू------------------------------------------------विटामिन E से भरपूर काजू में एंटी एजिंग प्रोपर्टीज होती हैं। काजू के सेवन से त्वचा खिली रहती है, बुढ़ापा जल्द हावी नहीं होता है। ये आपके कॉलेस्ट्र

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'बीफ़ खाना पर्यावरण के लिए नुक़सानदेह है'

21 अक्टूबर 2015
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बीफ़ खाने को लेकर देश भर में बेचैनी है और सभी तरह के नेता सांडों की तरह भिड़ रहे हैं. धार्मिक मत तो एक पक्ष है लेकिन बीफ़ न खाने को लेकर बहुत मजबूत पर्यावरणीय वजहें भी हैं.संयुक्त राष्ट्र के पर्वायवरण कार्यक्रम ने बीफ़ को 'जलवायु के लिए नुक़सानदेह गोश्त' बताया है.बीफ़ के हर ग्राम को पकाने के लिए बहु

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अलसी के के गुण

24 अक्टूबर 2015
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अलसी में कैल्शियम, फास्फोरस, आयरन, केरोटिन, थायमिन, राइबोफ्लेविन और नियासिन पाए जाते हैं। यह गनोरिया, नेफ्राइटिस, अस्थमा, सिस्टाइटिस, कैंसर, हृदय रोग, मधुमेह, कब्ज, बवासीर, एक्जिमा के उपचार में उपयोगी है। अलसी को धीमी आँच पर हल्का भून लें। फिर मिक्सर में दरदरा पीस कर किसी एयर टाइट डिब्बे में भरकर रख

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महौषधि है गौमूत्र ( केवल देशी गाय का )

22 दिसम्बर 2015
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आयुर्वेद

26 दिसम्बर 2015
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मोटापे का इलाज (Obesity)(१) खाना खूब चबा-चबाकर खायें | (२) चूना खाना है (एक गेहूं के दाने के बराबर दिन में एक बार ) दस मिनट धूप में टहलें | (३) त्रिफला चूर्ण एक चम्मच एक गिलास गर्म पानी में उबालकर दो चम्मच गुड़ या शहद मिलाकर काढ़ा बनाकर पियें | (४) त्रिफला और गिलोय चूर्ण तीन-तीन ग्राम में मिलाकर चाटना

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बाजरा खाओ, सेहत बनाओ

29 दिसम्बर 2015
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बाजरा खाओ, सेहत बनाओअ+अ-हाथरस। भले ही लोग बाजरा खाने से कतराते हों, लेकिन शायद वह इस बात से बेखबर हैं कि अन्य अनाजों की अपेक्षा बाजरा में सबसे ज्यादा प्रोटीन की मात्रा होती है। इसमें वह सभी गुण होते हैं, जिससे स्वास्थ्य ठीक रहता है। ग्रामीण इलाकों में बाजरा से बनी रोटी व टिक्की को सबसे ज्यादा जाड़ो

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आंवला के लाभ

29 जनवरी 2016
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आंवला विटामिन सी का एक महत्वपूर्ण स्रोत है. देखने में यह फल जितना साधारण प्रतीत होता है, उतना ही स्वास्थ्य की दृष्टि से लाभकारी है. एक आंवला चार नीबू के बराबर लाभकारी होता है. एक आंवले में 30 संतरों के बराबर vitamin C होता है है इसे अपने आहार में स्थान दें यह त्वचा की कांति को बनाये रखने के लिए महत्

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कैंसर

30 जनवरी 2016
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मित्रो कैंसर हमारे देश मे बहुत तेज़ी से बढ रहा है । हर साल लगभग बीस लाख लोग कैंसर से मर रहे है और हर साल नए रोगी आ रहे है । और सभी डॉक्टर्स हाथ-पैर डाल चुके है । डॉ .राजीव भाई की एक छोटी सी विनती है याद रखना के … " कैंसर के रोगी को कैंसर से मृत्यु नही होती है, जो ईलाज उसे दिया जाता है उससे मृत्यु सब

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नवरात्र का वैज्ञानिक महत्व :

10 अप्रैल 2016
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 पृथ्वी सूर्य कि परिक्रमा एक निश्चित अवधि में करती है और एक निर्धारित कक्ष में ही करती है । पृथ्वी का कक्ष एक दीर्घवृत्त (ellipse) जबकि सूर्य उसके एक केंद्र पर होता है । जब पृथ्वी सूर्य के अधिक पास होती है तो यहाँ ग्रीष्म ऋतु होती है और जब दूर तो शरद ऋतु । अब जब ऋतुओं में बदलाव होता यानि सूर्य के दू

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