सींचा है किसी ने किसी ने रौदां किया है
जिससे जो बन पड़ा उसने वो किया है
हक़ीक़त को हमने पलकों पे सजाया
इसने हर काम मेरा आसान किया है
हमने इंसान को इंसान है समझा
इस बात ने सबको हैरान किया है
कभी ठहर कर दिल मे देखो तो जरा
हमने वहाँ अच्छा इंतजाम किया है
समीर कुमार शुक्ल