08 मार्च 2016
स्त्री यदि बहन है तो प्यार का दर्पण है,स्त्री यदि पत्नी है तो खुद का समर्पण है,स्त्री यदि भाभी है तो भावना का भण्डार है,स्त्री अगर मामी, मौसी, बुआ है तो स्नेह का सत्कार है,स्त्री यदि चाची है तो कर्तव्य की साधना है,स्त्री अगर साथी है तो सुख की शतत् सम्भावना है,औरस्त्री यदि माँ है तो साक्षात परमात्मा
08 मार्च 2016