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दलितों के मसीहा थे मान्यवर कांशीराम जी (15 मार्च-जयंती पर विशेष)

16 मार्च 2016

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दलितों के मसीहा एवं बहुजन समाज पार्टी के संस्थापक स्वर्गीय कांशीराम जी का जन्म 15 मार्च सन 1934 को पंजाब के रोपड़ ज़िले में हुआ था। कांशीराम जी के पिता का नाम एस. हरि सिंह था। स्वभाव से सरल और इरादे के पक्के कांशीराम जी की कर्मयात्रा 60 के दशक से प्रारंभ हुई और 70 के दशक के शुरूआती दिनों में उन्होंने पुणे में रक्षा विभाग की नौकरी छोड़ दी। ऐसा उन्होंने बाबा साहब डॉ. भीमराव अम्बेडकर का जन्मदिन समारोह मनाने संबन्धी विवाद के चलते किया था, इसके बाद वह महाराष्ट्र में दलितों की राजनीति में दिलचस्पी लेने लगे। वर्ष 1978 में कांशीराम जी ने 'बामसेफ' (आल इंडिया बैकवर्ड एंड माइनॉरिटी कम्युनिटीज एम्प्लाइज फेडरेशन) का गठन किया। बामसेफ के माध्यम से सरकारी नौकरी करने वाले दलित शोषित समाज के लोगों से एक निश्चित धनराशि लेकर समाज के हितों के लिए संघर्ष करते रहे। वर्ष 1981 में उन्होंने 'दलित शोषित संघर्ष समाज समिति' की स्थापना की और 1984 में बसपा (बहुजन समाज पार्टी) का गठन किया। उन्होंने बाबा साहब के इस सिद्धांत को माना कि 'सत्ता ही सभी चाबियों की चाबी है’। कांशीराम जी चुनाव लडऩे से कभी पीछे नहीं हटे। उनका मानना था कि चुनाव लडने से पार्टी मजबूत होती है, उसकी दशा सुधरती है तथा जनाधार बढ़ता है। उन्होंने इलाहाबाद संसदीय सीट से 1981 में तत्कालीन प्रधानमंत्री विश्वनाथ प्रताप सिंह के विरुद्ध चुनाव लड़ा था। इस चुनाव में उनके ऊपर वी. पी. सिंह से रुपये लेकर लड़ने का आरोप भी लगाया गया हालाँकि कांशीराम जी किसी भी आरोप से कभी भी विचलित नहीं होते थे। अपने संगठन के द्वारा जो भी धन उनके पास आता था उसमें से उन्होंने कभी भी एक रुपया अपने परिवार वालों तक को नहीं दिया और न ही अपने किसी निजी कार्य में इसको खर्च किया। इलाहाबाद के चुनाव में कांशीराम जी ने 80 हज़ार वोट हासिल किये। वर्ष 1993 में पहली बार इटावा संसदीय सीट से चुनाव जीतकर कांशीराम जी लोकसभा में पहुंचे, उस समय समाजवादी पार्टी ने बसपा का साथ दिया था। यहीं से बसपा और सपा की दोस्ती शुरू हुई। वर्ष 1993 में दोनों पार्टियों की गठबंधन की सरकार उत्तर प्रदेश में बनी और मुलायम सिंह यादव मुख्‍यमंत्री बने परन्तु वर्ष 1995 में बसपा ने समर्थन वापस ले लिया और सरकार गिर गयी। मायावती को सत्तासीन करने के लिए कांशीराम जी ने भारतीय जनता पार्टी के सहयोग से राज्य में पहली बार सरकार बनाई, मायावती मुख्‍यमंत्री बनीं। कांशीराम ने पार्टी और दलितों के हित के लिये समाजवादी पार्टी, भारतीय जनता पार्टी व कांग्रेस सभी का साथ दिया और सहयोगी बने| उनका कहना था कि राजनीति में आगे बढने के लिए यह सब जायज़ है। कांशीराम जी का राजनीतिक दर्शन था कि अगर सर्वजन की सेवा करनी है तो हर हाल में सत्ता के क़रीब ही रहना है। सत्ता में होने वाली प्रत्येक उथल पुथल में भागीदारी बनानी है। बसपा आज भी उनके राजनीतिक दर्शन के साथ है। वह मुख्‍यमंत्री बनवाते रहे और राजनीतिक दलों को समर्थन देते रहे। केन्द्र सरकार को समर्थन देते रहे लेकिन खुद कभी भी किसी पद पाने की महत्वाकांक्षा उन्होंने प्रदर्शित नहीं की। 9 अक्टूबर 2006 को कांशीराम जी का दिल्ली में निधन हो गया। वे 72 साल के थे। बसपा की स्थापना व दलितों को देश की राजनीति में विशेष स्थान दिलाने के लिए कांशीराम जी के योगदान को हमेशा याद किया जाएगा।(साभार:भारतडिस्कवरी.ओआरजी)

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रचनाएँ
amaryaaden
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विभिन्न क्षेत्रों के विशिष्ट शख्सियतों को भावभीनी आदरांजलि जो अब हमारी यादों में ज़िंदा हैं...
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सदा रहेंगे सादगी के सदाबहार संगीतकार, गीतकार एवं गायक रविन्द्र जैन “दादू”

10 अक्टूबर 2015
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अलीगढ़ में जन्म से ही नेत्रहीनरविन्द्र जैन के मन की आँखों ने जीवन संगीत के उस स्वरुप को छू लिया, जिसेनेत्रवान इंसान को छूने में सदियाँ लग जायें| रविन्द्र जैन उस शख्सियत का नाम है,जिसने कुदरत द्वारा प्रदत्त अभिशाप को वरदान साबित कर एक नजीर पेश की कि हौसलों केआगे हर चीज़ बेमानी है| रविन्द्र जैन बहुमुखी

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मिसाइल मैन “कलाम” को देश का सादर नमन

15 अक्टूबर 2015
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देश को करप्शन-फ्री होनाहै तो समाज में 3 ही ऐसे लोग हैं, जो ये कर सकते हैं। माता-पिता और टीचर। ........कलाम मिसाइल मैन के नाम सेमशहूर “अब्दुल कलाम” अब भले ही शारीरिक रूप से हमारे बीच नहीं लेकिन हमारेमन-मस्तिष्क में वो सदा पूजनीय रहेंगे | उनका “सादा जीवन-उच्च विचार” और सतत संघर्षसे कभी हार न मानने वाल

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नेताजी सुभाष चन्द्र बोस की जयंती पर उन्हें देश का शत शत नमन !!!

23 जनवरी 2016
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पंजाब केसरी को उनकी जयंती पर भावभीनी श्रधांजलि !!!

28 जनवरी 2016
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भारत के एक प्रमुख स्वतंत्रता सेनानियों में से एक लाला लाजपत राय जिन्हें ‘पंजाबकेसरी’ भी कहते हैं की आज जयंती है| पंजाब के मोगा जिले में एक अग्रवाल बनियापरिवार में जन्मे लाला लाजपत राय ने कुछ समय तक हरियाणा के रोहतक और हिसार शहरोंमें वकालत भी की। ये भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के गरम दल के प्रमुख नेता

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भारतीयता के जीवंत चित्र उकेरे अमृता शेरगिल ने (103 वीं जयंती पर विशेष)

30 जनवरी 2016
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आज गूगल को अगर आपने खोला होगा तोइसके डूडल पर आपने जरुर गौर किया होगा| असल में गूगल ने आज अपना डूडल भारत की अमरमहिला चित्रकार अमृता शेरगिल को समर्पित किया है क्योंकि आज उनकी १०३ वीं जयंतीहै| भारत के प्रसिद्ध चित्रकारों में से एक अमृता शेरगिल जी का जन्म ३० जनवरी १९१३को बुडापेस्ट (हंगरी) में हुआ था। कल

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पुण्यतिथि पर भावभीनी श्रधांजलि!!!

1 फरवरी 2016
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भारतीयमूल की प्रथम महिला अंतरिक्ष यात्री कल्पना चावला की पुण्यतिथि पर देश की भावभीनीश्रधांजलि!!!

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हमारी यादों में हमेशा जिंदा रहेंगे निदा फाजली (८ फरवरी २०१६ को निधन पर भावभीनी श्रधांजलि)

9 फरवरी 2016
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घर से मस्जिद है बहुत दूर चलो, यूँ कर लेंकिसी रोते हुए बच्चे को हँसाया जाये|हमसफ़र तो कोई वक़्त के वीराने में,सूनी आँखों में कोई ख्वाब सजाया जाये|रोशनी की भी हिफ़ाज़त है इबादत की तरह,बुझते सूरज से चराग़ों को जलाया जाये|ग़म अकेला है तो साँसों को सताता है बहुत,दर्द को दर्द का हमदर्द बनाया जाये|घर से मस्जिद ह

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एकात्म मानववाद जैसी प्रगतिशील विचारधारा के सूत्रधार पंडित दीनदयाल उपाध्याय (पुण्यतिथि पर भावभीनी श्रधांजलि!!!)

11 फरवरी 2016
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भारतीय जनसंघ के अध्यक्ष तथा भारतकी सनातन विचारधारा को युगानुकूल रूप में प्रस्तुत करते हुए देश को ‘एकात्ममानववाद जैसी प्रगतिशील विचारधारा’ देने वाले पण्डित दीनदयाल उपाध्याय का जन्म २५सितम्बर १९१६ को उत्तर प्रदेश के मथुरा जिले के छोटे से गाँव नगला चन्द्रभान मेंहुआ था। इनके पिता का नाम भगवती प्रसाद उपा

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लांसनायक हनुमंतप्पा नहीं रहे, देश में शोक की लहर

11 फरवरी 2016
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सियाचिन में बर्फ के सैलाब में भी जीवटता के प्रतीक  रहे देश के वीर सपूत लांसनायक हनुमंतप्पा ने आज आख़िरीसाँस ली और अमर हो गए देश की तरफ से इन्हें अश्रुपूरित श्रधांजलि !!! ईश्वर इनकीआत्मा को शांति दें!!!

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महान चिन्तक, समाज-सुधारक व देशभक्त स्वामी दयानन्द सरस्वती (जयंती पर विशेष)

12 फरवरी 2016
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महर्षि दयानन्द सरस्वती आधुनिक भारत के महान चिन्तक, समाज-सुधारक व देशभक्त थे। स्वामीदयानन्द सरस्वती जी का जन्म १२ फ़रवरी सन् १८२४ में मोरबी (मुम्बई की मोरवीरियासत) के पास काठियावाड़ क्षेत्र (जिला राजकोट), गुजरात में हुआ था। उनके पिता कानाम करशनजी लालजी तिवारी और माँ का नाम यशोदाबाई था। उनके पिता एक क

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“खूब लड़ी मरदानी वो तो झांसी वाली रानी थी” की उम्दा कवयित्री और कथाकार सुभद्रा कुमारी चौहान

16 फरवरी 2016
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“खूब लड़ी मरदानी वो तो झांसी वालीरानी थी” जैसी अमर कविता की रचयिता सुभद्राकुमारी चौहान जितनी बड़ी कवयित्री थीं, उतनी ही बड़ी कथाकार भी थीं। सुभद्राकुमारी चौहान का जन्मनागपंचमी के दिन 16 अगस्त 1904 को इलाहाबाद (उत्तरप्रदेश) के निकट निहालपुर गाँव में एकसम्पन्न परिवार में हुआ था। सुभद्राकुमारी को बचपन

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भारतीय फिल्म उद्योग के 'पितामह' दादासाहब फालके (पुण्यतिथि पर विशेष)

16 फरवरी 2016
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दादासाहबफालके का पूरा नाम धुंडीराज गोविन्द फालके है और इनका जन्म महाराष्ट्र के नाशिकशहर (प्रसिद्ध तीर्थ) से लगभग २०-२५ किमी की दूरी पर स्थित बाबा भोलेनाथ की नगरीत्र्यंबकेश्वर (यहाँ प्रसिद्ध शिवलिंगों में से एक स्थित भी है) में ३० अप्रैल१८७० ई. को हुआ था। इनके पिता संस्कृत के प्रकांड पंडित थे और मुम्

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महान संत एवं विचारक रामकृष्ण परमहंस (जयंती पर विशेष)

18 फरवरी 2016
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भारत के एक महान संत एवं विचारक रामकृष्ण परमहंस ने सभी धर्मों की एकता पर जोरदिया। उन्हें बचपन से ही विश्वास था कि ईश्वर के दर्शन हो सकते हैं अतः ईश्वर कीप्राप्ति के लिए उन्होंने कठोर साधना और भक्ति का जीवन बिताया। वास्तव में स्वामीरामकृष्ण मानवता के पुजारी थे। साधना के फलस्वरूप वह इस निष्कर्ष पर पहुँ

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26/11 मुंबई आतंकी घटना में शहीद हुए अमर सेनानी संदीप उन्नीकृष्णन को देश का शत शत नमन (जयंती पर विशेष)

15 मार्च 2016
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अमर सेनानी संदीप उन्नीकृष्णन भारतीय सेना में एक मेजरथे, जिन्होंने राष्ट्रीय सुरक्षागार्ड्स (एनएसजी) के कुलीन विशेष कार्य समूह में काम किया। 26/11 -2008  मुंबई आतंकी हमले मेंआतंकवादियों से लड़ते हुए शहीद हुए अमर सेनानी  संदीपउन्नीकृष्णन का जन्म 15 मार्च 1977 को हुआ था। संदीपउन्नीकृष्णन बैंगलोर स्थित

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धारावाहिक महाभारत के संवाद लेखक डॉ० राही मासूम रज़ा की पुण्यतिथि पर आदरांजलि

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डॉ० राही मासूम रज़ा का जन्म १ सितंबर, १९२५ को गाजीपुर जिले के गंगौलीगांव में हुआ था और प्रारंभिक शिक्षा-दीक्षा गंगा किनारे गाजीपुर शहर के एकमुहल्ले में हुई थी। बचपन में पैर में पोलियो हो जाने के कारण उनकी पढ़ाई कुछसालों के लिए छूट गयी, लेकिन इंटरमीडिएट करने के बाद वह अलीगढ़ आ गये और यहीं सेएमए करने

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दलितों के मसीहा थे मान्यवर कांशीराम जी (15 मार्च-जयंती पर विशेष)

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दलितों केमसीहा एवं बहुजन समाज पार्टी के संस्थापक स्वर्गीय कांशीराम जी का जन्म 15 मार्चसन 1934 को पंजाब के रोपड़ ज़िले में हुआ था। कांशीराम जी के पिता का नाम एस. हरिसिंह था। स्वभाव से सरल और इरादे के पक्के कांशीराम जी की कर्मयात्रा 60 के दशक सेप्रारंभ हुई और 70 के दशक के शुरूआती दिनों में उन्होंने पु

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23 मार्च यानि शहीद दिवस

23 मार्च 2016
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मातृभूमि के वास्ते बलिवेदी पर हँसते-हँसते कुर्बान वीरों भगत सिंह, सुखदेव और राजगुरु कोपूरे देश का शत-शत नमन!!!

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हरदिलअज़ीज़ गीतकार आनंद बक्शी की पुण्यतिथि पर खास

30 मार्च 2016
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हिंदी फिल्मों के जाने-माने हरदिलअज़ीज़ गीतकार आनंद बक्शी का जन्म 21 जुलाई 1930 को पाकिस्तान के रावलपिंडी शहर (तत्कालीनअविभाजित भारत देश) में हुआ था| 10 वर्ष की आयु में ही इनकी माँसुमित्रा के देहावसान के बाद इनका परिवार जब यह 17 वर्ष के थे लखनऊ आ गया और यहाँ से दिल्ली जाकर वहीं बस गया| उल्लेखनीय है कि

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बेमिसाल अभिनय की प्रतिमूर्ति थीं हिंदी फिल्मों की ट्रेजेडी क्वीन मीना कुमारी (पुण्यतिथि पर श्रधांजलि)

31 मार्च 2016
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हिंदी फिल्मों कीप्रख्यात अभिनेत्री एवं दुखांत फिल्मों में भावुक एवं बेजोड़ अभिनय हेतु ट्रेजेडीक्वीन के खिताब से पुकारी जाने वाली उम्दा हीरोइन मीना कुमारी का असली नाम माहजबींबानो था और 1 अगस्त 1932 को ये बंबई (वर्तमान में मुंबई) में पैदा हुई थीं। उनकेपिता अली बक्श भी फिल्मों में और पारसी रंगमंच के एक

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हिंदुस्तान के हीरो थे सैम मानेकशा जिन्होंने गिड़गिड़ाने पर मजबूर कर दिया था पाकिस्तान को (जन्मतिथि ३ अप्रैल पर विशेष)

4 अप्रैल 2016
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3 अप्रैल का दिन भारत और भारतीय सेना के इतिहास में बेहद खास है। क्योंकि इसीदिन 1914 को महान योद्धा सैम मानेकशा का जन्म हुआ था। मूल गुजराती और पारसी सामहोरमूसजी फराजी जमशेदजी मानेकशा ने ही सन् 1971 में पाकिस्तान को धूलचटाकर बांग्लादेश को आजाद मुल्क बनाने में अहम भूमिका निभाई थी और 91000 पाक सैनिकों को

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हिंदी फिल्म इंडस्ट्री के प्रख्यात निर्माता-निर्देशक शक्ति सामंत की पुण्यतिथि पर भावभीनी आदरांजलि!

9 अप्रैल 2016
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13 जनवरी 1926 को पश्चिम बंगाल के वर्धमान में जन्में थे हिंदी सिनेमा जगत के प्रख्यात निर्माताऔर निर्देशक शक्ति सामंत| उनका शैक्षणिक जीवन देहरादून और कोलकाता में बीता| ज्ञातव्यहै कि आराधना (1969), अनुराग (1972) और अमानुष (1975) जैसी फिल्मों के लिए 3 फिल्मफेयर बेस्ट फिल्म का अवार्ड हासिल करने वाले शक्त

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हिंदी फिल्म इंडस्ट्री के मशहूर गायक एवं पहले सुपरस्टार थे के.एल. सहगल साहब (जन्मतिथि पर खास)

11 अप्रैल 2016
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प्रख्यात अभिनेता और गायक कुंदन लाल सहगल (के.एल.सहगल) का जन्म ११ अप्रैल १९०४को जम्मू में हुआ था| प्रेसिडेंट फिल्म का गीत एक बंगला बने न्यारा और शाहजहाँफिल्म का गीत जब दिल ही टूट गया जैसे सदाबहार सुपरहिट गानों को गाने वाले सहगल साहब का रूझान बचपन से ही गीत-संगीत की ओर था। उनकी मां केसरीबाई कौर की धार्

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दलितों और निर्बलों के लिए सर्वस्व न्योछावर करने वाले महात्मा थे ज्योतिराव गोविंदराव फुले यानि ज्योतिबा फुले (जयंती पर विशेष)

11 अप्रैल 2016
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19वीं सदी के महान भारतीय विचारक, समाजसेवी, लेखक, दार्शनिक तथा क्रान्तिकारी कार्यकर्ता महात्मा ‘ज्योतिराव गोविंदराव फुले' यानि ‘ज्योतिबा फुले’ जी का  जन्म ११ अप्रैल १८२७ को पुणे में हुआ था। उनका परिवार कई पीढ़ी पहले सतारा से पुणे आकर फूलों के गजरे आदि बनाने का कामकरने लगा था। इसलिए माली के काम में लग

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हिंदी फ़िल्मों के स्टाइल आइकन थे फ़िरोज़ खान ( पुण्यतिथि पर विशेष )

27 अप्रैल 2016
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25 सितम्बर 1939 को बंगलुरु में जन्मे हिंदी सिनेमा के लोकप्रिय अभिनेताओं में शुमार है नाम बेहद स्टाइलिश फ़िरोज़ खान का | अफ़गानी मूल के फ़िरोज ने 1960 की फिल्म दीदी में सेकंड लीड एक्टर के तौर पर बॉलीवुड में पदार्पण किया| हालाँकि 1965 की फिल्म ऊँचे लोग की कामयाबी ने उन्हें फिल्म इंडस्ट्री में स्थापित किया

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