एक घोटालेबाज जुर्मी नेता के जेल जाने पर गाया जाने वाला हास्य गीत -
@@@@@@@@@जनता की हाय तू लेता जा@@@@@@@@@
जनता की हाय तू लेता जा ,जा तुझ को दुःख अपार मिले |
रिश्वत की याद न आये कभी ,जनता से ऐसी दुत्कार मिले ||
जितने भी घोटाले किये तुमने ,उन सबका तुझे हिसाब मिले |
तेरे जीवन के गुलशन में कभी ,खुशी का नहीं कोई फूल खिले ||
जनता की हाय तू लेता जा,जा तुझ को दुःख अपार मिले |
रिश्वत की याद न आये कभी ,जनता से ऐसी दुत्कार मिले ||
जितनी भी सम्पति बनायी तुमने ,नहीं उसका तुम्हें अधिकार मिले||
तर माल की याद रोज आये तुम्हें ,तिहाड़ में ऐसी रोटी - दाल मिले ||
जनता की हाय तू लेता जा,जा तुझ को दुःख अपार मिले |
रिश्वत की याद न आये कभी ,जनता से ऐसी दुत्कार मिले ||
जितने भी पाप किये तुमने ,उन सबका तुम्हें सही दण्ड मिले |
गबन की याद आये न कभी ,जब्त हो जाये जो भी फण्ड मिले ||
जनता की हाय तू लेता जा,जा तुझ को दुःख अपार मिले |
रिश्वत की याद न आये कभी ,जनता से ऐसी दुत्कार मिले ||
जो बाहुबली पाले तुमने ,उनकी भी तुम्हें फटकार मिले |
गरीबों का कौर छिना तुमने ,जा तुझ को सूखी रोटी चार मिले ||
जनता की हाय तू लेता जा,जा तुझ को दुःख अपार मिले |
रिश्वत की याद न आये कभी ,जनता से ऐसी दुत्कार मिले ||
नानी याद आ जाय तुझ को ,दुखों की ऐसी तुझे मार मिले |
तू लाख जतन करले चाहे ,पर नहीं कोई तेरा यार मिले ||
जनता की हाय तू लेता जा,जा तुझ को दुःख अपार मिले |
रिश्वत की याद न आये कभी ,जनता से ऐसी दुत्कार मिले ||
जिस जेल से बंधे भाग तेरे ,उस जेल में कैदी खूंखार मिले ||
चेहरे पर भय का भाव रहे ,कष्टों का नहीं कोई पार रहे ||
जनता की हाय तू लेता जा,जा तुझ को दुःख अपार मिले |
रिश्वत की याद न आये कभी ,जनता से ऐसी दुत्कार मिले ||
जिस देशभक्त को मरवाया तुमने ,तुझे जेलर उसका रिश्तेदार मिले |
जिसकी मियाद न हो कभी पूरी ,तुझे ऐसी सजा इस बार मिले ||
जनता की हाय तू लेता जा,जा तुझ को दुःख अपार मिले |
रिश्वत की याद न आये कभी ,जनता से ऐसी दुत्कार मिले ||