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राशि क्या है ?

7 अप्रैल 2016

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ज्योतिष में नक्षत्रों के समूह को राशि कहते हैं। वैसे भी राशि का शाब्दिक अर्थ है 'समूह'। आकाश में असंख्य तारे हैं और इसी तारक-समुदाय को सुविधा हेतु समूहों में विभाजित कर लिया गया। फिर उनके आकार साम्य के अनुसार उनका नामकरण कर लिया गया। ज्योतिष में गृह और रशियन एक दूसरे से सम्बद्ध हैं। ग्रहों को महत्त्व देने के लिए प्रत्येक गृह को नक्षत्रों अथवा राशियों का स्वामी मान लिया गया।

नक्षत्र कुल 27 हैं और 12 राशियाँ होती हैं। एक राशि सवा दो नक्षत्र से मिलकर बनती है। एक नक्षत्र में चार चरणाक्षर होते हैं। इस प्रकार एक राशि में 9 चरणाक्षर होते हैं।


राशियों के अनुसार अंग विभाग :

आचार्य वराहमिहिर ने 12 राशियों को कालपुरुष का अंग मान कर शरीर में उनकी स्थिति इस प्रकार बतलाई है :

मेष की सिर में, वृषभ की मुख में, मिथुन की छाती के मध्य, कर्क की ह्रदय में, सिंह की उदर में, कन्या की कमर में, तुला की पेड़ू में, वृषिक की लिंग में, धनु की जंघा में, मकर की दोनों घुटनों में, कुम्भ की दोनों पिंडलियों में तथा मीन की दोनों पैरों में।


पुरुष संज्ञक राशियाँ :

मेष, मिथुन, सिंह, तुला, धनु और कुम्भ पुरुष राशियाँ कहलाती हैं।


स्त्री संज्ञक राशियाँ :

वृषभ, कर्क, कन्या, वृश्चिक, मकर और मीन स्त्री राशियाँ कहलाती हैं।


चर संज्ञक राशियाँ :

मेष, कर्क, तुला और मकर 'चर' संज्ञक राशियाँ कहलाती हैं।


स्थिर संज्ञक राशियाँ :

वृष, सिंह, वृश्चिक और कुम्भ 'स्थिर' संज्ञक राशियां कहलाती हैं।


द्विस्वभाव राशियाँ :

मिथुन, कन्या, धनु और मीन द्विस्वभाव राशियाँ कहलाती हैं।


अग्नि-तत्व प्रधान राशियाँ :

मेष, सिंह और धनु अग्नि-तत्व प्रधान राशियाँ हैं।


जल-तत्व प्रधान राशियाँ :

कर्क, वृश्चिक और मीन जल-तत्व प्रधान राशियाँ हैं।


पृथ्वी-तत्व प्रधान राशियाँ:

वृष, कन्या और मकर पृथ्वी-तत्व प्रधान राशियाँ हैं।


वायु-तत्व प्रधान राशियाँ :

मिथुन, तुला और कुम्भ वायु तत्व प्रधान राशियाँ हैं।

जन्म-कुण्डली में चन्द्रमा जिस राशि पर होगा, जातक की वही राशि होगी। लेकिन जब किसी की कुण्डली उपलब्ध नहीं होती है तो प्रायः प्रचलित नाम के प्रथम अक्षर के अनुसार राशि मान ली जाती है। किन्तु नामाक्षर के अनुसार फल-कथन तथा कुंडली के अनुसार निर्धारित राशि के फल-कथन में अंतर को ज्योतिष के विद्यार्थी स्वयं अनुभव करें ।  

राशियों के गुणों के अनुसार ही व्यक्तित्व का अनुमान लगाया जाता है। फिर, उन राशियों पर किन ग्रहों का प्रभाव है, यह आगे की जानकारी निर्धारित करता है।   


चंद्रेश विमला त्रिपाठी

चंद्रेश विमला त्रिपाठी

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