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कविता

26 अप्रैल 2016

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कही कवि ना बन जाऊ ऐ कविता तेरे प्यार मे

है नही तुम जैसा कोई सारे इस संसार मे

है नशा तुझमे बड़ा कविता है चाहत मेरी

गा रहा था मै गजल थी वही पर तू खडी


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कविता

26 अप्रैल 2016
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कही कवि ना बन जाऊ ऐ कविता तेरे प्यार मेहै नही तुम जैसा कोई सारे इस संसार मेहै नशा तुझमे बड़ा कविता है चाहत मेरीगा रहा था मै गजल थी वही पर तू खडी

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मुक्तक

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8 अगस्त 2016
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KUMAR ROHIT RAJ KI SAYARI : दिल मेरा मुझसे अब अक्सर

26 अगस्त 2016
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दिल मेरा मुझसे अब अक्सर, पूछता है बस यहीदिल मेरा मुझसे अब अक्सर, पूछता है बस यही |यूँ मुझे गैरो को देने, का तुम्हे अधिकार क्या है ?तुमने किया वादा मुझी से, दिल्लगी थी तो कहो फिर |गर वो सब कुछ दिल्लगी थी, तो कहो फिर प्यार क्या है ?क्यूँ हुई चाहत तुम्ही पे, प्यार में खुद क

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