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एक प्रोफेसर साहब कक्षा में जीवों के सम्बन्ध में पढ़ा रहे थे.

27 अप्रैल 2016

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इसके लिए उन्होंने एक चूहे के एक तरफ रोटी और दूसरी तरफ चुहिया रखी. फिर जैसे ही चूहे को छोड़ा वह सीधा रोटी की तरफ लपका.


दूसरी बार उन्होंने रोटी हटाकर उसकी जगह चावल रखे. इस बार भी चूहा चुहिया की तरफ न जाकर चावलों पर टूट पड़ा.

इस तरह प्रोफ़ेसर ने खाने की कई चीज़ें बदल-बदल कर चूहे के पास रखी और हर बार चूहा खाने की चीज़ों की तरफ ही गया. चुहिया की तरफ उसने देखा भी नहीं.


प्रोफ़ेसर ने छात्रों को निष्कर्ष समझाया – “इससे साबित होता है कि भूख ही सबसे बड़ी ज़रूरत है…दूसरी जरूरतें उसके आगे कुछ भी नहीं..”

छात्रों के बीच में से एक आवाज़ आई – “एक बार चुहिया भी बदल कर देख लेते सर…. हो सकता है यह चुहिया उसकी बहिन हो … !!!”

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एक प्रोफेसर साहब कक्षा में जीवों के सम्बन्ध में पढ़ा रहे थे.

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जीवन की सच्चाई

4 मई 2016
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जीवन की सचाई एक आदमी की चार पत्नियाँ थी।वह अपनी चौथी पत्नी से बहुत प्यार करता था और उसकी खूब देखभाल करता व उसको सबसे श्रेष्ठ देता।वह अपनी तीसरी पत्नी से भी प्यार करता था और हमेशा उसे अपने मित्रों को दिखाना चाहता था। हालांकि उसे हमेशा डर था की वह कभी भी किसी दुसरे इंसान के साथ भाग सकती है।वह अपनी दूस

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