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शब्दनगरी के लिए

30 अप्रैल 2016

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शब्दनगरी अपने शब्दों से

महका दो शब्दों के संसार को

शब्दों में भर दो प्राण भाव

भाव जो सर्वर्त महक बिखेरे 

बन नवरंग चित्रो के चितेरे 

उकेर दो रचनाओ को 

मानस पटल पर 

ए मेरी शब्दनगरी ।

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