यार तुम अपने
बाल बाँधा न
करो। ये जो
तुम्हारे खुले भीगे
से बाल, जब
हवा के हलके
झोंके से, तुम्हारे
खूबसूरत चेहरे का दीदार
करते हैं न,
तो कसम से
तुमसे फिर से
इतना इश्क़ हो
जाता है, की
दिल करता है
की एक ताजमहल
तो तुम्हारे लिए
भी बनवा ही
दें।
27 मई 2016
यार तुम अपने
बाल बाँधा न
करो। ये जो
तुम्हारे खुले भीगे
से बाल, जब
हवा के हलके
झोंके से, तुम्हारे
खूबसूरत चेहरे का दीदार
करते हैं न,
तो कसम से
तुमसे फिर से
इतना इश्क़ हो
जाता है, की
दिल करता है
की एक ताजमहल
तो तुम्हारे लिए
भी बनवा ही
दें।