shabd-logo

मिलकर भी हम फिर क्यों जुदा होगये ?

28 मई 2016

187 बार देखा गया 187

मिलकर भी हम फिर क्यों जुदा होगये ?


मिलकर  भी क्यों, हम फिर  जुदा हो गये  ?

क्या हुआ ऐसा कि ,तुम मुझसे खफा हो गये ?


शायद  उनको आजाये  याद हमारी ,

उनके इंतजार मै हो बेकरारी !


फिर से हों दिन उजाला ओर रात प्यारी !
हमने की क्या बेवफाई ? ,बताएं तो जरा ,


करे दूर ग़लतफ़हमी ,फिर हो खुशगवारी  !
दिन रात एक ही ख्याल दिल में आता है ,


उनका मासूम चेहरा , नजर आता है !
दीदार करने को मन तडफ जाता है !


मिलकर  भी क्योंहम फिर  जुदा हो गये  ?

क्या हुआ ऐसा कि ,तुम मुझसे खफा हो गये ?


**************

1

* पुस्तकों का महत्व *

23 सितम्बर 2015
0
7
2

पुस्तकों का मूल्य रत्नों से भी अधिक होता है क्योंकि रत्न तो केवल बाहरी चमक - दमक दिखाते हैं पर पुस्तकें हमारे अन्तःकरण को उज्ज्वल बनाती हैं !

2

* पुस्तकों का महत्व *

23 सितम्बर 2015
0
4
2

पुस्तकों का मूल्य रत्नों से भी अधिक होता है क्योंकि रत्न तो केवल बाहरी चमक - दमक दिखाते हैं पर पुस्तकें हमारे अन्तःकरण को उज्ज्वल बनाती हैं !

3

वक्त - वक्त की बात है

28 अप्रैल 2016
0
4
3

 वक्त - वक्त की बात  हैवक्त क्या है !!!  घडी, पल, दिनों का लेखा -जोखा हैवक्त !कभी सोने सा सुनहरा , तो कभी कोयले सा काला है वक्त,कभी अच्छा तो कभी बुरा है वक्त !कभी  अर्श  पर तो कभी फर्श पर लाता हैवक्त.!कभी खुशिया तो कभी गम मेंरुलाता  है वक्त . वक्त क्या है !!! .........दोस्त है नसीबवालों  क़ा,  तो  व

4

वाह ईश्वर !!! क्या खूबसूरत दुनिया बनाई !!!

3 मई 2016
0
4
1

वाह ईश्वर !!! क्या खूबसूरत दुनिया बनाई !!!हेभगवान  अजब तेरी माया ,कही  खुशियो  की धूप, कही गमो का साया / छाया I कही दौलत के झगडे ,कही भाषा के रगडे ,कही छाई  मायूसी , तो कही ,खुशियोका सागर लहराया!!कही रोटी को तरसते, कही पैसे बरसते.,जरा त

5

मिलकर भी हम फिर क्यों जुदा होगये ?

28 मई 2016
0
2
0

मिलकर भी हम फिर क्यों जुदा होगये ?मिलकर  भी क्यों, हम फिर  जुदा हो गये  ?क्या हुआ ऐसा कि ,तुम मुझसे खफा हो गये ?शायद  उनको आजाये  याद हमारी ,उनके इंतजार मै हो बेकरारी !फिर से हों दिन उजाला ओर रातप्यारी !हमने की क्या बेवफाई ?,बताएं तो जरा ,करे दूर ग़लतफ़हमी ,फिर हो खुशगवारी  !दिन रात एक ही ख्याल दिल मे

6

कैसा लगता है ?

1 दिसम्बर 2016
0
3
0

कैसा लगता है ? जब दिन गुजरे गिनाते घड़ीयां - पल ,जब हो किसीका अंतहीन इंतज़ार ,ना वह आये और ना दे कोई सुराग ! तब कैसा लगता है ?जब लगने लगा आज आनेवाला है वह शुभ दिन,और वह ले आये मायूसी का पैगाम ,तरस रहे सुनने को हाँ पर सुनना पड़े नकार ! तब क

7

जल्दी आना-लघुकथा

24 नवम्बर 2020
0
0
0

जल्दी आना-लघुकथापत्नी ने आफिस जाते पति से कहा - " घर जल्दी आ जाना !" हमेशा की भाँति पति - " हाँ, अवश्य" कहकर मुसकुराता हुआ ऑफिस के लिए निकल गया ! सदैव की भाँती पत्नी, पति के घर लौटने का इंतजार करने लगी और पति के साथ आने वाली शाम के सुहाने सपने बुनने लगी ! आदतन पति दोस्तों के साथ

8

हाइकु लेखन प्रथम प्रयास

20 दिसम्बर 2020
0
1
1

हाइकु 1)रोको न पग बढ़ो देश खातिर करो विकास !2)वाद विवाद हो जाता है अनर्थना करो व्यर्थ !3)माँ का दुलार प्रभु का वरदान है अनमोल !4)मैं तो पेड़ हूँ,मौन खड़ा सदैव ,मानव तुमबस काटते रहे !डॉ. उषा श्रीवास्तव

---

किताब पढ़िए