जीवन में सफलता तो आवश्यक है ही लेकिन यह भी आश्यक है कि आप जीवन से संतुष्ट एवं प्रसन्न रहें. धन और शोहरत तो जरूरी है लेकिन उनके पीछे भागते रहने से मौजूदा जीवन पर प्रतिकूल असर नहीं पड़ना चाहिये. अक्सर लोग परेशान रहते है कि जीवन में सुख नहीं है, लेकिन यह सुख दरअसल आपके हाथ में ही है. बस आपको पहचानना है अपने आपको, अपनी अंदर की शक्ति को. आपके मन में वो ताकत है जो किसी भी असम्भव कार्य को संभव बना सकती है, तभी तो किसी ने क्या खूब कहा है.......... तू जो चाहे धरती पहाड़ को भी फोड़ दे, तू जो चाहे नदियों के मुख को भी मोड़ दे, अमर तेरे प्राण, मिला तुझको वरदान, तेरी आत्मा में स्वयं भगवन है रे , मनुष्य तू बड़ा महान है.
रास्ते को पार करना है तो भय की स्थिति में भी चलते रहो, दूरी अवश्य कम होगी. धीरज, दृढ इच्छाशक्ति, अटल निश्चय, कठोर परिश्रम और आत्म विश्वास किसी भी कार्य को संपूर्ण करने के आवश्यक गुण है अतः ये ही सफलता की कुंजी है.