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माँ मैं एक आनुवंशिक वैज्ञानिक हूँ

10 जून 2016

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"माँ, मैं एक आनुवंशिक वैज्ञानिक हूँ। मैं अमेरिका में मानव के विकास पर काम कर रहा हूं। विकास का सिद्धांत, चार्ल्स डार्विन, आपने उसके बारे में सुना है?" वासु ने पूछा।   उसकी मां उसके पास बैठी और मुस्कुराकर बोली, “मैं डार्विन के बारे में जानती हूं, वासु। मैं यह भी जानती हूं कि तुम जो सोचते हो कि उसने जो भी खोज की, वह वास्तव में भारत के लिए बहुत पुरानी खबर है।“    “निश्चित रूप से मां!” वासु ने व्यंग्यपूर्वक कहा।   “यदि तुम कुछ होशियार हो, तो इसे सुनो,” उसकी मां ने प्रतिकार किया। “क्या तुमने दशावतार के बारे में सुना है? विष्णु के दस अवतार?” वासु ने सहमति में सिर हिलाया।    “तो मैं तुम्हें बताती हूं कि तुम और मि.डार्विन क्या नहीं जानते हैं। पहला अवतार था मत्स्य अवतार, यानि मछली। ऐसा इसलिए कि जीवन पानी में आरम्भ हुआ। यह बात सही है या नहीं?” वासु अब और अधिक ध्यानपूर्वक सुनने लगा।    “उसके बाद आया कूर्म अवतार, जिसका अर्थ है कछुआ, क्योंकि जीवन पानी से जमीन की ओर चला गया। उभयचर (ऎम्फिबिअन)। तो कछुए ने समुद्र से जमीन की ओर विकास को दर्शाया।“     “तीसरा था वराह, जंगली सूअर, जिसका मतलब है जंगली जानवर जिनमें बहुत अधिक बुद्धि नहीं होती है। तुम उन्हें डायनासोर कहते हो, सही है?” वासु ने आंखें फैलाते हुए सहमति जताई।    "चौथा अवतार था नृसिंह अवतार, आधा मानव, आधा पशु, जंगली जानवरों से बुद्धिमान जीवों तक विकास।“     पांचवें वामन अवतार था, बौना जो वास्तव में लंबा बढ़ सकता था। क्या तुम जानते हो ऐसा क्यों है? क्योंकि मनुष्य दो प्रकार के होते थे, होमो इरेक्टस और होमो सेपिअंस, और होमो सेपिअंस ने लड़ाई जीत ली।" वासु देख रहा था कि उसकी माँ पूर्ण प्रवाह में थी और वह स्तब्ध था।   "छठा अवतार था परशुराम – वे, जिनके पास कुल्हाड़ी की ताकत थी; वो मानव जो गुफा और वन में रहने वाला था। गुस्सैल, और सामाजिक नहीं।“     “सातवां अवतार था राम, सोच युक्त प्रथम सामाजिक व्यक्ति, जिन्होंने समाज के नियम बनाए और समस्त रिश्तों का आधार।“   “आठवां अवतार था कृष्ण, राजनेता, राजनीतिज्ञ, प्रेमी जिन्होंने ने समाज के नियमों का आनन्द लेते हुए यह सिखाया कि सामाजिक ढांचे में कैसे रहकर फला-फूला जा सकता है।“   नवां अवतार था बुद्ध, वे व्यक्ति जो नृसिंह से उठे और मानव के सही स्वभाव को खोजा। उन्होंने मानव द्वारा ज्ञान की अंतिम खोज की पहचान की।“     “और अंत में कल्कि आएगा, वह मानव जिसपर तुम काम कर रहे हो। वह मानव जो आनुवंशिक रूप से अति-श्रेष्ठ होगा।“   वासु अपनी मां को अवाक होकर देखता रहा। “यह अद्भुत है मां, आपका दर्शन. वास्तव में अर्थपूर्ण है।“   “बिल्कुल अर्थपूर्ण है वासु! अब तुम इडली खाओ।“ ......................................   पुराण अर्थपूर्ण हैं। सिर्फ आपका देखने का नज़रिया ऐसा होना चाहिए – धार्मिक या वैज्ञानिक। जैसा आप कहना चाहें।
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जबरदस्त जोक्स

9 जून 2016
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जबरदस्त जोक्स है जरूर पढ़ें,,एक अमेरिका का वैज्ञानिक भारत घूमने आया.उसने यहांएक समोसा खाया.स्वादिष्ट लगा।.खाने के बाद वो एक समौसा अमेरिका लेकर गया और वहांजाकर अपने बॉस को दिखाकर बोला.सर ये समोसा है ,उपर से तो मैदा का बना है पर अंदर आलू कैसे भरा पतानहीं?...उसकी बकवास सुनने के बाद बॉसने उसे जमाकरएक चा

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दिमाग हिलाने वाली कहानी जिसे पढ़ कर आप भी गुस्सा करेंगे प्रयास करे

9 जून 2016
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1 बादशाह अपने सिपाहियो के साथ तालाब पर नहाने के लिए गयावहां कुछ लड़कियां पहले से नहा रही थी,बादशाह की सवारी आते देख वो सभी बाहर ई गई ,उसमे एक लड़की बादशाह को पसंद आ गई..!!वो अपने महल वापस आ गया,लेकिन बादशाह की नजरों के सामने बार-बार उस लड़की की ही सूरत आ रही थी,उसका मन किसी भी काम मे नही लग रहा था,

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आखिर गुरु गुरु ही होता है

9 जून 2016
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एक रात, चार कॉलेज विद्यार्थी देर तकमस्ती 👯👯 करते रहे औरजब होश आया तो अगली सुबह होनेवाली परीक्षा का भूत 😱उनके सामने आकर खड़ा हो गया।परीक्षा से बचने के लिए उन्होंने एकयोजना 😎 बनाई।मैकेनिकों जैसे गंदे और फटे पुराने कपड़े पहनकरवे प्रिंसिपल 👮 केसामने जा खड़े हुए और उन्हेंअपनी दुर्दशा की जानकारी दी।उन

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माँ मैं एक आनुवंशिक वैज्ञानिक हूँ

10 जून 2016
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"माँ, मैं एक आनुवंशिक वैज्ञानिक हूँ। मैं अमेरिका में मानव के विकास पर काम कर रहा हूं। विकास का सिद्धांत, चार्ल्स डार्विन, आपने उसके बारे में सुना है?" वासु ने पूछा। उसकी मां उसके पास बैठी और मुस्कुराकर बोली, “मैं डार्विन के बारे में जानती हूं, वासु। मैं यह भी जानती हूं कि तुम जो सोचते हो कि उसने जो

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