हम अपने इलाकों में बहुत दिन से सुन रहे हैं कि यहाँ भट्ठी चलती है मैने एक आदमी से पूँछने की कोशिश की पर वह कुछ न बोला |मैं तो कुछ अधिक न जान सका |लेकिन कुछ अादमियों ने बताया कि सचमुच यहाँ शराब बनती है उन्होंने बताया अपने इलाके में और कईं भट्ठियाँ हैं कुछ लोगो ने बताया कि यहाँ पुलिस वाले आकर दारू पीते हैं और हप्ता वसूलते हैं और मुखबिर का भी काम करते हैं |सरकार ने देशी शराब रोकने का कोई उपाय लगता है नहीं किया है तभी तो उनके भावी पुलिस वाले दूसरे के यहाँ कौरा खाते हैं शराबें नकली बनातें हैं जिसमें यूरिया जैसी जानलेवा पदार्थ भी छोड़ते हैं बिहार की तरह हमारे प्रदेश में भी दारू बन्द हो | नकली शराबों से न जाने कितनों का बचपन छिन गया ,बाप छिन गया न जाने कितनों का सुहाग छिन गया न जाने कितनों का लाल छिन गया |इसका मुद्दा शब्दनगरी को उठाना चाहिए जिसे बच्चे का बचपन,माँ का लाल और पत्नी का सुहाग बच जाए | आगे की पीढ़िया शराब जान ही न पाये इसका इतिहास ही मिटा दिया जाए |शब्दनगरी से हम बेहद भावुक होकर कर रहें हैं कि लेख के द्वारा इसका अभियान चलवाए और अपराधी को सजा दिलवाए |जिम्मेदार पुलिस के ऊपर भी कार्यवाही की जाए|आप इसमें रुचि लें अधिक से अधिक शेयर करें ताकि भट्ठी वालों को दारु और शब्दनगरी से डर लगने लगे |