किसी बच्चे के चेहरे पै कभी मुस्कान खिलती है मेरी जब सांस चलती है वो मेरी माँ से मिलती है . तू मेरे पास होती है ,मैं ये महसूस करता हूँ . सुकोमल धूप सर्दी मैं जो अम्बर से निकलती है . मैं हर गम भूल जाता हूँ ,तेरे आँचल की छाया मैं . प्रतीक्षारत तेरी आंखें ,कहीं से जब भी आया मैं . ते री ममता ही बच्चों पे न जाने क्यों पिघलती है . मेरी जब सांस चलती है ...... तेरे चरणों को छूकरके सकल जग मैंने पाया है . मेरा हर दर्द तूने अपनी पलकों पै उठाया है . हंसाके सबको तू अपने दुखों के जख्म सिलती है .मेरी जब सांस चलती है ...........