आज हमारे समाज बहुत कुरीतियाँ फैली है बच्चो को गलत रास्ते पर लाने में अहम भूमिका उनके माँ-बाप की होती है आज ऐसे ही एक केस सुनने में आया जिसमें उनके घरवाले ही बढ़ावा दे रहें है बात यूँ है कि एक आठ साल के लड़के ने अपने से लगभग दो दशक बड़ी एक महिला से बोला लँहगा -- आगे कहने का साहस नही है क्योकि ये शब्दनगरी लेखकों का विश्रामास्थली है यहाँ पर बदतमीजी की कोई गुंजाइस नहीं है हाँ और बताना तो भूल ही गया | कि अपने बच्चे को ड़ाटने के बजाय उसके घर वाले सन्देश लाने वाली महिला को लाठी लण्डे से चुनौती तक दे डाली | अब आप बताइए कि हमारे देश के बच्चे बड़े होकर क्या बनना चाहते हैं माता-पिता को खुद चाहिए कि वे अपने बच्चे को बुरी संगत से बचाए |जब बच्चे इतना स्पर्ट होंगें तो क्या होगा कल के भविष्य का सभी लोगों का कमेंट मैं इस बात पर चाहता हूँ आखिर क्या करेंगे ये स्पर्ट बच्चे ?