@@@@@@ परिस्थिति का प्रभाव @@@@@@ *********************************************************** परिस्थिति किसी काम को ,कितना बदल देती है | एक जगह जो समस्या होती ,हल दूजी जगह कर देती है || जाती -रंजिश से की गयी हत्या,सजा का कारण बनती है | पर सीमा पर दुश्मन की हत्या,सम्मान की वजह बनती है || जो काम निज पत्नी के संग ,पति-धर्म माना जाता है | वही काम, पर नारी के संग,पाप-कर्म कहलाता है || ताक-झांक दूजों के घर की ,कदाचार कहलाती है | पर जासूसी दुश्मन देश की ,देशभक्ति मानी जाती है || झूठ बोलना अपने खातिर , दुर्गुण-पाप कहलाता है | पर वकालत के पेशे में झूठ,शोहरत खूब दिलाता है || प्यार में देने पर गाली ,प्यार और बढाती है | पर झगड़े में देने पर गाली ,नफरत और भडकाती है || **********************************************************