@@@@@@@@@@@@@@@@@@@ भार उठाती जो गृहस्थी का , वो भार्या कहलाती है | बदल जाता मकान घर में, जब घरवाली आती है || दर्दे दिल पर प्यार का मरहम , महबूबा लगाती है | तनी रहती जो पति पर , वो पत्नी कहलाती है || @@@@@@@@@@@@@@@@@@@
30 जून 2016
@@@@@@@@@@@@@@@@@@@ भार उठाती जो गृहस्थी का , वो भार्या कहलाती है | बदल जाता मकान घर में, जब घरवाली आती है || दर्दे दिल पर प्यार का मरहम , महबूबा लगाती है | तनी रहती जो पति पर , वो पत्नी कहलाती है || @@@@@@@@@@@@@@@@@@@
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आदर्शवादी,नास्तिक लेखक /कवि/समाज सुधारक,आदर्शवादी,नास्तिक लेखक /कवि/समाज सुधारक,आदर्शवादी,नास्तिक लेखक /कवि/समाज सुधारक,आदर्शवादी,नास्तिक लेखक /कवि/समाज सुधारकD