फासले !!
मेरा घर तेरे घर से
इतनी दूर भी तो नही है
फिर क्यों
फासले इतने बढे की
80 गज़ की गली पार
होती नही है
कंही ऐसा तो नही
तेरे को भी डर है की
गिरफ्तार इश्क़ में हे
हम
कंही आगे बंदी बन्ने का डर
तो नही।
© मनमोहन कसाना
#इश्क़ में गिरफ्तारी का मज़ा
3 जुलाई 2016
फासले !!
मेरा घर तेरे घर से
इतनी दूर भी तो नही है
फिर क्यों
फासले इतने बढे की
80 गज़ की गली पार
होती नही है
कंही ऐसा तो नही
तेरे को भी डर है की
गिरफ्तार इश्क़ में हे
हम
कंही आगे बंदी बन्ने का डर
तो नही।
© मनमोहन कसाना
#इश्क़ में गिरफ्तारी का मज़ा
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यायावरी जिन्दगी जीते हुए आज कल जयपुर को ठिकाना बना रखा है , कल का पता नही ? लेकिन में एक पाठक जरूर हु कुछ लिखने से पहले ....D