shabd-logo

फासले !!

3 जुलाई 2016

427 बार देखा गया 427

फासले !!

मेरा घर तेरे घर से 
इतनी दूर भी तो नही है
फिर क्यों
फासले इतने बढे की
80 गज़ की गली पार 
होती नही है
कंही ऐसा तो नही 
तेरे को भी डर है की
गिरफ्तार इश्क़ में हे
हम 
कंही आगे बंदी बन्ने का डर
तो नही।
© मनमोहन कसाना
‪#‎इश्क़‬ में गिरफ्तारी का मज़ा

मनमोहन कसाना की अन्य किताबें

1

आटे के भाव का बढ़ना

27 जून 2016
0
4
2

आटे के भाव का बढ़ना आटे के भाव बढ़ते ही आप सब परेशान हो जाते हो ,में भी परेशान होता हु लेकिन कभी किसीने नही पुछा क्यों .............................क्योकि में किसान हु |आओ में तुम्हें पूछता हु क्युकी मेरा गेंहू हमेशा15 के भाव ही बिकता है तो क्यों हम लोग भी आपस में लेन देन कर लेते है क्यों २५ में खरीद

2

फासले !!

3 जुलाई 2016
0
2
0

फासले !!मेरा घर तेरे घर से इतनी दूर भी तो नही हैफिर क्योंफासले इतने बढे की80 गज़ की गली पार होती नही हैकंही ऐसा तो नही तेरे को भी डर है कीगिरफ्तार इश्क़ में हेहम कंही आगे बंदी बन्ने का डरतो नही।© मनमोहन कसाना‪#‎इश्क़‬ में गिरफ्तारी का मज़ा

3

आप‬ याद आते हो

19 अगस्त 2016
0
2
0

मेरे शब्दों में अब बजन ही कंहा रहा है वो तो बस असर था तेरी मोहब्बत का , जो इतना कुछ लिखा था तेरे को दिल के आइने में देख देख के ... ‪#‎आप‬ याद आते हो मनमोहन कसाना

4

हिंदी सिनेमा को टक्कर देता क्षेत्रीय सिनेमा

28 अगस्त 2016
2
4
3

आज इसमें कोई भी शक नहीं है की की क्षेत्रीय सिनेमा, हिन्दी सिनेमा के लिए एक बड़ी चुनौती बन कर सामने आ रहा है. इसका जीता जागता उदाहरण आगामी राजस्थानी फिल्म " पगड़ी " है जिसका आधिकारिक टीज़र हाल ही में जारी किया ग

---

किताब पढ़िए

लेख पढ़िए