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बस पानी

3 जुलाई 2016

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"ये भूख-प्यास-तलब जिसकी है मेहरबानी,

उसी का काम है सब को मिले दाना-पानी ....."

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कविता

7 जून 2016
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"पापा मुझे छोड़ने स्टेशन आया न करो,आँसू छिपाते हो फेर कर नज़रें,इतना फीका मुस्कुराया न करो, पापा मुझे छोड़ने स्टेशन आया न करो!!हिदायत से घर भर की लाइट्स बुझाते,सोंच कर भी न कितने सामान खरीदते,गाड़ी का माइलेज चेक करते रहते,मेरे हाथ में ए टी एम थमाया न करो... पापा मुझे छोड़ने स्टेशन आया न करो।पानी की बॉटल

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मेघ

2 जुलाई 2016
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ए खुदा मौसम को इतना रोमांटिक भी ना करकुछ लोग ऐसे भी है जिनका महबूब नहीं...

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फ़िज़ा महसूस कराती है

2 जुलाई 2016
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फ़िज़ा महसूस करवाती कि जैसे अब यहाँ तुम हो,मगर सबसे निराली है जगह वो ही जहाँ तुम हो,यकीं होता नहीं मुझको मिलन को इक बरस बीताजुलाई आ गई फिर से कहो अब गुम कहाँ तुम हो ?

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बस पानी

3 जुलाई 2016
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"ये भूख-प्यास-तलब जिसकी है मेहरबानी,उसी का काम है सब को मिले दाना-पानी ....."

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