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लघु कविताएँ- स्त्री

16 जुलाई 2016

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(१)

लोग कहते हैं, पद्मिनी चिता में कूदी, जलकर मरी ....



पद्मिनी  चिता में कूदी 

वासना की आग में 

वह  ना  जली. 


(२)


जब वस्त्र नहीं थे, वासना भी नहीं थी. 

 

भोगदासी  बनी नारी 

जिस क्षण पहने 

वस्त्र तन पर. 


(३)


भौतिक देह वासनामयी होता है, जो  नष्ट हो जाता है, परन्तु प्रेम  अमर होता है. 


वासना भी जल गयी 

देह के साथ साथ  ही.

अमर हो गए लेकिन 

प्यार के तराने, 

 हिंदी ब्लॉग विवेक पटाईत: लघु कविताएँ - स्त्री

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लघु कविताएँ- स्त्री

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(१)लोग कहते हैं, पद्मिनी चिता में कूदी, जलकर मरी ....पद्मिनी  चिता में कूदी वासना की आग में वह  ना  जली. (२)जब वस्त्र नहीं थे, वासना भी नहीं थी.  भोगदासी  बनी नारी जिस क्षण पहने वस्त्र तन पर. (३)भौतिक देह वासनामयी होता है, जो  नष्ट हो जाता है, परन्तु प्रेम  अमर होता है. वासना भी जल गयी देह के साथ सा

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