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आस्तिक नास्तिक वाद विवाद

29 जुलाई 2016

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आस्तिक . भगवान हर जिगह है हर कण में भगवान है ।

नास्तिक . अगर हर कण में भगवान है तो आजतक दिखाई क्यूँ दिया ।


आस्तिक - हर  जिगह भगवान के मन्दिर है जहां उसकी पूजा होती है श्रद्धालु है । 

नास्तिक . हर जिगह मन्दिर है तो उसमें भगवान दिखता है तो मुझे भी दिखाओ ।


आस्तिक . भगवान अपने भक्तों के लिये चमत्कार करते है उनकी रक्षा करते है ।

नास्तिक . तुम भगवान के भक्त तो तुम्हारे लिये भगवान ने कौनसा चमत्कार किया है किससे तुम्हारी रक्षा की है


आस्तिक . भगवान ने मुझे सद्बुद्धि दी मुझे नेक मार्ग पर चलना सिखाया ।

नास्तिक . मतलब ये सब भगवान ने किया तो तुम्हारे मां.पिता गुरू ने कुछ नहीं किया ।


आस्तिक- माता वैष्णों देवी के लाखों करोड़ों श्रद्धालु जाते है उनके दर्शन करने । 

नास्तिक- आजतक किसे दर्शन हुए माता के । 


आस्तिक- भगवान हर जिगह है तुममे मुझमें सब में । 

नास्तिक- भगवान अगर सब जिगह है मुझमंे तुममे तो फिर आज तक नजर क्यूं नहीं आया ।  क्या उसके लिये अलग चश्में की जरूरत है । 


आस्तिक- तुमसे बहस करना बेकार है तुम नास्तिक हो । 

नािस्तक- जब तुम भगवान है ये साबित नहीं कर सके तो ये वाद-विवाद खत्म करने के लिये कह रहे हो । 

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1947 में जब ब्रिटिश राज वाले भारत देश का बंटवारा हुआ  तो दो नए आजाद मुल्क बने। इसका नतीजा इतिहास के सबसे बड़े माइग्रेशन के रूप में सामने आया। इस दौरान सवा करोड़ लोग विस्थापित हुए थे और इसमें सबसे ज्यादा प्रभावित महिलाएं हुई थीं। हजारों की संख्या में लड़कियां और महिलाएं रेप और टॉर्चर का शिकार हुईं।10

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ईमानदारी की मिसाल

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आज मैं बात कर रहा हूँ प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री की ईमानदारी की।लाल बहाुदर शास्त्री जी ने 1965 में फिएट कार लेने के लिये पंजाब नेशनल बैंक से 5000 रू. का लोन लिया था जिसकी वो एक भी किश्त न चुका पायें और उनका 1966 में देहान्त हो गया । फिर बैंक ने उसने घर नोटिस भेजा जो उनकी श्रीमती ललिता शास्त्री

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14 अक्टूबर 2016
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रामायण में सत्य पर असत्य की विजय का पाठ हमें हमेशा से ही पढ़ाया जाता रहा है राम और रावण के बीच का युद्ध जिसमें राम सत्य के प्रतीक थे तो वहीं रावण असत्य का पताका हाथ में लिए था रावण को हमेशा अधर्मी और शैतान का रूप बताया गया लेकिन क्या आप जानते हैं कि रावण एक ऐसा शख़्स था

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अपना काम बनता भाड़ मे जाये जनता

18 जुलाई 2017
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19 जुलाई 2017
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आदत सबको कोई ना कोई अच्छी या बुरी होती ही है जैसे इस देश के नेताओ को है टेढ़े चलने की आप सोच रहे होंगे मै क्या बोल रहा हूँ आप खुद पढ़िए और बताइये इस देश का वास्तिकता में कोई भविष्य है ही नहीं क्योकि ये हमारा देश है जो हमारे द्वारा चुने गए नेता चलाते है औ

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