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अल्पसंख्यक - अग्रवाल समाज

29 जुलाई 2016

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अग्रवाल समाज का योगदान भारतीय समाज व् देश-दुनिया की अर्थव्यवस्था में किसी से छुपा नहीं। यह समाज भारत के हर राज्यों में बसा है। साथ ही दुनिया की आर्थिक ताकत वाले देशों जैसे अमेरिकाइंग्लैंड आदि में इसकी उपस्तिथि देखी जा सकती है। शिक्षा,चिकित्सारोजगारधार्मिक कार्यों आदि में इस समाज का योगदान देखते ही बनता है। 

अग्रवाल समाज 18 गोत्रों का एक समूह है। गोत्र महाराजा अग्रसेन के 18 पुत्रो  नाम- 1-ऐरन 2-बंसल, 3- बिंदल ,4- भन्दल ,5- धारण , 6- गर्ग , 7- गोयल , 8- गोयन,  9- जिंदल , 10- कंसल ,11- कुच्छल , 12- मधुकुल , 13- मंगल , 14- मित्तल  ,15- नागल , 16—सिंघल , 17- तायल ,18- तिंगल पर आधारित है।   

127 करोड़ की भारत की जनसंख्या में इस समाज की जनसख्या का हिस्सा एक प्रतिशत से भी क्म है। प्रत्येक दस वर्ष में एक बार होने वाली जनगणना में अग्रवाल समाज के अलग से आंकड़े इकट्ठे नहीं किये जाते। यही कारण हैइस समाज की सही तस्वीर देश-दुनिया के सामने नहीं आ पाती।  

अंतरराष्ट्रीय नियमों के अनुसार किसी देश में यदि क्सिी वर्ग/धर्म की आबादी 8 % या उससे अधिक हो तो उसे अल्पसंख्यक नहीं माना जाता। परन्तु भारत में अग्रवाल समाज की जनसख्या देश की कुल जनसख्या का 1% से भी कम हैको अल्पसंख्यक वर्ग में न रखबहुसख्यक वर्ग में रखा जाता है।

 जैसा कि मालूम है कि भारत में इस समय 6 जातियों-धर्म समूहों को अल्पसंख्यक की श्रेणी में रखा गया है   1- मुस्लिम, 2--ईसाई, 3--बौध्ध  4- सिख  5- जैन, 6--पारसी।  यह बात अलग है जब अल्पसंख्यक की बात होती है तो केवल मुस्लिम वर्ग ही मीडिया में अल्पसंख्यकों का नेतृत्व करता नजर आता है। क्या आपने कभी किसी जैनबौध्धसिख आदि को T.V. की किसी डिबेट में अल्पसंख्यकों  के ऊपर होने वाली बहस रूप में देखा हैयद्यपि अन्य अल्पसंख्यकों की जनसख्या  मुस्लिम आबादी के राष्ट्रीय स्तर पर २५% से काफी कम है। 

  यदि राज्य स्तर पर U.P जैसे राज्य को देखा जाए तो लगभग 20 से ज्यादा जिलों में मुस्लिम आबादी 40% या उससे भी अधिक हैइसमें मुजफ्फरनगर जिला भी शामिल है।

अतः स्पष्ट है १% से कम जनसंख्या वाले अग्रवाल समाज को भी जैन धर्म की ही तरह अप्लसंख्यक वर्ग में शामिल किया जाना चाहिए।  

अग्रवाल समाज इस समय गम्भीर संकट के दौर से गुजर रहा है। इस वर्ग में बेरोजगारी तेजी से बढ़ी है। बेरोजगारी के कारण विवाह-शादी की समस्या उत्प्न्न हो रही है। दहेज़ की समस्या ने विकराल रूप धारण कर लिया  है। शिक्षा,चिकित्सा के लिए संघर्ष करना पड रहा है। गांवदेहात,कस्बों से अग्रवाल समाज का सुरक्षा के अभाव में पलायन आम बात है। कैराना हो या अन्य जगह इसे स्पष्ट रूप से देखा जा सकता है।

 सरकार को वोट बैंक की  राजनीति  से हटकर  इस समाज की ओर ध्यान देना चाहिए।  साथ ही अग्रवाल समाज के प्रबुद्ध जनों को भी समाज के उत्थान के लिए  रोजगार , शिक्षा , चिकित्सा व् सामाजिक कार्यों जैसे विवाह शादी में यथा संभव योगदान देना  चाहिए। यही चंद प्रयास महाराजा अग्रसेन की विरासत को बचाने में मील का पत्थर साबित होंगें। 

 - सर्वे भवन्तु सुखिनः

सर्वे सन्तु निरामयाः 

 

सर्वे भद्राणि पश्यन्तु

मा कश्चिद्दुःखभाग्भवेत् 

 शान्तिः शान्तिः शान्तिः 

आशा है   “सबका साथ सबका विकास  के मूल मन्त्र वाली केंद्र सरकार अग्रवाल समाज की समस्या की ओर ध्यान देने की कृपा करेगी। जयहिंद !

       

 

हर्ष वर्धन जोग

हर्ष वर्धन जोग

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 5thMarch,2016 स्थान- बिझौली (रुड़की), जगह-गेहूं के खेत । लहलहाते गेहूं कीहरी-हरी बालियों, बरसीम की हरयाली व खाली हुए गन्ने के खेत की मेंढ पर बैठे हुए न जाने कब मै विचारों में  खो गया, पता ही न चला । सोचने लगा- सनातन( हिन्दू) धर्म में 100 वर्ष की आयु को क्रमशः ब्रह्मचर्य, गृहस्थ, वानप्रस्थ व संन्यास

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“ऑड-ईवन” ब्रांड

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अम्बेडकर जयन्ती, रामनवमीकी धूम व महावीर जयन्ती की तैयारियों के बीच  देश में दिल्ली-सरकार के "ऑड-ईवन" फॉर्मूले की चर्चा है कि किस तरह “स्टिकरनुमा-डिवाइस” केआविष्कार से "ऑड-ईवन" डेज में दिल्ली के एयर पॉल्यूशन लेवल को कम  कर हवा को स्वच्छ व् सांस लेने योग्य बनाया जा रहा है। इस “स्टिकरनुमा-डिवाइस” पर पू

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अल्पसंख्यक - अग्रवाल समाज

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मुजफ्फरनगर पोस्ट ऑफिस - पेंशन की टेंशन

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सामान्य गरीब वर्ग का १०% आरक्षण

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2014से 2019 तक केंद्र की मोदी सरकार जिस प्रकार देश-जन हित में सबका-साथ,सबके-विकास को ध्यान में रखते हुए निर्णय पर निर्णय ले रही है उसे देखते हुए यही लगता है जैसे सरकार का कार्यकाल अभी शुरूही हुआ है ! सरकार के कुछ निर्णयतो वर्षो याद रहेगें - जैसे सर्जिकल स्ट्राइक , सेना हथियारों की खरीद का स

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ATM से नोट की जगह कागज “नोट-पर्ची”

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ATM कोलेकर आये दिन कोई न कोई खबर उछलती है Ɩ जैसे-ATM कार्ड क्लोनिंग, कार्ड बदलना, पासवर्ड चुराना , नकदीनिकले बिना अकाउंट डेबिट होना, कम नकदी निकलना, कटे फटे या खराब नोट निकलना , एक आध जालीनोट निकलना , आदि-आदि-आदि ! जितने ATM( मुहं)उतनी बात! सभी का अपना अलग-अलग अनुभव।अपनी ढपली अप

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