shabd-logo

राजा और सितार

31 जुलाई 2016

326 बार देखा गया 326
राजा ने कहा - " सितार मंगवाओ ! " दरबार में सितार लाया गया । राजा का अगला आदेश था - " जो इस सितार को बिना स्पर्श किए बजा देगा , उसे सबसे बड़े संगीतकार का ओहदा मिलेगा ।" तमाम संगीतकार दरबार में आये । सबने अपना - अपना हुनर आजमाया । पर, कोई भी बिना स्पर्श किए सितार को नहीं बजा पाया । राजा थोडा सनकी था । उसने राज्य भर में मुनादी करवा दी कि इस राज्य में कोई भी संगीतकार कहलाने के लायक नहीं है । समूचे राज्य के संगीतकारों में हलचल मच गयी । अब बात उनकी प्रतिष्ठा पर आ गयी थी । कलाकार सबकुछ सह सकता है लेकिन अपमान नहीं ! संगीतकारों की बैठक हुई । और बैठक का नतीजा भी निकला ! अगले दिन दरबार में एक साधू आ पहुंचा । उसने राजा से कहा - " राजन् ! मैं तुम्हारा सितार बिना स्पर्श किए बजा दूंगा । पर, मेरी एक शर्त है ! " " कैसी शर्त ? " - राजा ने पूछा । " मैं जो गीत गाऊंगा उसे सुनकर यह सितार बजने लगेगा । पर, यह तभी बजेगा जब राजा गीत सुनकर नाचे नहीं ।" " ऐ साधू ! तू पागल है क्या ? तेरे गीत को सुनकर मैं क्यों नाचूँगा ? " " हाँ ! महाराज ! मैं भी कुछ ऐसा ही सोचता हूँ की मेरे गीत को सुनकर आप नहीं नाचेंगे । तब यह सितार अपने आप बजने लगेगा । किन्तु, अगर आप नाचने लगे तो यह सितार नहीं बजेगा । " " लगता है तुम्हारी मानसिक स्थिति ठीक नहीं है । मैं क्यों नाचूँगा ? खैर , छोड़ो इस बात को । अपना गीत सुनाओ । " दरबार में कानाफूसी होने लगी । फिर , साधू ने गीत गाना शुरू किया । उसके कंठ में जादू था । उसके गीत को सुनकर आकाश में काले बादल छाने लगे । वन में मयूर थिरकने लगे । और आश्चर्य की बात ! जैसा कि साधू ने कहा था - राजा के मस्तिष्क का नियंत्रण शरीर से हटने लगा । और देखते ही देखते राजा भरे दरबार में झूम - झूम कर नाचने लगा । पूरी सभा स्तब्ध हो गयी । सामने राजा मतवाला होकर नाच रहा था । सितार नहीं बजा ! साधू ने धीरे - धीरे गीत गाना बंद कर दिया । राजा के पाँव भी धीरे - धीरे शांत हो गए । उसे होश आया । उसे बहुत ही शर्मिंदगी महसूस हो रही थी । लेकिन राजा ने हार नहीं मानी । उसने एक बार फिर से साधू को गीत गाने को कहा । राजा ने ठान लिया था कि इस बार वह नहीं नाचेगा । साधू ने एक बार फिर से गीत गाना शुरू किया । फिर से आकाश में काले बादल छाने लगे । वन में मयूर थिरक उठे । और राजा के मस्तिष्क का नियंत्रण शरीर से हटने लगा । देखते ही देखते फिर से राजा भरे दरबार में झूम - झूम कर नाचने लगा । सभा स्तब्ध ! सितार नहीं बजा ! साधू ने धीरे - धीरे संगीत के स्वर को विराम दिया । राजा के पाँव धीरे - धीरे शांत हो गए । उसे होश आया । फिर से एक बार राजा शर्मिन्दा था । तब से लेकर आज तक गीत सुनकर राजा नाचने लगते हैं और सितार नहीं बजता ! जिस दिन राजा नहीं नाचेगा, सितार बज उठेगा !  गल्पकथा Galpkatha: राजा और सितार

राजू रंजन की अन्य किताबें

1

फ़क़ीर की ख़ुशी

29 जून 2016
0
0
0

स्वागतम् । राजा ने फ़कीर को देखा । फिर पूछा अपने मंत्री से "ये इतना खुश क्यों दिखता है ?" मंत्री ने कहा " क्योंकि इसे घमंड नहीं है । " " तो क्या घमंड न हो तो इंसान खुश रहेगा ? " " जी । महाराज ।" "तो क्या मैं घमंडी हूँ ?" मंत्री अपनी ही बात में फँस गया । पर वो था चतुर । " पर, महाराज । आप तो दुनिया मे

2

टीले का जादू

29 जून 2016
1
3
0

और फिर जंगल में क्रांति हुई ! जानवरों का कहना था कि शेर अब निरंकुश हो गया है और सिर्फ अपनी मनमानी करता है। उसकी सबसे खराब आदत यह थी कि ऊँचे टीले पर बैठते ही अपने ऊपर काबू नहीं रख पाता था । एक लंबी छलांग और धर दबोचता कोई शिकार ! हाँ ! तो फिर जंगल में क्रांति हुई ! भेड़िये, कुत्ते, हाथी, लोमड़ी और ना जा

3

सच

22 जुलाई 2016
0
2
0

और फिर उस अँधेरी रात में एक चमकते हुए तारे ने दूसरे तारे से पूछा - " इस ठंडी रात में वो इंसान खुले मैदान में क्यों बैठा है ? " दूसरे तारे ने टिमटिमाते हुए कहा " वो इंसान सच जानना चाहता है - इस जगत का सत्य ! " "तो क्या इस तरह शरीर को दुःख पहुँचाने से वो सच जान जाएगा ? ' " कहते हैं पहले कई इंसानो ने

4

सबसे बड़ा चित्रकार

31 जुलाई 2016
0
1
0

सबसे बड़ा चित्रकार एक था राजा । और राजा की एक ही थी बिटिया - राजकुमारी । राजकुमारी को शौक चढ़ा - सीखनी है चित्रकारी ! अब राजा की बेटी को कोई ऐरा - गैरा तो चित्रकला सिखा नहीं सकता । सो, राजा ने फरमान जारी किया की राज्य के सबसे बड़े चित्रकार को हाजिर किया जाए । वही राजकुमारी को चित्रकला सिखाएगा । राज्य

5

राजा और सितार

31 जुलाई 2016
0
1
0

राजा ने कहा - " सितार मंगवाओ ! " दरबार में सितार लाया गया । राजा का अगला आदेश था - " जो इस सितार को बिना स्पर्श किए बजा देगा , उसे सबसे बड़े संगीतकार का ओहदा मिलेगा ।" तमाम संगीतकार दरबार में आये । सबने अपना - अपना हुनर आजमाया । पर, कोई भी बिना स्पर्श किए सितार को नहीं बजा पाया । राजा थोडा सनकी था ।

---

किताब पढ़िए

लेख पढ़िए