बहुत चर्चा थी स्पेनिश ट्रेन टाल्गो की. स्पेशल प्रोजेक्ट है ये सरकार का. इसके तीसरे फेस वाला ट्रायल मंगलवार को हुआ. ट्रेन फिर से दिल्ली से मुंबई के बीच चलाई गई. ये पहुंची तीन घंटे लेट. वजह बताई गई बारिश.
कल शाम को ये ट्रेन चली थी 7 बजकर 55 मिनट पर और आज सवेरे ये 11 बजकर 40 मिनट पर मुंबई पहुंची. यानी 15 घंटे 45 मिनट का टाइम लिया. राजधानी एक्सप्रेस भी लगभग इतना ही टाइम लेती है. ये बातें वेस्टर्न रेलवे के ऑफिसर्स ने बताईं. ये भी बताया कि ये देरी भारी बारिश के चलते हुई है.
जब ट्रेन चलाई गई थी, तो टारगेट ये था कि दिल्ली से मुंबई के बीच की 1,386 किलोमीटर की दूरी ये ट्रेन 12 घंटे 35 मिनट में पूरी करेगी. और 8 बजकर 31 मिनट तक मुंबई पहुंच जाएगी. एक-आध बार ट्रेन 130 kmph की मैक्सिमम स्पीड से चली. वैसे औसतन ये ट्रेन 90 से 100 kmph की स्पीड से चलती है.
दोनों शहरों के बीच अभी सबसे तेज राजधानी एक्सप्रेस है, जो करीब 16 घंटे में दोनों शहरों के बीच की दूरी तय कर लेती है. दोनों महानगरों के बीच की दूरी कम करना ही इस ट्रेन का टारगेट था. उम्मीद थी कि ये टाइम 4 घंटा कम लगेगा.
इस टाल्गो ट्रेन में 9 कोच हैं, 2 एक्जक्यूटिव क्लास वाले, 4 चेयर कार, 1 कैफेटेरिया, 1 पावर कार और 1 आखिरी वाला कोच, जिसमें स्टाफ और बाकी सामान रखा जाता है.
टाल्गो के बारे में जानोगे तो आंखें चमक जाएंगी
स्पेन की लक्जरी कोच वाली टाल्गो ट्रेन में बहुत धांसू फीचर हैं. कहा जा रहा है बहुत तेज चलती है राजधानी और शताब्दी एक्सप्रेस से भी तेज.
पिछला ट्रायल सही था, ये थोड़ा लेट हो गया बारिश के चलते. पर लग रहा है जल्द ही चल जाएगी ये ट्रेन इंडिया में. जान लो इसमें क्या-क्या सुविधा मिलने वाली है.
सबसे पहले ये जानो कि टाल्गो क्या होता है?
स्पेन के रेलवे सेक्टर की एक बहुत बड़ी कंपनी है, जिसका नाम है टाल्गो. पुरानी भी है, मई 1941 में शुरू हुई थी. टाल्गो का हेडक्वॉर्टर स्पेन की राजधानी मैड्रिड में है.
अब पढ़ो इस टाल्गो ट्रेन में क्या-क्या सुविधाएं हैं –
1. टाल्गो ट्रेन 250 kmph की स्पीड से चल सकती है. माने एक घंटे में 250 किलोमीटर. यानी आगरा निकल रहे हो और टाल्गो पकड़ लिए तो घंटे भर का वेट न करना 55 मिनट पे ही उतर लेना वरना वापसी की ट्रेन पकड़नी पड़ेगी. एक और प्रॉब्लम है कि ये तो समझ ही रहे हो कि रेल की पटरी तो इंडिया की ही है, स्पेन की तो है नहीं. इसलिए यहां पर 150 से 160 kmph पे ही ट्रायल चल रहा है. फिर भी डेढ़, दो घंटे में अगर आगरा पटक रही है तो सौदा फायदे का ही है.
2. उसमें भी इस ट्रेन का एक हल्का वर्जन भी आता है. जो उड़ते हुए चलती है और 30 परसेंट टाइम बचा लेती है. मतलब जहां 17 घंटे में राजधानी दिल्ली से मुंबई पहुंचाती है. टाल्गो बस 12 घंटे में आपको वहां पहुंचा देगी. मतलब राजधानी और शताब्दी सब भूल जाओगे एक बार टाल्गो में चढ़ने के बाद.
3. राजधानी और शताब्दी में जो LHB वाले डिब्बे यूज होते हैं, उनके मुकाबले ये टाल्गो ट्रेन वाले डिब्बे 1 करोड़ रुपये बचाएंगे.
और एक प्लस प्वांइट ये भी है कि इसके मेंटीनेंस में भी कम पैसा खर्च होता है.