मेरा नाम …………. छोड़ो भी, मेरे नाम मे क्या रखा है. कहते है लोगो को एक नाम इसीलिए दिए जाते है की वो रहे या ना रहे उन्हे हमेशा पहचाना जा सके, लेकिन फिर भी मै चाहता हूँ, की मेरा नाम एक गुमनाम शक्सियत हो. अब मै आप सभी को रूबरू करने जा रहा हूँ अपने इस अधूरे जिंदगी के सफ़र के बारे मे. मै शुरुआत करना चाहूँगा अपने जन्म से, अपने जन्म स्थान से, मेरी मातृभूमि से जिसकी एक झलक देखने भर के लिए मै हमेशा लालायित हुआ करता हूँ. मै बताना चाहूँगा जिंदगी के हर उस पड़ाव के बारे मे जो अभी भी मेरे दिल के पास है और जिसे मै कभी भी नही भूल सकता हूँ. बताना चाहूँगा मेरे जिंदगी के हर उस किरदार के बारे मे जिसने मेरे दिल को छू लिया, हर उस लम्हे के बारे मे जिसे मै कभी भी भूल नही पाऊँगा. बताना चाहूँगा मेरे गाँवो, मेरे कस्बे और उन गलियों के बारे मे जहा मै खेल कर बड़ा हुआ, जहा मैने अपनो का प्यार पाया, जहा मुझे मेरे पहले दोस्त मिले, उस मिट्टी के बारे मे जिसकी सोधी महक मे है एक अपनेपन का एहसास, एक सुकून, एक मिठास. बताना चाहूँगा अपनी जिंदगी के हर उस पड़ाव के बारे मे, जब मेरी जिंदगी बदली, बताना चाहूँगा हर उस व्यक्ति के बारे मे जो मेरे इस सुनहरे सफ़र पर मेरे साथ थे. मै बताना चाहूँगा कुछ एक ऐसी चाहकर भी ना भालने वाली घटनाओ के बारे मे, जिसे यादकर आज भी मेरी रूह ककप जाती है. आइए मेरे साथ मेरे जिंदगी के इस सुनहरे सफ़र पर, जहाँ हमेशा होंगी कुछ खट्टी, कुछ मीठी बातें. ........... मेरे मन की |
मेरे मन की...... - OnlineGatha-The Endless tale आज कल चर्चा है इसी बात पर की,ज़माना असहिष्णु होता जा रहा है |कोई वापस देता तमगा है,तो कोई घर छोड़ जा रहा है ||मै तो हूँ अचंभित,सब को दिख रही असहिष्णुता,दुम दबा के मुझसे ही,क्यों भगा जा रहा है ||मैंने खोजा सब जगह,खेत-खलिहान, बाग़-बगीचे |अन्दर-बाहर, सड़क और नदी,पर मुझे तो कही दिख ना रहा है ||कही फटा बम,तो कही हो रहा हमला |लेकिन पता नहीं क्यों,यह भारत में ही भगा जा रहा है ||Publisher : OnlinegathaEdition : 1ISBN : 978-93-86163-45-5Number of Pages : 142Binding Type : Ebook , PaperbackPaper Type : Cream Paper(58 GSM)Language : HindiCategory : PoetryUploaded On : July 12,2016 Partners :ezebee.com , Ebay , Payhip , Smashwords , Flipkart , shopclues , Paytm , Kobo , scribd मेरे मन की...... - OnlineGatha-The Endless tale