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कार्टूनिस्ट प्राण ! कॉमिक्स जगत के एक युग का अंत

6 अगस्त 2016

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कार्टूनिस्ट प्राण

15 अगस्त को  कार्टूनिस्ट प्राण साहब का जन्मदिन है  l उन्हें इस दुनिया से गए 2 साल हो गए 5 अगस्त 2014 को उन्होंने कॉमिक्स जगत के साथ ही इस स्थायी शरीर को विदा कह दिया l'चाचा चौधरी बिल्लू ,पिंकी ,के रचयिता कार्टूनिस्ट'प्राण नहीं रहे l 

75 साल की उम्र में उनके निधन से कॉमिक जगत को अपूरणीय क्षति हुयी है ,

बहुत ही दुखभरा समाचार है यह ,हमारे बचपन के सुनहरे क्षणों के साथी ,

और हमें अपनी मनोरंजक कहानियों एवं चित्रों के जरिये गुदगुदानेवाले ''प्राण '' जी की 

मृत्यु की समाचार पर सहसा विश्वास नहीं हुवा l

मन मानने को तैयार ही नहीं के हमारे प्यारे आर्टिस्ट अब नहीं रहे l

प्राण साहब कॉमिक्स जगत के एक जीते जागते लिजेंड थे ,जिनके बनाये हर पात्र को आज भी  याद किया जाता है ,उन दिनों कॉमिक्स में कवर के दुसरे हिस्से में एक तस्वीर छपी रहती थी  ,जो हँसते मुस्कुराते ‘प्राण ‘ साहब की होती थी ,

जिन्हें देखने की आदत सी हो गई थी l

 प्राण साहब के सरल चित्रों ने कॉमिक्स प्रेमियों को दीवाना बना दिया था ,उनकी कहानियों में न कोई भारी ड्रामा होता था और ना ही बेफिजूल का एक्शन यदि कुछ होता था तो खालिस मनोरंजन l चाहे वह नटखट बच्ची ‘पिंकी ‘ के रूप में हो या शैतान बच्चे ‘बिल्लू ‘ के रूप में ,जिसकी आँखे उसके घने बालो से हमेशा ढंकी रहती थी l

या आम आदमी की सामान्य समस्याओं से जूझता सीधा साधा चरित्र ‘रमण ‘ 

जिसकी समस्याए ‘महंगाई ,बीवी की फरमाईश ,बाजार का चक्कर ,बिजली राशन का बिलl

आदि थी ,जिसे बेहद हल्के फुल्के ढंग से प्रस्तुत किया जाता था .

कॉमिक्स जगत के सबसे बुजुर्ग एवं समझदार अक्लमंद चरित्र 'चाचा चौधरी 'l

ये उस दौर में आये थे जब कम्प्यूटर सबसे तेज हुवा करता था ,

किन्तु इनके आने से ये भ्रम टूट गया के कम्प्यूटर सबसे तेज है l 

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चाचा चौधरी 

क्योकि 'चाचा चौधरी 'का दिमाग कंप्यूटर से भी तेज चलता है l
एकदम सीधी साधी सरल कहानिया ,शुद्ध भारतीय परिवेश के चाचा चौधरी के जन्मदाता थे 

'प्राण सर l
जिन्होंने चाचा चौधरी की शुरुवात बतौर स्ट्रिप्स साप्ताहिक पत्रिका'लोटपोट से की l
सर्वप्रथम चाचा जी लोटपोट में नजर आये,कुछ समय बाद वे अलग से कॉमिक्स 
जगत में एक सोलो चरित्र के रूप में उभरे और बहुत पसंद किये गए l सामान्य व्यक्ति की आम जिन्दगी में आती आम समस्याओं से चाचा जी तो 

बखुबी निपटते ही थे l किन्तु राका जैसे फैंटसी किरदार को भी बखुबी संभाल लेते थे l

 डायमंड कॉमिक्स की पहचान बन गए थे चाचा चौधरी यदि आज भी डायमंड में से चाचा चौधरी को निकाल दिया जाए तो लोग डायमंड क्या है ये शायद जान 

पाए चाचा जी का साथ निभाते थे जुपिटर गृह से आया भीमकाय व्यक्ति साबू l

जिसने चाची जी उर्फ़ बिनी के हाथो के बने 'परांठे खाए तो धरती का ही होकर रह गया ,साबू के बारे में प्रसिद्ध था के 'जब साबू को गुस्सा आता है तब कही ज्वालामुखी फूटता है l

‘प्राण’ जी का असल नाम प्राण कुमार शर्मा है l

इनका जन्म १५ अगस्त१९३८ को कसूर नामक कस्बे में हुआ था जो अब पाकिस्तान में है l

जिस समय हमारे यहाँ विदेशी नायको की भरमार हवा करती थी l उस समय प्राण जी ने शुद्ध देसी चरित्रों की रचना की ,जिन्हें आम जनमानस में खूब पसंद किया गया , 

क्या बच्चे क्या बूढ़े सभी सामान रूप से प्राण जी द्वारा बनाए गए चरित्र ‘चाचा चौधरी ‘ 

के दीवाने थे l उस दौर में रहनेवाला शायद ही कोई ऐसा शख्स हो जिसने चाचा चौधरी 

का नाम न सुना हो .

भारतीय कॉमिक जगत के सबसे सफल और लोकप्रिय रचयिता कार्टूनिस्ट प्राण ने सन १९६० से कार्टून बनाने की शुरुआत की. अमरीका के इंटरनेशनल म्यूज़ियम ऑफ़ कार्टून आर्ट में उनकी बनाई कार्टून स्ट्रिप चाचा चौधरी’ को स्थाई रूप से रखा गया है. सन १९८३ में देश की एकता को लेकर उनके द्वारा बनाई गयी कॉमिक रमन- हम एक हैंका विमोचन तत्कालीन प्रधान मन्त्री स्व. इन्दिरा गांधी ने किया था. ( उपरोक्त पंक्तिया ,चाचा चौधरी की हर कॉमिक्स के सम्पादकीय पन्ने पर छपी रहती थी  )बहुत कम लोग जानते है के ‘चम्पक ‘ पत्रिका का नन्हा खरगोश ‘चीकू’ भी प्राण सर जी का निर्माण था l चीकू वर्षो तक चम्पक में निरंतर प्रकाशित होता रहा ,एक या दो पेज की कहानी में चीकू की बुद्धिमानी एवं सुझबुझ बच्चो को सिख दे जाती थी ,बाद में प्राण जी ने चीकू पर काम करना बंद किया क्योकि वे ‘चम्पक ‘ से अलग हो चुके थे l

उसके बाद से ‘चीकू ‘ को ‘दास ‘ जी बनाने लगे l यह सन १९८० की बात ,उन्होंने लगातार कई पात्रो का सृजन किया जो कही न कही हमारे समाज से ही उठाये गए थे और वे भी उन्ही परेशानियों से जूझते थे जिससे आम आदमी दो चार होता था ,इसी कारण से इन पात्रो की लोकप्रियता आज भी कायम है l

 ,बिल्लूपिन्कीतोषीरमण ,श्रीमतीजी ,गब्दूबजरंगी पहलवान, चाचा चौधरी ,साबू ,जोजीताऊजीआदि तमाम पात्र जनमानस में सालों से बसे हुए हैंlहमारे बचपन और हमारे जीवन का अभिन्न अंग बन चुके प्राण साहब अब नहीं रहेl

यह खबर हर कॉमिक्स फैन के लिए दुखदायी है उनकी कमी हमेशा बनी रहेगी ,इनके साथ ही भारतीय कॉमिक जगत के एक युग का अंत हो गया ,किन्तु प्राण साहब अपने बनाये पात्रो के जरिये हमेशा अपने चाहनेवालो के हृदय में बसे रहेंगे l

ईश्वर उनकी आत्मा को शांति प्रदान करे l

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