अपने गिरेबां में झांक
ऐ मेरे रहगुजर
साथ चलना है तो चल
ऐ मेरे हमसफर
चाल चलता ही जा तू
रात-ओ-दिन दोपहर
जीत इंसां की होगी
याद रख ले मगर
इल्म तुझको भी है
है तुझे यह खबर
एक झटके में होगा
जहां से बदर
शांति दूत हैं तो
हैं हम जहर
बचके रहना जरा
न रह बेखबर
14 अगस्त 2016
अपने गिरेबां में झांक
ऐ मेरे रहगुजर
साथ चलना है तो चल
ऐ मेरे हमसफर
चाल चलता ही जा तू
रात-ओ-दिन दोपहर
जीत इंसां की होगी
याद रख ले मगर
इल्म तुझको भी है
है तुझे यह खबर
एक झटके में होगा
जहां से बदर
शांति दूत हैं तो
हैं हम जहर
बचके रहना जरा
न रह बेखबर