shabd-logo

आपके इष्टदेवता कौन है ?

16 अगस्त 2016

832 बार देखा गया 832
featured image

          आप जानते ही हैं कि हिन्दुओं के ३३करोड़ देवी देवता हैं। साल का कोई सा दिन ऐसा नहीं जाता होगा जिस दिन व्रत या त्यौहार न हो। एक ही देवता की आराधना करनी चाहिए। जो एक प्रिय देवता होता है वही इष्टदेव होता है। एक देवता की आराधना उत्तम है पर अन्य देवताओं से परान्मुख नहीं होना चाहिए, अपितु उनके प्रति श्रद्धा रखते हुए प्रणाम अवश्य करना चाहिए। विशिष्ट पूजा अर्चना अपने इष्टदेव की ही करनी चाहिए। ईष्ट आराधना के अतिरिक्त यज्ञ, दान, तप, व्रत आदि कर्म किसी भी परिस्थिति में नहीं त्यागने चाहिएं क्योंकि ये मन को पवित्र करते हैं, कष्टों से बचाते हैं एवं पूर्वकृत पापों के प्रभाव से बचाते हैं।

     इष्ट देवता कैसे चुनें ? 

          इष्ट देवता चुनने में निम्न बातों पर ध्यान देना चाहिए-

  1.  महर्षि जैमिनी ने इष्टदेव के चयन में आत्मकारक ग्रह को मान्यता प्रदान की है। कुण्डली में लग्न, लग्नेश, लग्न नक्षत्र के स्वामी एवं ग्रह जो सबसे अधिक अंश में है, चाहे वह किसी भी राशि में हो आत्मकारक ग्रह होता है।
  2. आत्मकारक ग्रह के अनुसार इष्टदेव की उपासना की जानी चाहिए।
  3. अन्य मतानुसार पंचम भाव, पंचमेश तथा पंचम भाव में स्थित बली ग्रहों के अनुसार इष्टदेव की आराधना करनी चाहिए।
  4. त्रिकोणेश जो सर्वाधिक बली हो उसके अनुसार भी इष्टदेव की उपासना करनी चाहिए।
  5. कुण्डली का सर्वाधिक बली व शुभ ग्रह के अनुसार भी इष्टदेव का चयन करना चाहिए। यहां एक कुंडली दे रहे हैं जिसमें आत्म कारक ग्रह बुध है, पंचमेश शनि है, तीन त्रिकोणेश बुध, शनि व शुक्र में षडबलानुसार शुक्र बली है जबकि स्थिति के अनुसार बुध बली है। दो मतानुसार बुध बली है अतः इस ग्रह के अनुसार इष्टदेव चुनना चाहिए।

            देवताओं में सूर्य से राम व विष्णु, चन्द्र से शिव या पार्वती, कृष्ण, मंगल से कार्तिकेय, नृसिंह, हनुमान या स्कंद, बुध से दुर्गा या भगवान बुद्ध, गुरु से ब्रह्मा या वामन, शुक्र से लक्ष्मी या परशुराम, शनि से भैरव, यम या कूर्म, राहु से शेषनाग या सरस्वती, केतु से मत्स्य या गणेश की उपासना करनी चाहिए।

          उदाहरण देकर समझाते हैं। यहां एक कुंडली अंकित कर रहे हैं-

article-image

          उक्त जातक को दुर्गा की उपासना करनी चाहिए। इस कुंडली में नवम भाव से चन्द्र व केतु का संबंध है एवं चन्द्र उच्च का है। जातक का ध्यान शिव, पार्वती व गणेश के प्रति भी हो सकता है। जातक को शिव, पार्वती, गणेश व दुर्गा जी में से कोई भी एक इष्टदेव बना लेना चाहिए।

          इस प्रकार आप अपना इष्टदेव आसानी से चुन सकते है। आप अपना एवं मित्रों का इष्टदेव चुनने में भी सहयोग दें।

1

ज्‍योतिष्‍ा से जीवन संवारना चाहिए

25 मई 2016
0
2
0

          ज्‍योतिष का नाम आपने सुना है, किन्‍तु आपको पता नहीं है कि इसका कैसे उपयोग किया जाए। जब कोई विशेष परेशानी या अशुभ घटना हो जाती है तो आप ज्‍योतिषियों के पास चक्‍कर लगाने लगते हैं। कई बार अच्छे अनुभव होते हैं और बहुत लाभ होता है तो कई बार कड़वे अनुभव होते हैं और धन का अलग नुकसान हो जाता है। क

2

समय को सामने से पकड़ो!

25 मई 2016
0
2
0

          समय एक ऐसा सेठ है जिसके सिर पर सामने तो केश हैं और पीछे से खल्‍वाट(गंजा)है। समय रूपी सेठ को सामने से पकड़ने पर ही वह पकड़ आता है। उसके पीछे दौड़ने पर वह कभी पकड़ में नहीं आता है। स्‍पष्‍ट है कि समय को पीछे से पकड़ने का प्रयास करेंगे तो वह पकड़ नहीं आएगा अर्थात् आए हुए अवसर हाथ से निकल जाएं

3

प्रेम क्या है?

25 मई 2016
0
4
0

मन में उठा एक प्रश्न-प्रेम क्या है?लगा यूँ कि-अनुभूति के मध्यभावों के संग एक यात्रा है।यात्रा पूर्ण करके, हुई प्रतीति-इसमें पाने की नहीं वांछारहती बस यही आकांक्षा-रीझना उस पर सदारीतना स्वयं का सदातिल-तिल कर होना अदारेशा-रेशा देना बदा।प्रेम एक तल्लीनता है! प्रेम एक तन्मयता है!ढाई आखर का है शब्दलौकिक

4

मन के चिंतन से लक्ष्य बनता है!

17 जून 2016
0
2
0

हमारा मन जाग रहे हैं तो सोचता है और सो रहे हैं तो सपनों में सोचता है। सोचना उसकी नियति है इसीलिए तो निरंतर सोचता रहता है। मन अपनी सोच पर मनन करता है तो सार्थक विचार बनता है  वरना तो जो जी में आए सोचता ही रहता है। सभी को बहुत कुछ चाहिए पर सब कुछ सभी को मिलता नहीं। मिलता वही है जो मन का सोचा चिंतन के

5

हैप्पी फादर डे

19 जून 2016
0
2
0

आज फादर डे है इसका पता तब चला जब बेटी का फोन आया हैप्पी फादर्स डे! यह सच्च है कि बेटियां अधिक ध्यान रखती हैं।कुछ घंटों बाद पुत्र का मैसज आ गया हैप्पी फादर डे पापा। पापा  प्रसन्न हो बोले-धन्यवाद! सभी शब्द नगरी के सदस्यों को जो फादर हैं और उनको भी जो भविष्य में फादर बनने वाले हैं सभी को मेरी तरफ से ह

6

चमत्कारिक महामृत्युंजय मन्त्र

17 जुलाई 2016
0
2
0

    जब कोई व्यक्ति मृत्यु शय्या पर पड़ा होता है, किसी असाध्य रोग से पीड़ित होता है, ऊपरी प्रभाव या हवाओं से निरन्तर रोगग्रस्त रहता है या अचानक दुर्घटना के कारण मृत्यु की घड़ियां गिन रहा होता है तो कहते हैं कि महामृत्युंजय मन्त्र का पाठ करा लो। इससे मृत्यु भी टल जाती है।    मन्त्र के लिए कह सकते हैं

7

गुरू पूर्णिमा

19 जुलाई 2016
0
4
0

गुरू पूर्णिमा 

8

त्रिखल दोष क्‍या है?

20 जुलाई 2016
0
2
1

    जब किसी स्‍त्री के तीन कन्‍या के उपरान्‍त लड़के या लड़की का जन्‍म हो तो इस त्रिखल दोष कहते हैं    त्रिखल दोष अशुभ होता है।    लड़के का जन्‍म हो तो पिता को भय, रोग एवं धनहानि होती है।    लड़की का जन्‍म हो तो माता को कष्‍ट होता है।    यदि आपके संज्ञान में त्रिखल दोष हो तो निज पुरोहित से इसकी शान्त

9

खुश कैसे रहें ?

21 जुलाई 2016
0
2
0

    खुश कौन नहीं रहना चाहता है, सभी तो यही चाहते हैं।     खुश कैसे रहा जाए?      इस प्रश्‍न का उत्तर देने के लिए ही खुश रहने के लिए यहां कुछ बातों की चर्चा करेंगे।     यदि आपने इनको अपनाकर व्यवहार में लाएंगे तो निश्चित रूप से आप खुश रहेंगे।     ये बातें निम्नलिखित हैं-नई रुचियों का विकास करें लेकिन

10

प्रबन्धन

27 जुलाई 2016
0
3
0

आज का सुवचन     

11

स्वतन्त्रता दिवस की पूर्व संध्या पर हार्दिक शुभकामनाएं

14 अगस्त 2016
0
3
0

सभी को स्वतन्त्रता दिवस मंगलमय हो! 

12

आपके इष्टदेवता कौन है ?

16 अगस्त 2016
0
2
0

          आप जानते ही हैं कि हिन्दुओं के ३३करोड़ देवी देवता हैं। साल का कोई सा दिन ऐसा नहीं जाता होगा जिस दिन व्रत या त्यौहार न हो। एक ही देवता की आराधना करनी चाहिए। जो एक प्रिय देवता होता है वही इष्टदेव होता है। एक देवता की आराधना उत्तम है पर अन्य देवताओं से परान्मुख नहीं होना चाहिए, अपितु उनके प्र

13

चर्चा

19 अगस्त 2016
0
1
0

आज का सुवचन

14

प्रभाव

20 अगस्त 2016
0
1
0

आज का सुवचन

15

सुवचनमाला ई बुक के रूप में उपलब्ध

23 अगस्त 2016
0
1
0

सुवचन जीवन में प्रेरणा देते हैं। सुवचन के सार को जीवन में व्यवहार में लाने पर वे सार्थक हो जाते हैं! सुवचनों को व्यवहार में अवश्य लाना चाहिए। सुवचन सकारात्मक ऊर्जा बढ़ाते हैं। सकारात्मक ऊर्जा सफलता का मार्ग प्रशस्त करती है। इस पुस्तक में प्रेरक व जीवनोपयोगी 190 सुवचन

16

अपना आत्मपरीक्षण करें!

6 सितम्बर 2016
0
0
0

आप सोचते हैं कि आपमें योग्यता है, परिश्रम करने की क्षमता है और उचित अवसर भी मिलते रहते हैं, परन्तु फिर भी लक्ष्य नहीं पूरा होता। आपको लगता है कि आपके पास सच्चे मित्र नहीं है। आपको लगता है कि आपको सदैव गलत ही समझा जाता है। आपको लगता है कि आपको आगे बढ़ने के अवसर मिलते ही नही

17

कर्म

15 अक्टूबर 2016
0
0
0

आज का सुवचन‘हमारे कर्म ही हमारे जीवन की दिशा निर्धारित करते हैं।’ - ज्ञानेश्वर

18

गणतन्त्र दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं

26 जनवरी 2017
0
3
0

हम सब भारतीय हैं अौर हम सबको भारतीय होने पर गर्व है! सभ्‍ाी भारतीयों को गणतन्‍त्र दिवस के शुभअवसर पर हार्दिक शुभकामनाएं Happy Republic Day - YouTube

19

उन्‍नति (Progress)Un‍nati

2 मार्च 2017
0
0
0

सुवचन सकारात्‍मक होते हैं अौर दिशा निर्धारित करते हैं। सुपथ दिखाते हैं और लक्ष्‍य प्राप्ति में सहायक होते हैं। आज के सुवचन का शीर्षक 'उन्‍नति' है!यदि आपने अभी तक नहीं किया है तो SUBSCRIBE तुरन्‍त करें आपको नई वीडियो की जानकारी मिलती रहेगी।Video को LIKE और हमारे CHANNEL को

20

सफलता किसकी?

8 जुलाई 2019
0
2
2

सफलता किसकी आज सोमवार है और प्रत्‍येक सोमवार को सकारात्‍मक सोच की चर्चा करते हैं। आज की वीडियो में बताएंगे कि सफलता किसकी होती है?विस्‍तार से जानने के लिए नीचे लिखे लिंक पर क्लिक करें- Loading playlists... YouTube

---

किताब पढ़िए