आज मैं बात कर रहा हूँ प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री की ईमानदारी की।
लाल बहाुदर शास्त्री जी ने 1965 में फिएट कार लेने के लिये पंजाब नेशनल बैंक से 5000 रू. का लोन
लिया था जिसकी वो एक भी किश्त न चुका पायें और उनका 1966 में देहान्त हो गया । फिर बैंक ने उसने
घर नोटिस भेजा जो उनकी श्रीमती ललिता शास्त्री को मिला । और उन्होंने शास्त्री जी की पेंशन से धीरे धीरे
बैंक के लोन का भुगतान किया । और वही फिएट कार आज भी उनके सग्रहालय में मौजूद है ।