सोमवार को अपनी टुकड़ी से इंडिपेंडेंस – डे परेड की सलामी लेने वाले केन्द्रीय रिजर्व पुलिस फोर्स (CRPF) के कमांडेंट प्रमोद कुमार सलामी के एक घंटे बाद शुरू हुई आतंकी मुठभेड़ में देश की रक्षा करते हुए श्रीनगर के नौहट्टा चौक पर सोमवार को में शहीद हो गए । स्वतंत्रता दिवस पर कश्मीर के नौहट्टा में शहीद हुए सीआरपीएफ कमांडेंट प्रमोद कुमार ने इंडिपेंडेंस डे परेड को संबोधित किया था । झंडारोहण और सलामी के बाद उन्होंने भाषण दिया था। उन्हें क्या पता था कि 15 अगस्त का दिन उनकी शहादत का दिन साबित होगा । श्रीनगर के नौहट्टा चौक पर सोमवार को आतंकी हमले में शहीद CRPF के कमांडेंट प्रमोद कुमार का शव मंगलवार को यहां मिहिजाम लाया गया। यहां राजकीय सम्मान के साथ उनका अंतिम संस्कार किया गया । 6 साल की बेटी ने उन्हें मुखाग्नि दी । प्रमोद कुमार ने अपने भाषण में कहा था- आप सबको विदित है कि आज स्वतंत्रता दिवस समारोह मनाया जा रहा है। हमारी जिम्मेदारियां काफी बढ़ गई हैं। आज सबसे बड़ी चुनौती आतंकवाद और पत्थरबाज़ हैं..? इनसे डट कर मुकाबला करना है और हम करेंगे। ये आपकी कड़ी मेहनत से संभव है। इसे पूरी लगन से करना होगा। 43 साल के प्रमोद कुमार की शहादत श्रीनगर के नौहट्टा में आतंकियों से लोहा लेते हुए हो गई थी । शहीद होने से पहले उन्होंने दो आतंकियों को ढेर कर दिया था । उन्हें गले के उपर गोली लगी थी जिसके बाद उन्हें श्रीनगर के बेस अस्पताल में भर्ती कराया गया था जहां उनका इंतकाल हो गया । 1998 बैच के प्रमोद को एक माह पूर्व ही कमांडेंट बनाया गया था ।
प्रमोद कुमार की क़ुर्बानी की जानकारी आग की तरह पूरे देश में फैल गयी । झारखंड के जामताड़ा में प्रमोद कुमार के घर कुसुम वाटिका पहुंचने वालों का सिलसिला शुरू हो गया । जामताड़ा डीसी रमेश कुमार दुबे और एस पी मनोज कुमार सिंह ने शहीद प्रमोद की पत्नी नेहा त्रिपाठी, पिता प्रभु मिस्त्री और ससुर चन्द्रकांत त्रिपाठी से मुलाकात की ।
बिहार का बख्तियारपुर शहीद का पैतृक गांव है । यहीं के पर प्रमोद ने प्रारम्भिक शिक्षा ग्रहण की । देहरादून से उच्च शिक्षा हासिल करने वाले प्रमोद बचपन से ही कुशाग्र और मृदुल स्वभाव के थे । वह श्रीनगर में आतंकियों के हिट लिस्ट में थे । अपनी अर्धांगिनी से प्रमोद कुमार ने कहा था कि देश उनके लिए मां है और वो इसके लिए शहीद होने से परहेज नहीं करेंगे । देश की सिक्युरिटी के लिए किसी भी हद तक जाएंगे । उन्होंने अपनी पत्नी को कहा था कि देखना एक दिन मुझे शौर्य चक्र मिलेगा । प्रमोद की पत्नी नेहा त्रिपाठी इंजीनियर हैं । दोनों की शादी आठ साल पहले हुई थी।पूरे राजकीय सम्मान के साथआज मंगलवार को शहीद कमांडेंट प्रमोद कुमार का अंतिम संस्कार किया गया । प्रमोद कुमार के जनाज़े में हजारों की संख्या में देशवासी मौजूद रहे ।शहीद कमांडेंट प्रमोद को इस दौरान गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया । जनसैलाब ने नम आंखों से कश्मीर में शहीद कमांडेंट को अंतिम विदाई दी ।