हमारे शहर का मौसम कभी अच्छा नहीं होता,
तुम्हारे आगमन का गर कोई चर्चा नहीं होता।
तबियत ठीक है लेकिन बड़ा बीमार है ये दिल,
मेरा दिल आपने गर प्यार से तोडा नहीं होता।
बदलते दौर की तस्वीर कुछ ऐसे बयाँ होती,
कि रिश्ते टूटते गर कीमती तोहफ़ा नहीं होता।
अगर मंजूर था तो प्यार को दिल से निभा लेते,
ज़हर तन्हाइयों का रत-दिन पीना नहीं होता।
अधूरी दास्ताँ बनकर अभी भी हाशिये पर हूँ,
नबाजिश वक़्त की होती तो ये मौका नहीं होता।
ख्यालों में नहीं था बेरुखी से पेश आओगे,
हमें एहसास होता तो कभी धोखा नहीं होता।
हमारी आग के दामन तुम थोडा ठहर जाओ,
जुदाई दहकता लावा है जो ठण्डा नहीं होता।
लहर उनवान बुनती है हंसीं मौजें तबाही की,
समन्दर डूब जाते हैं मगर गहरा नहीं होता।
उदासी और आंसू आँख से 'अनुराग'बहते हैं,
निगाहों में गुनाहों का घना कुहरा नहीं होता।