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ओ॰ पी॰ जैशा ओलंपियन की दर्दनाक कहानी - हमारे उदासीन रवैये का एक और उदाहरण ?

23 अगस्त 2016

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रियो ओलंपिक खत्म हो गया है और अपने साथ तमाम खट्टी मीठी यादें छोड़ गया है। खेल और खिलाड़ियों के प्रति हमारे उदासीन रवैये का एक और उदाहरण सामने आया है। भारतीय खिलाड़ी ओपी जैशा ने रियो ओलंपिक में महिला मैराथन स्पर्धा को याद करते हुए कहा कि मैं वहां मर सकती थी क्योंकि उन्होंने कहा कि उन्हें अधिकारियों द्वारा पानी और एनर्जी ड्रिंक मुहैया नहीं कराया गया जबकि भारत को निर्धारित स्टेशन दिये गये थे। जैशा रियो ओलंपिक की महिला मैराथन स्पर्धा में निराशाजनक दो घंटे 47 मिनट 19 सेकेंड के समय से 89वें स्थान पर रही थी।

जैशा ने कहा वहां काफी गर्मी थी। स्पर्धा सुबह नौ बजे से थी मैं तेज गर्मी में दौड़ी। हमारे लिये कोई पानी नहीं था न ही कोई एनर्जी ड्रिंक थी और न ही कोई खाना। केवल एक बार आठ किलोमीटर में रियो आयोजकों से मुझे पानी मिला जिससे कोई मदद नहीं मिली। सभी देशों के प्रत्येक दो किमी पर अपने स्टॉल थे लेकिन हमारे देश का स्टॉल खाली था।

जैशा फिनिश लाइन पर मैराथन पूरी करने के बाद गिर गयी थी और उन्हें अस्पताल ले जाना पड़ा जहां उनके कोच निकोलई स्नेसारेव की एक डाक्टर से बहस हो गयी और फिर उन्हें स्थानीय पुलिस ने आधे दिन के लिये हिरासत में लिया।

जैशा ने कहा हमें हमारे तकनीकी अधिकारियों द्वारा ड्रिंक दी जानी थी यह नियम है। हम किसी अन्य टीम से पानी नहीं ले सकते। मैंने वहां भारतीय बोर्ड देखा लेकिन वहां कुछ नहीं था। मुझे काफी परेशानी हो रही थी। मैं रेस के बाद बेहोश हो गयी। मुझे ग्लूकोज दिया गया मुझे लगा कि मैं मर जाउंगी।

जैशा ने स्नेसारेव की बहस के कारण को स्पष्ट करते हुए कहा मेरे कोच बहुत गुस्से में थे और वह डाक्टरों से भिड़ गये। कोच ने सोचा कि मैं मर गयी हूं। उन्होंने डाक्टरों को धक्का दिया और मेरे कमरे में घुस गये क्योंकि वह जानते थे कि अगर मुझे कुछ भी हो गया तो उन्हें जिम्मेदार ठहराया जायेगा। इस धाविका ने दावा किया कि उसने जब स्टॉल पर पूछा कि उसे पानी क्यों नहीं मुहैया कराया गया तो अधिकारियों से उसे कोई जवाब नहीं मिला।

जैशा ने कहा ‘मैंने अधिकारियों से पूछा कि हमारे लिये वहां पानी क्यों नहीं था लेकिन मुझे कोई जवाब नहीं मिला। मैं नहीं जानती कि वे क्या कर रहे थे। भारतीय एथलेटिक्स दल में काफी लोग थे कोई भी यह काम कर सकता था। उन्होंने कहा, ‘मैं नहीं जानती कि वे कहां थे। मैं बहुत बुरी स्थिति में थी। मेरे कोच को डाक्टर से बुरे व्यवहार का दोषी ठहराया गया लेकिन उन्हें बताया गया कि जैशा लगभग मर गयी है वह क्या करते वहीं भारतीय एथलेटिक्स महासंघ एएफआई ने कहा कि रियो में भारतीय अधिकारियों को एथलीट या उनके कोचों द्वारा किसी भी ड्रिंक की विशेष जरूरत के बारे में नहीं बताया गया था।

एएफआई के सचिव सी के वाल्सन भी रियो में मौजूद थे उन्होंने कहा ‘यह आयोजकों की जिम्मेदारी होती है कि वे पानी और एनर्जी ड्रिंक मुहैया कराये। इसके लिये पूरे कोर्स में पानी और एनर्जी ड्रिंक के कई स्टेशन होते हैं। हम भी अपने एथलीटों को पानी और एनर्जी ड्रिंक दे सकते थे लेकिन किसी ने भी और न ही उनके कोचों ने हमें इसके बारे में सूचित किया कि उन्हें अलग से पानी और एनर्जी ड्रिंक की जरूरत है।’

जब इस घटना के बारे में खेल मंत्री विजय गोयल से पूछा गया तो उन्होंने कि यह भारतीय एथलेटिक्स महासंघ की जिम्मेदारी थी। उन्होंने कहा हर बार कोई छोटी घटना होती है तो हम इसका सं ज्ञान लेते हैं। यह एएफआई का काम था यह महासंघ की जिम्मेदारी है उन्हें इसकी जिम्मेदारी लेनी चाहिए थी। जैशा ने कहा कि उन्हें नहीं पता कि इसके लिये कौन जिम्मेदार है।

उन्होंने कहा मैं नहीं जानती कि इसके लिये किसे दोषी ठहराया जाना चाहिए। शायद किसी ने मैराथन की गंभीरता महसूस नहीं की जबकि हमें 42 किमी की दूरी तय करनी होती है। वाल्सन ने यह भी कहा कि 3000 मीटर स्टीपलचेज धाविका सुधा सिंह ने रियो से रवाना होने से एक दिन पहले ही खेल गांव के पालीक्लिनिक से दवाईयां ली थी।

जैशा ऑर्चटेरी पुथिया वीतिल & ये ज्यादातर ओ॰ पी॰ जैशा के नाम से ही जानी जाती है। ये एक भारतीय महिला ट्रैक एन्ड फ़ील्ड की एथलीट है। ये पूर्व में ३००० मीटर के रिकॉर्ड की भी भागीदार रह चुकी है।

भारत की सबसे बड़ी ताकत उसकी युवा आबादी मानी जाती है। संयुक्त राष्ट्र के आंकड़ों के अनुसार दुनिया की सबसे बड़ी युवा आबादी भारत में रहती है। यूएन के अनुसार 2014 तक भारत में करीब 35 करोड़ 60 लाख लोग 10 से 24 वर्ष के बीच की उम्र के थे। इतनी बड़ी युवा आबादी के बावजूद भारत के ओलंपिक में खराब प्रदर्शन के पीछे सबसे बड़ी वजह आर्थिक संसाधनों का अभाव है। भले ही केंद्र सरकार और दुनिया की दूसरी बड़ी संस्थाएं भारत को दुनिया के सबसे तेजी से विकसित हो रही अर्थव्यवस्थाओं में एक बताए, खेल-कूद पर खर्च के मामले में वो दुनिया के सबसे पिछड़े देशों में एक है। संसदीय पैनल की एक हालिया रिपोर्ट के अनुसार भारत में केंद्र और राज्य सरकारों द्वारा खेल पर किया जाने वाला कुल खर्च तीन पैसे प्रति व्यक्ति प्रति दिन है।

इतिहास में सबसे अधिक 2400 से ज्यादा ओलंपिक मेडल जीतने वाला अमेरिका खेलों पर प्रति व्यक्ति प्रति दिन 22 रुपये खर्च करता है। वहीं ब्रिटेन 50 पैसे प्रति व्यक्ति प्रति दिन और जमैका 19 पैसे प्रति व्यक्ति प्रति दिन खेलों पर खर्च करता है। अब हर आदमी पर हर रोज तीन पैसे खर्च करके कितने ओलंपिक मेडल लाए जा सकते हैं, ये सबके सामने है। वहीं कुछ लोग ये सवाल भी पूछते हैं कि कोई विकासशील देश केवल ओलंपिक मेडल जीतने के लिए क्यों पैसे खर्च करे, जबकि देश में बेरोजगारी, अशिक्षा और भूख जैसी चीजों के लिए पर्याप्त फंड नहीं है?

विशेषज्ञों की मानें तो भारत में आज भी खेल अच्छा करियर नहीं है। पुरानी कहावत है पढ़ोगे लिखोगे बनोगे नवाब, खेलोगे कूदोगे होगे खराब।” शहरी तबके में विभिन्न खेलों को लेकर आई थोड़ी जागरुकता को छोड़ दें तो आज भी भारतीय माता-पिता बच्चों को डॉक्टर, इंजीनियर, आईएएस इत्यादि बनने का सपना देखते हैं। इंडियन ओलंपिक एसोसिएशन के प्रमुख नारायन रामचंद्रन ने हाल में मीडिया से कहा था, भारत में खेल हमेशा ही शिक्षा से पीछे रहा है। ज्यादातर भारतीय परिवार अपने बच्चों को ओलंपियन बनाने के बजाय डेंटिस्ट या एकाउंटेंट बनाना पसंद करेंगे।”

जाहिर है भारतीय अभिभावकों की नजर में खेल में उनके बच्चों का भविष्य सुरक्षित नहीं है। ज्यादातर बच्चों को ये चिंता सताती है कि अगर बच्चे खेल में कुछ कर भी गए तो एक उम्र के बाद उनके लिए अपना परिवार चलाना मुश्किल होगा। राष्ट्रीय खेलों या कॉमनवेल्थ खेलों में पदक विजेता खिलाड़ियों के गरीबी-लाचारी के किस्से भारतीय मां-बाप के डर को और पुष्ट करते हैं।

ओलंपिक में भारत के खराब प्रदर्शन के पीछे कुछ लोग क्रिकेट की अतिशय लोकप्रियता को भी एक वजह मानते हैं। रियो ओलंपिक के दौरान ही एक चीनी वेबसाइट ने दूसरे खेलों की तुलना में क्रिकेट की लोकप्रियता हॉकी की फीकी पड़ती चमक और ग्रामीण इलाकों में ओलंपिक के प्रति जागरुकता के अभाव को ओलंपिक में भारत के खराब प्रदर्शन के लिए जिम्मेदार कारणों में माना। इससे पहले भी कई भारतीय और विदेशी खेल विशेषज्ञ क्रिकेट को अन्य भारतीय खेलों की खराब हालात के लिए जिम्मेदार बता चुके हैं। बगैर किसी अतिश्योक्ति के कहा जा सकता है कि आज के भारत में क्रिकेट ही एक ऐसा खेल है जो देश के लगभग हर हिस्से में लोकप्रिय है। और जिसे लेकर भारतीय मां-बाप का नजरिया भी बदल है। वो अपने बच्चों को क्रिकेटर बनाने के प्रति उदार होने लगे हैं। लेकिन क्या क्रिकेट की लोकप्रियता की कीमत भारत को दूसरे खेलों की बलि देकर चुकानी पड़ेगी

खेल संस्थाओं का रवैया

भारत कितना पैसा खेल पर खर्च करता है और कितने युवा खिलाड़ी बनना चाहते हैं जैसे सवाल अपनी जगह वाजिब हैं। लेकिन इन सवालों के बरक्स एक सवाल ये भी है कि भारत जितना पैसा खेलों पर खर्च करता है और जो लोग खिलाड़ी बनना चाहते हैं उसकी जमीनी हकीकत क्या है? अगर आप खेल से जुड़ी खबरें पढ़ते रहते हैं तो आप विभिन्न खेल संस्थाओं में भ्रष्टाचार, बदहाली नियमों की मनमानी व्याख्या और खिलाड़ियों की उपेक्षा के किस्से पढ़े होंगे। रियो ओलंपिक खुद भारत में खेल प्रशासन की हालत का उदाहरण बनता जा रहा है। भारतीय खेल मंत्रालय और खेल प्राधिकरणों के पदाधिकारियों को खिलाड़ियों से ज्यादा अपनी चिंता रहती है। भारतीय खेल मंत्री और उनके साथियों पर रियो ओलंपिक के आयोजनकर्ताओं ने अभद्र बरताव करने का आरोप लगाया है।

उससे पहले कुश्ती में नरसिंह यादव और सुशील कुमार का विवाद भी भारतीय खेल प्राधिकरण की हकीकत सामने लाता है। ओलंपिक में दो पदक (एक सिल्वर और एक ब्रॉन्ज) जीतने वाले सुशील कुमार को इस मामले में अदालत तक का दरवाजा खटखटाना पड़ा। इस पूरे विवाद की जड़ में था भारतीय कुश्ती संघ के नियमों में स्पष्टता का अभाव। इससे पहले 2010 में भारत में हुए कॉमनवेल्थ खेलों के दौरान हुए कथित भ्रष्टाचार से देश की पूरी दुनिया में किरकिरी हुई थी। पहले से ही फंड की कमी से जूझ रहे भारतीय खिलाडि़यों को खेल संस्थानों के भ्रष्टाचार के कारण अत्याधुनिक तकनीकी और प्रशिक्षण मिलना लगभग नामुमकिन हो जाता है। जिसका असर ओलंपिक खेलों में दिखाई देता है।




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संसारी

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अक्ल बड़ी या भैंस

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महामूर्ख दरबार में, लगा अनोखा केस,फसा हुआ है मामला, अक्ल बङी या भैंस,अक्ल बङी या भैंस, दलीलें बहुत सी आयीं,महामूर्ख दरबार की अब,देखो सुनवाई,मंगल भवन अमंगल हारी- भैंस सदा ही अकल पे भारी,भैंस मेरी जब चर आये चारा- पाँच सेर हम दूध निकारा,कोई अकल ना यह कर पावे- चारा खा कर दूध बनावे,अक्ल घास जब चरने जाये-

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हिंदोस्ता

14 जून 2016
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हिंदोस्ता जहां हर चीज है प्यारी सभी चाहत के पुजारी प्यारी है  जिसकी जुबा वाही है मेरा हिंदोस्ता                           जहां ग़ालिब की गजल है वो प्यारा ताजमहल है प्यार का एक निशा वाही है मेरा हिंदोस्ता जहां फूलों का बिस्तर  है जहां अम्बर की चादर है नजर तक फैला सागर है सुहाना हर एक मंजर है वो झरने व

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हिंदोस्ता जहां हर चीज है प्यारी सभी चाहत के पुजारी प्यारी है  जिसकी जुबा वाही है मेरा हिंदोस्ता                           जहां ग़ालिब की गजल है वो प्यारा ताजमहल है प्यार का एक निशा वाही है मेरा हिंदोस्ता जहां फूलों का बिस्तर  है जहां अम्बर की चादर है नजर तक फैला सागर है सुहाना हर एक मंजर है वो झरने व

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भारतीय इतिहास के गौरवपूर्ण तथ्य

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भारतीय इतिहास के गौरवपूर्ण तथ्य (गर्व से SHARE करें ) ******************************************* 1. जब कई संस्कृतियों 5000 साल पहले ही घुमंतू वनवासी थे, भारतीय सिंधु घाटी (सिंधु घाटी सभ्यता) में हड़प्पा संस्कृति की स्थापना की। 2. भारत के इतिहास के अनुसार, आखिरी 100000 वर्षों में किसी भी देश पर हमला

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योग करो सब योग करो .( योग दिवस 21 जून 2016 )

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यदि चाहो कल्याण विश्व का,योग करो सब योग करो|यदि चाहो नित खुशियाँ पाना||योग करो भई योग करो||योग ही सत है , योग ही ऋत है, योग ही रस, अमृत, मधु, घृत है |योग प्रेम है, योग क्षेम है, योग ही संबल प्रभु श्रुति पथ है॥यदि चाहो तन स्वस्थ बनाना||योग करो……..योग है ऊर्जा, योग स्फूर्ति, योग ही मोद, प्रमोद, विनोद

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माइक्रोवेव- माइक्रोवेव में एक कटोरे में दो कप पानी भरें और उसमें एक चम्मच नींबू का रस डालें। अब माइक्रोवेव को पांच मिनट तक के लिए चला कर छोड़ दें। जब वह रुक जाए तब उसके भीतर को एक पेपर टॉवल लें कर साफ करें। इससे माइक्रोवेव भी साफ हो जाएगा और उसमें से अच्छी महक भी आने लगेगी।सिंक- सिंक से चिपचिपे ग्रीस

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दिन में चार चमच और कैंसर गायब

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दिन में चार चमच और कैंसर गायब ! रूस के मशहूर वैज्ञानिक ने बनाई एक शक्तिशाली औषधि.!!दुनिया भर के अरबों लोग कैंसर से पीड़ित हैं, आज के समय की यह सबसे घातक बीमारी है। लेकिन कुछ लोगों का दावा है कि यह रूसी वैज्ञानिक Hristo Mermerski द्वारा की खोजे एक प्राकृतिक उपचार से ठीक किया जा सकता है।रूस के एक वैज्

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भारत मॅा के सपूत

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जब हम बार-बार मनुवाद शब्द सुनते हैं तो हमारे मन में भी सवाल कौंधता है कि आखिर यह मनुवाद है क्या? महर्षि मनु मानव संविधान के प्रथम प्रवक्ता और आदि शासक माने जाते हैं। मनु की संतान होने के कारण ही मनुष्यों को मानव या मनुष्य कहा जाता है। अर्थात मनु की संतान ही मनुष्य है। सृष्टि के सभी प्राणियों में एकम

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साक्षरता का दीपक जलाते चलो तुम

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 रामू  बहुत गरीब घर  का लडका था  सिर्फ एक मॅा ही थी , जो  दूसरो के घरांे में खाना बनाती थी और वहाॅ से जो मिलता था उससे घर का खर्चा चलाती थी। अब मॅा भी बीमार रहने लगी  तो उसने सोचा कि क्या किया जाये तो उसकी मॅा ने कहा कि बेटा  तुम रोटी सब्जी बनाकर सड़क पर बेचांे। मॅा के सहयोग से उसने रोटी सब्जी बनाई औ

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टालमटोल का रोग

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यहां दोस्तों हमारे अंदर एक बहुत बुरी आदत है काम को टाल देने की। अपनी इसी आदत के कारण हम कभी.कभी अपने बनते हुए कामों को बिगाड़ बैठते हैंए जिससे हमारी बड़ी भारी हानि हो जाती है और कभी.कभी तो अपनी मंजिल पर पहुँचते.पहुँचते रह जाते हैं।जो काम हमें आज करने हैंए वह कल भी उतने ही महत्व के रहेंगेए यह नहीं कह

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गुरु पूर्णिमा पर गुरु वंदन - हे गुरुजन तुम्हे प्रणाम

19 जुलाई 2016
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गलती का अहसास

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यह बात सर्वविदित हैं कि हमने इस दुनिया में अगर इंसान के रूप में जन्म लिया है तो हमसे गलतियाँ अवश्य होंगी और फिर एक जुमला भी प्रचलित हैं “नो वन इज़ परफेक्ट इन दिस वर्ल्ड”.जिसने भी यह बात कही हैं बहुत सोच समझ कर कहीं हैं कि कोई भी इंसान पूरी तरह से कभी सही नहीं हो सकता उससे कोई न कोई गलती ज़रूर होती हैं

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सेकुलर वादी नेताहमे चाहिए ऐसा नेता जो लगता सेकुलरवादी हो।चाहे पहने चिकन का कुर्ताअथवा पहने खादी हों ।।जुल्म किये हो चाहे जितनेकितना ही भ्रष्टाचारी होंराष्ट्रद्रोह का दोषी हो याकितना ही अवसरवादी हों।।हर दंगे में बढ़चढ़ कर शिरकतपर बातें सेकुलरवादी होंवादे पर वादे करने का चाहे जितना आदी हो।।चाहे बहनों की

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रतन टाटा ने एक स्कूल में भाषण के दौरान 10 बातें बताई जो विद्यार्थियों को नहीं सिखाई जाती

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युद्ध भूमि में भारत कभी नहीं हारा, लेकिन अपने ही चन्द जयचन्दों से हारा है। अपनों ने जो समझौते किये, यह उससे हारा है, अपनी मूर्खता से हारा है। उन्हीं समझौतों में एक "सत्ता के हस्तांतरण का समझौता" भी शामिल है।पाकिस्तान गान्धी की लाश पर बन रहा था, लेकिन इंडियन इंडिपेंडेंस एक्ट 1947 का न तो गान्धी ने वि

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मैं तिरंगा फहराकर वापस आऊंगा या फिर तिरंगे में लिपटकर आऊंगा, लेकिन मैं वापस अवश्य आऊंगा।" - कैप्टन विक्रम बत्रा, परम वीर चक्र

19 अगस्त 2016
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पालमपुर निवासी जी.एल. बत्रा और कमलकांता बत्रा के घर 9 सितंबर 1974 को दो बेटियों के बाद दो जुड़वां बच्चों का जन्म हुआ। माता कमलकांता की श्रीरामचरितमानस में गहरी श्रद्धा थी तो उन्होंने दोनों का नाम लव-कुश रखा। लव यानी विक्रम और कुश यानी विशाल। पहले डीएवी स्कूल, फिर सेंट्रल स्कूल पालमपुर में दाखिल करवा

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........ तो सुलझ जाती कश्मीर समस्या?

19 अगस्त 2016
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इतिहास कैसे रचा जाता है इसका इतिहास जानने के लिए भारत में वल्लभ भाई पटेल का प्रयास प्रत्यक्ष प्रमाण है। संकल्प, साहस, सूझ-बूझ के धनी पटेल ने तत्कालीन 565 से भी अधिक देशी रियासतों का भारत मे विलीनीकरण करके राष्ट्रीय एकता के सूत्रधार के रूप में इतिहास रच दिया है। भारत को सुदृढ़ बनाना उनका सपना था।जिसे

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हम जोकर ही अच्छे है,जिस के नसीब में आऐंगे, बाज़ी पलट देंगे।

22 अगस्त 2016
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मिली थी जिन्दगी,किसी के 'काम' आने के लिए ।पर वक्त बित रहा है,कागज के टुकड़े कमाने के लिए ।क्या करोगे,इतना पैसा कमा कर.ना कफन मे 'जेब' है,ना कब्र मे 'अलमारी..!'और ये मौत केफ़रिश्ते तो 'रिश्वत' भी नही लेते ।खुदा की मोहब्बतको फना कौन करेगा ?सभी बंदे नेकतो गुनाह कौन करेगा ?"ए खुदा मेरे इन दोस्तोको सलामत

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पानी के लिए बलिदान?

22 अगस्त 2016
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<!--[if !supportLineBreakNewLine]--><!--[endif]-->सागर झीललक्खी बंजारा अपने कबीले का मुखिया था। उसका घुमंतू कबीला सारे देश में घूम-घूम कर गुड़ व नमक का व्यापार करता था। यह दल अधिकांश सागर में भी ठहरता था। उन दिनों भी वहां पानी की किल्लत थी। उनके मवेशी अक्सर मर जाते थे। इससे निजात पाने के लिए लक्खी न

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ओजोन परत में बढ़ता क्षरण समूची दुनिया के लिए स्पस्ट चेतावनी : 16 सितम्बर विश्व ओजोन दिवस पर विशेष :

23 अगस्त 2016
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1985 के अंत में दक्षिण ध्रुव (एंटार्कटिक) के ऊपर ओजोन की परत में छेद का पता चलने के बाद सरकारों ने क्लोरोफ्लोरोकार्बन (सीएफसी-11, 12, 113, 114 और 115) और अनेक हैलॅन्स (1211,1301, 2402) के उत्पादन और खपत को कम करने के कड़े उपायों की आवश्यकता को पहचाना। प्रोटोकॉल इस तरह से तैयार किया गया है ताकि समय-स

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जापान से जुड़े,कुछ रोचक तथ्य

23 अगस्त 2016
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आज हम जापान से जुड़े,कुछ रोचक तथ्य बताएंगे !! जो शायद आप न जानते हों! !।👌1. जापान में हर साल लगभग 1500 भुकंम्प आते हैं! !मतलब कि हर दिन चार !!👌2. मुसलमानों को “नागरिकता” न देने वाला,"जापान"अकेला राष्ट्र है। 👌यहाँ तक कि,"मुसलमानों"को जापान में,किराए पर मकान भी नहीं मिलता।👌3. जापान के किसी "विश्व

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ओ॰ पी॰ जैशा ओलंपियन की दर्दनाक कहानी - हमारे उदासीन रवैये का एक और उदाहरण ?

23 अगस्त 2016
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रियो ओलंपिक खत्म हो गया है और अपने साथ तमाम खट्टी मीठी यादें छोड़ गया है।खेल और खिलाड़ियों के प्रति हमारे उदासीन रवैये का एक और उदाहरण सामने आया है। भारतीय खिलाड़ी ओपी जैशा ने रियो ओलंपिक में महिला मैराथन स्पर्धा को याद करते हुए कहा कि मैं वहां मर सकती थी क्योंकि उन्होंने कहा कि उन्हें अधिकारियों द्व

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साक्षी मलिक का संघर्ष और उपलब्धियां!

27 अगस्त 2016
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साक्षी मलिक का संघर्ष और उपलब्धियां!ब्राजील के रियो डि जेनेरियो में हुए 2016 ग्रीष्मकालीन ओलम्पिक में महिला कुश्ती का कांस्य पदक जीत कर इतिहास रचने वाली साक्षी समाज और परिवार से लड़ कर इस मकाम तक पहुंची है। क्योंकि एक लड़की पहलवान बने, न तो यह उसके मां-बाप को मंजूर था और न उनके पहलवान दादाजी को ही।

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भारतीय रिजर्व बैंक ने यूनिफाइड पेमेंट सिस्टम को मंजूरी दी

27 अगस्त 2016
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अब आप एक एप्लीकेशन की मदद से बिना बैंक डिटेल मांगे किसी को भी पैसे भेज सकेंगे। भारतीय रिजर्व बैंक ने यूनिफाइड पेमेंट सिस्टम को मंजूरी दे दी है जो आपके बैंक से लिंक होगा और आप यूपीआई एप्लीकेशन की मदद से बैंक का काम अपने फोन से ही कर सकेंगे। यूपीआई एप्लीकेशन को किसी अन्य बैंक के अकाउंट के लिए भी इस्ते

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पैलेट गन के उपयोग पर अनर्थक बहस ?

27 अगस्त 2016
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पैलेट गन के उपयोग पर अनर्थक बहस चल रही है सरकार को; सेना के जवानों और जनता दोनों को बचाना है !नुक्सान जनता का हो या फिर सेना का अल्टीमेटली नुक्सान तो देश का ही है !जनता भी हमारी और सेना भी हमारी ! सवाल यह कि सरकार करे तो क्या करे !किसका पक्ष ले और किसका पक्ष न ले ! दोनों जिंदगियां सरकार के लिए अहम्

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समय का फेर

31 अगस्त 2016
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चौबे जी का लड़का है अशोक, एमएससी पास। नौकरी के लिए चौबे जी निश्चिन्त थे, कहीं न कहीं तो जुगाड़ लग ही जायेगी। बियाह कर देना चाहिए। मिश्रा जी की लड़की है ममता, वह भी एमए पहले दर्जे में पास है, मिश्रा भी उसकी शादी जल्दी कर देना चाहते हैं।सयानों से पोस्ट ग्रेजुएट लड़के का भाव पता किया गया। पता चला वैसे तो र

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स्वास्थ्य और सौन्दर्य के लिए नीम तेल का 9 लाभ

2 सितम्बर 2016
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1. मलेरिया नीमका तेल रोगके प्रभावित क्षेत्रो मेंलार्वा के जन्मकी गिनती कोकम करने मेंअसरदार काम करताहै। नीम केतेल का प्रयोगमलेरिया को नियंत्रित करनेके लिए एकअनुकूल तरीका है।2. दांतोंकी सुरक्षा केलिए हम कईदांतों की सुरक्षा वालेउत्पादों में नीम कोपाते है क्योंकि इसमेंबेक्टीरिया को खत्म करनेकी शक्ति होत

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आधी रोटी का कर्ज..

2 सितम्बर 2016
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पत्नी बार बार मां पर इल्जाम लगाए जारही थी और पति बार बार उसको अपनी हद मेंरहने की कह रहा थालेकिन पत्नी चुप होने का नाम ही नही लेरही थी व् जोर जोर से चीख चीखकर कह रहीथी कि"उसने अंगूठी टेबल पर ही रखी थी और तुम्हारेऔर मेरे अलावा इस कमरें मे कोई नही आयाअंगूठी हो ना हो मां जी ने ही उठाई है।।बात जब पति की

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समस्याओ से भागने से नहीं बल्कि सामना करने से ही समस्याओ से निपटा जा सकता है ?

2 सितम्बर 2016
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जंगली भैंसों का एक झुण्ड जंगल में घूम रहा था , तभी एक बछड़े (पाड़ा) ने पुछा , ” पिताजी, क्या इस जंगल में ऐसी कोई चीज है जिससे डरने की ज़रुरत है ?”” बस शेरों से सावधान रहना …”, भैंसा बोला .“हाँ , मैंने भी सुना है कि शेर बड़े खतरनाक होते हैं . अगर कभी मुझे शेर दिखा तो मैं जितना हो सके उतनी तेजी से दौड़ता ह

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गरीबों और अनाथों की भगवान् मदर टेरेसा को मिली संत की उपाधि !

5 सितम्बर 2016
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गरीबों और अनाथों के लिए मदर टेरेसा किसी भगवान से कम नहीं रहीं. जितने गरीब और निराश्रित लोगों की मदर टेरेसा ने सेवा की, उनके लिए तो वे जीवित रहते हुए ‘संत’ थीं.ऐसे में मदर टेरेसा को ‘संत’ की उपाधि को लेकर उनके अनुयायियों और वेटिकन सिटी में जर्बदस्त उत्साह है. ऐसे में यह जानना बेहद जरूरी है कि किसी शख

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दुनिया की सबसे बड़ी पर्यावरण त्रासदी में से एक...अरल सागर के सूखने की घटना!

7 सितम्बर 2016
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अराल सागर पश्चिमी एशिया की एक झील अथवा अंतर्देशीय सागर है। इसका नामकरण खिरग़्ज़ी शब्द अरालडेंगिज के आधार पर हुआ था जिसका अर्थ है द्वीपों का सागर। विश्व के अंतर्देशीय सागरों में क्षेत्रफल के अनुसारए इसका स्थान चौथा थी इसकी लंबाई लगभग २८० मील और चौड़ाई १३० मील थी इसकी औसत गहराई ५२ फुट थी और अधिकतम गहर

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मै नारी हूँ ?

8 सितम्बर 2016
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मै नारी हूँ मै प्यारी हूँ, मै मनुहार करती हूँ मै पालनहार हूँ ,पर गुहार भी करती हूँ मै सृजन भी जानती हूँपर विनाश भी करती हूँमै संसार रचती हूँ इसलिए मै जननी हूँमै सत्य हूँ सुन्दर हूँ सहनशील हूँमै ही माँ हूँ बेटी हूँ बहन हूँ और एक प्रिय पत्नी भी,जो तुम कहते हो, मै योवन औ

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जिन्दगी का कॉरवा है चल रहा तुम भी चलों।

8 सितम्बर 2016
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राह मत देखों कि चलता साथ कौनआस मत रक्खों कि देता साथ कौनजिन्दगी का कॉरवा है चल रहा तुम भी चलों।हॅसों मत गिर गया कोई कही जलों मत यदि कोई शिखर पर जा चढा चढ़ सकों तो साथियों तुम भी चढ़ों।एक छोटा सा दिया तिल - तिल जलेंएक छोटा सा तना जो परहित फलेंजल सकें तो साथियों तुम भी जलोतुम भी फलों।

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आर्थिक रूप से कमजोर लोगो( जैसे रिक्शा ,सब्जी वाला,खेमचे वाला आदि ) से ही मोल भाव क्यों ?

15 सितम्बर 2016
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ऑफिस से निकल कर शर्माजी ने स्कूटर स्टार्ट किया ही था कि उन्हें याद आया, पत्नी ने कहा था,१ दर्ज़न केले लेते ना। तभी उन्हें सड़क किनारे बड़े और ताज़ा केले बेचते हुए एक बीमार सी दिखने वाली बुढ़िया दिख गयी।वैसे तो वह फल हमेशा "राम आसरे फ्रूट भण्डार" सेही लेते थे, पर आज उन्हें लगा कि क्यों न बुढ़िया से ही खरीद

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सेकुलरवादी नेता?

15 सितम्बर 2016
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सेकुलरवादी नेताहमें चाहिए ऐसा नेता जो लगता सेकुलरवादी हो।चाहे पहने चिकन का कुर्ता अथवा पहने खॉदी हो।हमे चाहिए......................जुल्म किये हो चाहे जितनेकितना ही भ्रष्टाचारी हो ।देश द्रोह का दोषी हो या कितना ही अवसरवादी हो।हमे चाहिए......................हर दंगे में बढ़- चढ़ कर शिरकतपर बाते सेकुलरवा

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वायरल फीवर/बुखारके सम्भावित लक्षण एवं उपचार

20 सितम्बर 2016
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देशभर में वायरल फीवर/बुखार का प्रकोप व्याप्त है। जिसके लक्षण सामान्यत: निम्न हैं :—रोग के सम्भावित लक्षण :थकान, मांसपेशियों या बदन में दर्द, गले में दर्द, सर दर्द, जोड़ो में दर्द, ग्रस्नी/गलकोष (pharynx) में सूजन, आँखो में लाली और जलन का अनुभव, तेज बुखार, सर्दी, खाँसी, दस्त (diarrhea), त्वचा के ऊपर

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सूर्य -नमस्कार के लाभ :

20 सितम्बर 2016
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सूर्य -नमस्कार के नियमित अभ्यास से शारीरिक और मानसिक स्फूर्ति की वृद्धि के साथ विचारशक्ति और स्मरणशक्ति भी तीव्र होती है। इसके अन्य कई लाभ हैं जो निम्नलिखित हैं :सभी महत्त्वपूर्ण अवयवोंमें रक्तसंचार बढता है, और इसके नियमित अभ्यास से मोटापे को दूर किया जा सकता है और इससे दूर रहा भी जा सकता है।इसका नि

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20वीं शताब्दी के श्रेष्ठ चिन्तक, ओजस्वी लेखक तथा यशस्वी वक्ता एवं स्वतंत्र भारत के प्रथम कानून मंत्री ड़ा0 अम्बेदकर से सम्बंधित मुख्य तथ्य :

20 सितम्बर 2016
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20वीं शताब्दी के श्रेष्ठ चिन्तक, ओजस्वी लेखक तथा यशस्वी वक्ता एवं स्वतंत्र भारत के प्रथम कानून मंत्री ड़ा0 अम्बेदकर भारतीय संविधान के प्रमुख निर्माणकर्ता हैं। विधि विशेषज्ञ अथक परिश्रमी एवं उत्कृष्ट कौशल के धनी व उदारवादी परन्तु सुदृण व्यक्ति के रूप में डॉ0 आंबेडकर ने संविधान के निर्माण में महत्वपूर्

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कश्मीर के उड़ी में सैन्य ठिकाने पर हुए आतंकवादी हमले के बाद भारत की कूटनीति :

27 सितम्बर 2016
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कश्मीर के उड़ी में सैन्य ठिकाने पर हुए आतंकवादी हमले के बाद जब पूरे देश में आक्रोश है और बहुत सारे लोग इसे युद्ध की स्थिति के रूप में देख रहे हैं, जनभावना ईंट का जबाव ईंट से देने के पक्ष में है। इन स्थितियों में सभी देशवासियों की नजरे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर बड़ी और निर्णायक घोषणा की अपेक्षा से ल

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बेटी है शक्ति, हिम्मत और अभिमान?

27 सितम्बर 2016
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मॅा क्या सुन रही हो मेरी आवाजमै आपकी ही परछाई क्या भूल गयी मुझे मै आपकी अजन्मी बेटीशायद समय के चक्र ने विस्मृत कर दिया होगा आपकोपर मुझे आज भी सब याद है वो आपका मुस्कराता चेहरा ममता भरी आॅंखें कुछ भी नही भूली हूॅ।वो दादी की कर्कश आवाजवो बात -बात पर तानों से आगाजआखिर मजबूर होगयी थी आप भी मुझसे मुक्ति

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महगाई का लफड़ा ?

28 सितम्बर 2016
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महगाई का खेल ?

29 सितम्बर 2016
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पहले था वह बीस कमाता अब पाता चालीसपहले बेचता चाय बडा थाअब पालिस भी करता है ।फिर भी महगाई के चलते रोज उधारी करता हैउसको यह समझ न आया ऐसा भी क्या धपला है ।इतनी मेहनत के बाद भी क्यो रोजी रोटी का लफडा हैबीवी कहती और कमाओ खर्चा अब नही चलता है ।दूघ के खातिर उसका बच्चारोज .रोज मचलता है उसको वो कैसे समझाये

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भगत सिंह का अपने परिवार को लिखा ऐतिहासिक खत ?

29 सितम्बर 2016
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दिल्ली जेल26-4-29पूज्य पिताजी महाराजवन्देमातरम्!अर्ज है कि हम लोग 22 अप्रैल को पुलिस की हवालात से दिल्ली जेल में मुन्तकिल (तब्दील) कर दिये गये थे और इस वक्त दिल्ली जेल में ही हैं। मुकदमा 7 मई को जेल के अन्दर ही शुरू होगा। गालिबन (सम्भवतः) एक माह में सारा ड्रामा खत्म हो जायेगा। ज्यादा फिक्र करने की ज

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मोदी जी ने क्या किया अब तक ?

6 अक्टूबर 2016
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एक ऐसा प्रधानमंत्री, जो दिन रात सिर्फ और सिर्फ देश के लिए सोचता है, जीता है. जिसके पास अपना कुछ भी नहीं, जिसके परिवार के लोग आज भी साधारण सा जीवन जीते हैं....सिलेंडर सस्ता हो गया 103.5 रूपये....पेट्रोल 73 से 56 हो गया....डॉलर 70 से 60 हो गया.....सारी सुविधाएं ऑनलाइन कर दी, जिससे टाइम पे जल्दी काम हो

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कोलंबिया के राष्ट्रपति ख़्वान मैनुएल सांतोस को साल 2016 का शांति का नोबेल पुरस्कार आखिर क्यों ?

8 अक्टूबर 2016
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कोलंबिया के राष्ट्रपति ख़्वान मैनुएल सांतोस को साल 2016 का शांति का नोबेल पुरस्कार दिया गया है। अवॉर्ड ज्यूरी ने नॉर्वे में फार्क विद्रोहियों के साथ बीते महीने किए गए उनके शांति समझौते के प्रयासों की सराहना की। फार्क विद्रोहियों और कोलंबियाई सरकार के बीच हवाना में चार साल

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जीवन की नसीहते ?

8 अक्टूबर 2016
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1. परेशान ना हुआ करो सबकी बातों से.. कुछ लोग पैदा ही बकवास करने को होते हैं.2. गलती उसी से होती है जो मेहनत से काम करता है, निकम्मों की ज़िंदगी तो दूसरों की बुराई खोजने में खत्म हो जाती हैं.3. पैसा इंसान को ऊपर ले जा सकता है, लेकिन इंसान पैसे को ऊपर नही ले जा सकता.4. तुम दुनिया में सबसे जीत सकते हो,

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दीपावली मनाने की सार्थकता?

24 अक्टूबर 2016
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दीपावली मनाने की सार्थकता तभी है जब भीतर का अंधकार दूर हो। दीया घर की मुंडेर पर ही नहीं, घट में भी जलाने की जरूरत है। अंधकार जीवन की समस्या है और प्रकाश उसका समाधान। जीवन जीने के लिए सहज प्रकाश चाहिए। प्रारंभ से ही मनुष्य की खोज प्रकाश को पाने की रही। असली प्रकाश मनुष्य के घट यानी हृदय में ही है, उस

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ईमानदारी और सादगी सफलता की एक कहानी - अश्वनी लोहानी

26 अक्टूबर 2016
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ईमानदारी ऐसी कि अशोका होटल में अपना ऑफिस होने पर भी कभी बीवी.बच्चों संग सरकारी पैसे से इस दिल्ली के फाइव स्टार होटल मे एक कप चाय भी नहीं पी। खुद को पहले नजीर बनाकर स्टाफ को भी शाहखर्ची से रोकने में सफल हुए अश्वनी लोहानी ने जब घाटे में चल रही इंडियन टूरिज्म डेवलपमेंट कारपोरेशन;प्ज्क्ब्द्ध को मुनाफे म

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भारत में इन महर्षियों ने कर दिए थे हजारों साल पहले अविष्कार

27 अक्टूबर 2016
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आचार्य कणादअगर बात परमाणु की आती है तो आज के लोग सिर्फ जोंनडाल्टन की बात करते है पर यह सत्य है की आचार्य कणाद ने हजारों साल पहले ही इस रहस्य को उजागर कर दिया था की द्रव्य के परमाणु होते है |भास्कराचार्यजब बात गुरुत्वाकर्षण शक्ति की होती है तो सब न्यूटन को याद करते है पर बहुत कम लोग जानते है की गुरु

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प्रदूषण का जिम्मेदार कौन?

9 नवम्बर 2016
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हाल में एनसीआर में दिवाली के चौथे दिन भी स्मॉग का असर रहा। गुरुवार सुबह भी प्रदूषण का स्तर सुरक्षित स्तर की तुलना में कई गुना अधिक रहा। दिल्ली के कई पल्यूशन मॉनिटरिंग स्टेशन में पीएम 25 और पीएम 10 जैसे प्रदूषित कणों का स्तर सामान्य से पांच गुना तक ज्यादा दर्ज हुआ। सर्दियों की शुरुआत अभी हुई है और उ

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नई अर्थक्रांति की शुरुवात है यह सर्जिकल स्ट्राइक

10 नवम्बर 2016
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पीएम नरेंद्र मोदी ने देश में काले धन पर सर्जिकल स्ट्राइक की। देश को संबोधित करते हुए उन्होंने घोषणा की कि आज मध्यरात्रि यानी 8 नवंबर 2016 की रात 12 बजे से वर्तमान में जारी 500 रुपए और एक हजार रुपए के करंसी नोट लीगल टेंडर नहीं रहेंगे। यानी ये मुद्राएं कानून अमान्य होंगी। पीएम ने कहा कि हमने काले धन

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जाली नोट बैंकों और एटीएम मशीनों तक कैसे पहुंचे सनसनीखेज खुलासा–

10 नवम्बर 2016
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देश के रिजर्व बैंक के वाल्ट पर सीबीआई ने छापा डाला. उसे वहां पांच सौ और हजार रुपये के नकली नोट मिले. वरिष्ठ अधिकारियों से सीबीआई ने पूछताछ भी की. दरअसल सीबीआई ने नेपाल-भारत सीमा के साठ से सत्तर विभिन्न बैंकों की शाखाओं पर छापा डाला था, जहां से नकली नोटों का कारोबार चल रहा था. इन बैंकों के अधिकारियों

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रिपब्लिकन पार्टी के नेता डोनाल्ड ट्रंप की अप्रत्‍याश‍ित जीत ?

11 नवम्बर 2016
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अप्रत्‍याश‍ित नतीजों से चौंकाया: 2014 में जब भारत में लोकसभा चुनाव के लिए प्रचार चल रहा था, तो किसी राजनैतिक विश्‍लेषक ने भाजपा की इतनी बड़ी जीत की कल्‍पना नहीं की थी। खुद भाजपा के आंतरिक सर्वेक्षणों में इतनी ज्‍यादा सीटों का अनुमान नहीं लगाया गया था, मगर जब नतीजे आए तो बीजेपी अपने स्‍थापना काल से अ

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फुटबॉल के बारे में रोमांचकारी तथ्य ?

14 नवम्बर 2016
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भारत ने FootballFifa World Cup के लिए Qualify नहीं किया था, फिर भी इसे 1950 के WorldCup के Fourth Edition में भाग लेने के लिए Invite किया गया, लेकिन IndianTeam ने Tournament के पहले ही Match में स्‍वयं कोDisqualify कर दिया था।इसका कारण ये था कि Indian Team के पास Football Game खेलने के लिए Proper Sh

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