shabd-logo

कैैसे बढ़ी द्रोपदी की साड़ी चीरहरण के समय

23 अगस्त 2016

291 बार देखा गया 291

द्रौपदी का चीरहरण होते समय भगवान ने उसकी सहायता की और उसकी साड़ी को इतना बढ़ा दिया कि दुष्शासन उतार न सका। इसके पीछे क्या कारण है कि कृष्ण ने द्रौपदी की सहायता की। महाभारत में इस बात का जवाब है। बात उस समय की है जब पांडवों ने हस्तिनापुर से अलग होकर अपने लिए इंद्रप्रस्थ का निर्माण किया। भगवान कृष्ण के मार्गदर्शन में ही सारा निर्माण हुआ। उसके बाद युधिष्ठिर का राजतिलक करके

राजसूर्य यज्ञ किया गया। इसमें दुनियाभर के राजाओं ने भाग लिया। यज्ञ में अग्रपूजा की बात आई। पंडितों ने युधिष्ठिर से कहा कि सबसे पहले वे किसकी पूजा करेंगे। भीष्म के कहने पर भगवान कृष्ण का नाम अग्रपूजा के लिए तय हुआ। लगभग सभी राजा इसके लिए तैयार थे । लेकिन कृष्ण की बुआ का बेटा शिशुपाल इसके लिए तैयार नहीं था। उसका कहना था कि राजाओं की सभा में एक ग्वाले की अग्रपूजा करना सभी राजाओं का अपमान करने जैसा है। उसने कृष्ण को गालियां देना शुरू कर दिया। शिशुपाल के जन्म के समय ही यह भविष्यवाणी हो चुकी थी कि इसकी मौत कृष्ण के हाथों होगी । लेकिन कृष्ण ने अपनी बुआ को ये भरोसा दिलाया था कि वे सौ बार शिशुपाल से अपना अपमान सहन करेंगे। इसके बाद ही उसका वध करेंगे। सभा में शिशुपाल ने सारी मर्यादाएं तोड़ दी और अनेकों बार कृष्ण का अपमान किया। सौ बार पूरा होते ही कृष्ण ने अपने सुदर्शन चक्र से शिशुपाल का वध कर दिया। चक्र के प्रयोग से उनकी उंगली कट गई और उसमें से खून बहने लगा। तब द्रौपदी ने अपनी साड़ी का पल्लू फाड़ कर कृष्ण की उंगली पर बांध दिया। उस समय कृष्ण ने द्रौपदी को वचन दिया था कि इस कपड़े के एक-एक धागे का कर्ज वे समय आने पर चुकाएंगे। यह ऋण उन्होंने चीरहरण के समय चुकाया।

Ashwani Manocha की अन्य किताबें

1

अशवनी मनोचा

25 जून 2016
0
3
0

मुझे सीखना है बस 

2

रावण की रचना

27 जून 2016
0
3
0

हम जानते है रावण महापापी है ये सब हम टीवी सीरियल में बचपन से देखते आ रहे है जो हम बचपन से देखते आ  रहे है क्या वो सच है ? या सिर्फ मनोरंजन के लिए है ये कोई नही जानता आप ही बताइये क्या सच क्या झूठ वास्तव में रावण महातपस्वी महाज्ञानी है ये सब जानते है वो भगवन शिव का सबसे प्रिय भक्त था उसमे भविषयदेखने 

3

मुझे ए जिंदगी कम से कम इतना तो बताया होता

28 जून 2016
0
3
0

मुझे ए जिंदगी कम से कम इतना तो बताया होता मेरी जिंदगी में क्या क्या होगा थोड़ा तो बताया होता मैँ भी उसी और भाग रहा हुँ जहां सब भाग रहे है पर जाना है कहाँ रास्ता ना ढूंढ पा रहा हुँ ए जिंदगी मैं तेरा शुक्र गुजार हुँ कि तूने मुझे इतना प्यार दिलवाया खुद भूखे रहकर भी उन्होंने मुझे हमेशा अपने हिस्से का खिल

4

कलयुग : काला युग या अत्याधुनिक युग

29 जून 2016
0
7
2

हम जानते है कि अब कलयुग चल रहा है और हम किसी से भी इस बारे मे बात करते है तो वो कलयुग कामतलब काला युग कहेगा जिसमे चोरी डकैती लूटपाट बलात्कार आदि होता है और सीधे शब्दों में कहे तो हर प्रकार के दुष्कर्म कलयुग में होते है इसी लिए इस युग का नाम कलयुग है ये परिभाषा कलयुग की है जिसे साधारण लोग, विद्धवान स

5

राजनीति, आरक्षण और देश का विकास बाधित

30 जून 2016
0
4
1

हम जानते है कि भारत देश में राजनीति और आरक्षण दो ऐसे मुद्दे है जो आजकल बच्चे बच्चे की जुबान पर है और यही दो मुद्दे देश के विकास को रोक रहे है कहने को तो भारत देश काफी विकसित देश है और ये सच भी है पर इस देश में से राजनीति और आरक्षण हटा दिए जाये तो ये देश कहाँ से कहाँ पहुंच जाये ! देश के नेता सिर्फ वा

6

ट्रैन का सफर और 350 रूपए

1 जुलाई 2016
0
6
0

मैं जैसे ही अलवर स्टेशन पर पहुंचा ट्रैन आ गई थी मैं बिना टिकिट लिए ट्रैन में चढ़ गया ट्रैन में भीड़ थी पर मुझेसीट मिल गई मेरे पास टिकिट नहीं थी तो डर भी लग रहा था कही टिकिट चेक करने वाला न आ जाये जैसे हीकिसी स्टेशन पर ट्रैन रूकती मेरी दिल की धड़कने बहुत तेज़ हो जाती और डर के मारे में ट्रैन की सारी तरफदे

7

खरी कमाई

4 जुलाई 2016
0
5
0

मैं जैसे ही अपने घर से निकला एक बूढ़ी औरत शायद अपने पोते को स्कूल लेकर जा रही थी उसके हाथो में काफी भरी स्कूल बैग था मेने वो ले लिया और पूछा आपका पोता किस स्कूल में जाता है उन्होंने बताया वोस्कूल मेरे रास्ते में ही था मेने वहां तक उन्हें छोड़ दिया उसके बाद उन्होंने मुझे दिल से काफी दुआएँ दी वो उस दिन

8

प्रकृति भी बदल गई ।

11 जुलाई 2016
0
2
0

आजकल आप देखिये प्रकृति ने भी अपना व्यवहार बदल लिया क्योंकि इन्सान ने उसे बदलने के लिये मजबूर कर दिया है क्योंकि सिर्फ अपनी जरूरत को पूरा करने के लिये हम इन्सान लगातार प्रकृति को नुकसान पंहुचा  रहे है । अब जंगल तो नाम के ही रह गये है । शहरों का विस्तार तो एेसे भड़ रंहा है जैसे जिस स्पीड से प्रदूषणभड़

9

मनमानी

12 जुलाई 2016
0
2
0

इस युग में आजकल हर इन्सान के पास चाहे खाने का ना हाे चाहे पहनने का ना हो पर मोबाईल जरूर मिलेगा और मोबाईल कम्पनी इसी बात का फायदा उठाकर अपनी मनमानी करती है । मोबाईल कम्पनी एेसी एेसीस्कीम निकालती है जिसमंे 1 नं. दबाओं तो ये स्कीम चालू हो जायेगी 2 नं. दबाओं ताे ये स्कीम चालू हो जायेगी इस तरह अन्जाने मे

10

शायद एक ना होती तो महाभारत ना होती

13 जुलाई 2016
0
4
0

शायद हम जानते है महाभारत क्यूं हुई यही शायद  गीता में भी लिखा है और वही हमने देखा है और वही टी.वीके  माध्यम से हम देखते आ रहे है । शकूनी मामा और दुर्योध्न ने किस तरह से चालबाजी करके पांडवो का सारा राज्य ले लिया फिर द्रोपदी का चीर हरण किया जिससे आगे चलकर महाभारत हुई ।             पर आप सोचिये अगर युध

11

टेंशन

19 जुलाई 2016
0
2
0

इस युग की सबसे बड़ी देन है टेंशन जो शायद पहले के लोग नहीं लेते थे और आजकल हर छोटी से छोटी बात पर इतनी टेंशन ले लेते है जैसे पता नहीं क्या हो जायेगा और आप टेंशन सुनेगे तो अपने आप को हसाने से नहीं रोक पायेगें । सुबह दूध नहीं आया तो टेंशन, पानी नहीं आया तो टेंशन, लाईट नहीं है तो टेंशन, गाड़ी में पैट्रो

12

नारी

20 जुलाई 2016
0
5
0

नारी शायद भगवान की बनाई इस सृष्टि में ऐसी रचना है जिसे हम कई नामों में जानते है माँ, बहन, पत्नि, दोस्तऔर भी बहुत नामों से जानते है और नारी ही एक भगवान की ऐसी रचना है जो इन्सान को जन्म देती है उसे9 महीने पेट में रखकर ना जानें कितनी असहनीय पीड़ा भोगती है और जहां वो पैदा होती है जहां खेलती हैअपना बचपन 

13

बिजनेस

21 जुलाई 2016
0
4
0

आजकल हर व्यक्ति यही सोचता है कि वो क्या काम करें जिससे उसकी अच्छी कमाई हो कैसे वो अपनावर्तमान और भविष्य अच्छे से निकल जाये पर फिर ऐसा क्या काम करें जिससे कमाई भी अच्छी हो औरज्यादा मेहनत भी ना करनी पड़े । आप कहेंगे डाॅक्टर, इंजीनियर, बिजनेस, सरकारी नौकरी इससे भी आप ये सारी सुविधा पा सकते है पर आजकल ज

14

जोडियां

22 जुलाई 2016
0
4
0

कहते है जोडियां भगवान बनाता है और नीचे पण्डित या रिलेटिव के द्वारा मिलकर उनकी शादी हो जाती है और सुनने में आता है ये  जोड़ी भगवान ने बनाई है अौर बोलते है  राम मिलाई जोड़ी ।                इसमें कितनी सच्चाई है यहीं बात मैं सोच कर परेशान रहा । भगवान भी कितना फ्री बैठा होगा । जोडियां बनाने के लिये ये 

15

अनाथाश्रम और वृद्धाश्रम

23 जुलाई 2016
0
3
0

अनाथाश्रम का नाम जब भी सुनते है तो सोचने को मजबूर होना पड़ता है कि कितने बदनसीबबच्चे है जिनकी परवरिश अनाथ आश्रम में हो रही है अौर वृद्धाश्रम का नाम सुनते है की कितने बदनसीब माँ-बाप है जिन्हें अपने बच्चों के होते हुए वृद्धाश्रम में रहना पढ़ रहा है । अनाथ आश्रम को तो चलों हम सोच सकते है कि बच्चों को ज

16

सेन्सर बाेर्ड और फिल्में

24 जुलाई 2016
0
6
0

आजकल जो भी फिल्म बनती है उसमें अधिकर सेन्सर बोर्ड की भूमिका रहती ही है सेन्सर  बोर्ड क्या है ? आम तौर पर हम लोगों की नजर में सेन्सर बोर्ड फिल्मों में आपत्ति जनक दृश्यों को हटाने के लिये है जिससे समाज पर उसका गलत असर ना हों पर क्या इस बोर्ड का काम यही है या फिर इसमें भी लोग अपना फायदा देखने लगे है आज

17

भूल गये हम डाॅ. अब्दुल कलाम को

25 जुलाई 2016
0
7
0

डॉ. अब्दुल कलाम। ये हम सब जानते हैं कि वो इस युग के महानायक थे ।  उनका जीवन हमारे लिए किसी अनमोल रत्न से कम नही था। उन्होंने हमेशा ही हमें सपने देखना और उसे जीना सिखाया। उन्होंने अपने जीवन का एक.एक पल भारत के उन्नति के लिए दिया। वह सिर्फ़ भारत के मिसाइल कार्यक्रम के पिता ही नहीं थे बल्कि हमारे देश क

18

समय

28 जुलाई 2016
0
6
1

कल मैं दफ्तर से जल्दी घर चला आया। आम तौर पर रात में 10 बजे के बाद आता हूं, कल 8 बजे ही चला आया।सोचा था घर जाकर थोड़ी देर पत्नी से बातें करूंगा, फिर कहूंगा कि कहीं बाहर खाना खाने चलते हैं। बहुत साल पहले, जब हमारी सैलरी कम थी, हम ऐसा करते थे।घर आया तो पत्नी टीवी देख रही थी। मुझे लगा कि जब तक वो ये वाल

19

आस्तिक नास्तिक वाद विवाद

29 जुलाई 2016
0
5
0

आस्तिक . भगवान हर जिगह है हर कण में भगवान है । नास्तिक . अगर हर कण में भगवान है तो आजतक दिखाई क्यूँ दिया । आस्तिक - हर  जिगह भगवान के मन्दिर है जहां उसकी पूजा होती है श्रद्धालु है ।  नास्तिक . हर जिगह मन्दिर है तो उसमें भगवान दिखता है तो मुझे भी दिखाओ । आस्तिक . भगवान अपने भक्तों के लिये चमत्क

20

मुझे भी चाहिये जमीन

30 जुलाई 2016
0
4
0

जब हम स्कूल में पढ़ते थे तो मानचित्रों में भारत देश का नक्शा कुछ यू दिखता था शायद ही कोई नक्शा होगा जो भारत के नक्शे से सुन्दर दिखता हो पर आज क्या स्थिित  यह देखकर आपचौक  जायेगें । आज भारत देश का नक्शा कुछ ऐसा है । भारत की चोटी तो अब गायब ही हो गई कुछ हिस्सा पाकिस्तान और कुछ चीन में चला गया । पर फिर

21

खबर डिजीटल इंडिया की

3 अगस्त 2016
0
4
0

आजकल डिजीटल इंडिया का जमाना है सबको खबरों में  रहना पसन्द है उसके लिये लोग बहुत कुछ करते है टी.वी. पर आने के लिये।  किसी ट्रेफिक हवलदार ने किसी सेलिब्रिटी का  चालान का दिया तो उसकी ईमानदारी  की चर्चा हर न्यूज चैनल पर ऐसे टेलीकास्ट होगी जैसे उसने वल्ड कप जीत लिया हो उसका जो काम है उसने वही तो किया ।क

22

नाम का दुरूपयोग

6 अगस्त 2016
0
4
0

आजकल एक नाम अधिकतर गाडियों पर देखेगें चाहे वो बाईक हो या कार - प्रैस चाहे उसके दूर दूर तक उसके खानदान का रिश्ता ना हो पर गाड़ी पर लिखते है - प्रैस ऐसे लगता है जैसे सारे ही रिपोर्टर बनकर घूम रहे है आजकल आम लोग तो शायद गिनती के होंगे जिनकेव्हीकल पर प्रैस ना लिखा हो । सोचने की बात है कि वो ऐसा क्यूं कर

23

छोटा सा सवाल

12 अगस्त 2016
0
4
8

भारत हो या कोई भी देश हो हर माता पिता अपने बच्चों को असीम प्रेम करते है जिसका ऋण कोई भी नहींउतार सकता । पर असीम प्रेम करने पर बच्चों पर क्या क्या भीत सकती है शायद वो भी नहीं सोचते । मै एक ऐसा ही वाक्या बताने जा रहा हूँ । यदि आपके 2 बच्चें है और कोई विपत्ति या आपदा आती है जिसमें आप या तो अपने अपने आप

24

मक्का मदीना का सच

13 अगस्त 2016
0
3
0

क्या है मक्का मदीना का सच ? यह मैंने जानकारी पढ़ी और इसे शब्दनगरी में लिखने से रोक नहंी पाया । मुसलमानों के सबसे बड़े तीर्थ मक्का मक्केश्वर महादेव का मंदिर था। वहां काले पत्थर का विशाल शिवलिंग था जो खंडित अवस्था में अब भी वहां है। हज के समय अश्वेत यानी काला कहकर मुसलमान उसे ही पूजते और चूमते हैं। इस

25

बटवारें के वक्त का हाहाकार

14 अगस्त 2016
0
5
0

1947 में जब ब्रिटिश राज वाले भारत देश का बंटवारा हुआ  तो दो नए आजाद मुल्क बने। इसका नतीजा इतिहास के सबसे बड़े माइग्रेशन के रूप में सामने आया। इस दौरान सवा करोड़ लोग विस्थापित हुए थे और इसमें सबसे ज्यादा प्रभावित महिलाएं हुई थीं। हजारों की संख्या में लड़कियां और महिलाएं रेप और टॉर्चर का शिकार हुईं।10

26

ईमानदारी की मिसाल

16 अगस्त 2016
0
4
0

आज मैं बात कर रहा हूँ प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री की ईमानदारी की।लाल बहाुदर शास्त्री जी ने 1965 में फिएट कार लेने के लिये पंजाब नेशनल बैंक से 5000 रू. का लोन लिया था जिसकी वो एक भी किश्त न चुका पायें और उनका 1966 में देहान्त हो गया । फिर बैंक ने उसने घर नोटिस भेजा जो उनकी श्रीमती ललिता शास्त्री

27

शिक्षा अमीरों की जाहगीर

17 अगस्त 2016
0
3
0

आज भारत देश में शिक्षा उन्नति में सबसे ज्यादा योगदान दे रही है आज शायद 95 प्रतिशत लोग शिक्षित हैशिक्षा के लिये प्रशासन भी बहुत सर्तक है उसके लिये प्रशासन ने सरकारी स्कूल बना रखे है जिनमें बहुत कम फिस में बच्चे पढ़ सकते है किताबें भी फ्री उपलब्ध करा रखी है पर क्या सही शिक्षा  सबको मिल पा रही है इसका 

28

कैैसे बढ़ी द्रोपदी की साड़ी चीरहरण के समय

23 अगस्त 2016
0
1
0

द्रौपदी का चीरहरण होते समय भगवान ने उसकी सहायता की और उसकी साड़ी को इतना बढ़ा दिया कि दुष्शासन उतार न सका। इसके पीछे क्या कारण है कि कृष्ण ने द्रौपदी की सहायता की। महाभारत में इस बात का जवाब है। बात उस समय की है जब पांडवों ने हस्तिनापुर से अलग होकर अपने लिए इंद्रप्रस्थ का न

29

अपराध बढ़ने की वजह

5 सितम्बर 2016
0
1
0

अपराध क्यों बढ़ रहे है ? इसकी क्या वजह है ?मैंने इस बारे में सोचा तो लगता है इसका सबसे बड़ा जिम्मेदार हमारा सिस्टम है क्यूंकि सिस्टम सही हो तो अपराध हो ही नहीं । अब आप सोच रहे होगे सिस्टम इसकी वजह कैसे हो सकता है । आज की युवा पीढ़ी बेरोजगार बैठी है और जो जिस चीज का हकदार है वो अपनी जगह पर नहीं है ज

30

प्यार ही जिन्दगी है ।

4 अक्टूबर 2016
0
1
0

एक प्रेमी-युगल शादी से पहले काफी हँसी-मजाक और नोक-झोंक किया करते थे। शादी के बाद उनमें छोटी छोटी बातो पे झगड़े होने लगे। एक दिन उनकी शादी कि सालगिरह थी पर बीबी ने कुछ नहीं बोला वो पति का रेस्पॉन्स देखना चाहती थी। सुबह पति जल्दी उठा और घर से बाहर निकल गया। बीबी रूआंसी हो

31

रावण जैसा महाज्ञानी ना हुआ है ना कभी होगा ।

14 अक्टूबर 2016
0
1
3

रामायण में सत्य पर असत्य की विजय का पाठ हमें हमेशा से ही पढ़ाया जाता रहा है राम और रावण के बीच का युद्ध जिसमें राम सत्य के प्रतीक थे तो वहीं रावण असत्य का पताका हाथ में लिए था रावण को हमेशा अधर्मी और शैतान का रूप बताया गया लेकिन क्या आप जानते हैं कि रावण एक ऐसा शख़्स था

32

अपना काम बनता भाड़ मे जाये जनता

18 जुलाई 2017
0
3
3

आजकल सबसे ज्यादा जी एस टी की हो रही है इसमें सरकार बताती है कि इससे आम जनता का फायदा होगा कैसे ? सरकार ने सब टैक्स अपनी सहूलियत के हिसाब से तय किये है जिससे सरकार को फायदा हो जिससे सरकार की ज्यादा आमदनी होती है सरकार ये भी कहती है कुछ वस्तु पर टैक्स ही

33

टेढ़े चलने की आदत

19 जुलाई 2017
0
1
0

आदत सबको कोई ना कोई अच्छी या बुरी होती ही है जैसे इस देश के नेताओ को है टेढ़े चलने की आप सोच रहे होंगे मै क्या बोल रहा हूँ आप खुद पढ़िए और बताइये इस देश का वास्तिकता में कोई भविष्य है ही नहीं क्योकि ये हमारा देश है जो हमारे द्वारा चुने गए नेता चलाते है औ

---

किताब पढ़िए

लेख पढ़िए