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नरेंद्र मोदी VS अटल बिहारी वाजपेयी :- कौन है बेहतर प्रधानमंत्री ?

29 अगस्त 2016

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आज हम सब जानते है की भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दुनिया में कितने चर्चित है जब वो दूसरे देशो में जाकर भाषण देते है तो सेकड़ो लोगो उनको सुनने के लिए जमा हो जाते है | जब उन्होंने अमेरिका विधानसभा में कांग्रेस को सम्भोधित किया तो उनके भाषण पर 40 से भी ज्यादा बार तालिया एवं 9 बार स्टैंडिंग ओवेशन मिली थी| वो देश के ऐसे प्रधानमंत्री है जो दिवाली देश सैनिको के पास जाकर मानते है तो दूसरी तरफ भाजपा के ही पूर्व प्रधानमंत्री एवं भारत रत्न से सम्मानित अटल बिहारी वाजपेयी भी मोदी से कम नहीं है |भाजपा को बनाने एवं राष्ट्र स्तर तक पहुचाने में इन्होंने महत्वपूर्ण योगदान दिया | विरोधी भी अटल जी का सम्मान करते थे पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने तो उनको " भीष्म पितामह " तक कह दिया था |

चार दशको से भी ज्यादा लंबे राजनितिक जीवन में इन्होंने भाजपा के निर्माण के अलावा इंदिरा ग़ांधी द्वारा लागू किये आपातकालीन स्थिति के विरोध में कई महीनो तक जेल में रहने , भारत का पहला सफलतापूर्व परमाणु बम का परिक्षण करने जैसे कई उपलब्धिया हासिल की | आओ अब मोदी जी एवं वाजपयी जी का विस्तार से अवलोकन करते है |



भाषणकला - अटल जी ऐसी शख्शियत थे जो अपने भाषण से पूरी संसद को चुप करने का ओहदा रखते थे| सवांदाताओ के प्रश्नों के चतुराईपूर्ण जवाब देने से लेकर गम्भीर मुद्दों पर संसंद को सम्भोदित कर सोचने पर मजबूर कर देते थे | उनकी वाक पटुता का अंदाज़ा आप इस बात से लगा सकते है की विरोधी सरकार में होने के बावजूद भी कांग्रेस ने सयुंक्त राष्ट्र में भारत का प्रतिनिध्त्वि करने के लिए वाजपयी को भेजा था | वही दूसरी तरफ नरेन्द्र मोदी भी लोगो को एक टकी लगाकर उनका भाषण सुनने पर मजबूर कर देते है| अमेरिका के मेडिसन स्क्वायर में उनका भाषण सुनने के लिए सेकड़ो प्रवासी भारतीय एकत्रित हुए थे | सवांदाताओ से लेकर विरोधी पार्टियों के हर प्रश्न का जवाब इनके पास होता है |



उपलब्धिया- चीन और अमेरिका को मात देते हुए सिंतबर 2015 में विदेशी निवेश के लिए भारत दुनिया का सबसे पसन्दीदा देश था| जनधन योजना ,मेक इन इंडिया ,डिजिटल इंडिया ,स्टार्टअप योजनाओ जैसी कई योजनाओ को भारत में लागू करने के साथ ही जीएसटी बिल को राज्यसभा में पास कराने, भारतीय रेलवे में नये सुधार लाने , एवं स्वछ भारत जैसे अभियाओ को लाने का श्रय प्रधानमंत्री मोदी को ही जाता है |

दूसरी तरफ अटल जी ने बहुमत की सरकार नहीं होने के बावजूद भी पोकरण परमाणु बम का सफलतापूर्व परिक्षण करने ,कारगिल युद्ध में भारत को विजयी बनाने एवं दिल्ली और लाहौर के बीच बस सेवा शुरू करवाने जैसे कई असंभव कार्य किये | इन सबके अलावा शिक्षा का अधिकार योजना पर बल देने ,दूरसंचार क्षेत्र में क्रांति लाने का श्रय भी इन्ही को जाता है | 3 साल तक सूखा पड़ने एवं कई चक्रवात आने ,2001 भुज भूकंप ,2003 में तेल की किल्लत पड़ने एवं संसंद पर बम ब्लास्ट के बावजूद इन्होंने देश की जीडीपी को मजबूत बनाये रखा | इनके कार्यकाल में भारत के अंतरास्ट्रीय संबंधों में भारी सुधार देखने को मिला |



अटल बिहारी वाजपई और नरेंद्र मोदी में से कोन बेहतर है ये तय करना बहुत मुश्किल काम है यदि वाजपई भारतीय राजनीति

के सुनील गावस्कर थे तो नरेन्द्र मोदी विराट कोहली है | गावस्कर परिष्क्रत ,सौम्य एवं ठोस थे लेकिन धीमे एवं काम रोमांचक थे वही दूसरी तरफ कोहली आक्रामक और अधीर है लेकिन देखने में बहुत रोमांचक है कोहली की तरह मोदी जी ने भी जन - धन योजना ,मेक इन इंडिया,स्वछ भारत अभियान जैसी कुछ विस्फोटक पारिया खेल चुके है लेकिन वाजपई की तरह भारी परिस्थितयो में इनका अभी टेस्ट होना बाकी है | जहा पर गावस्कर को बिना हेलमेट पहने वेस्टइंडीज की तेज भयंकर गेंदबाजी का सामना करना पड़ता था वही पर कोहली को भारी सुरक्षा के साथ कम खतरनाक गेंदबाजी का सामना करना पड़ रहा है इसी तरह मोदी भी वाजपई की तुलना में बहुत कम खतरे एवं चुनोतियो का सामना कर रहे है | नरेंद्र मोदी ,कोहली की तरह इस क्षेत्र में नए है इसलिए उनको अभी जज करना थोड़ी जल्दबाजी होगी |

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सुनील कुलकर्णी

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भाई विकास हमेशा तुलना करना उचित नही होता , यदी

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दोनों ही .

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अपने कार्यकाल में दोनों ही प्रधानमंत्री बेहतर हैं . तुलना करना ही सही नहीं है .

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