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भोले बाबा - कविता

1 सितम्बर 2016

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भोले बाबा

तू ही शून्य है, तू ही सत्य है
बाकि सब कुछ झूठ है।
भोले बाबा तेरे दरबार में,
ही सब कष्टों से छूट है।

तू ही जीवन है, तू ही मृत्यु।
तू ही सबका पालनहार है।
जो भी भजता तेरा नाम,
पूरे होते उसके काम हैं।

पी कर हलाहल बाबा तुमने,
देव जनों के कष्ट हरे।
कर तांडव तुमने बाबा,
दुष्टों के भी प्राण हरे।

तुम ही आदि हो, तुम ही अंत हो।
तुम ही जीवन का आधार हो।
मेरे प्यारे भोले बाबा
तुम से ही ये सारा संसार है।

--निशान्त पन्त "निशु"

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अभिषेक बाजपाई

अभिषेक बाजपाई

ॐ नमः शिवायः

2 सितम्बर 2016

Anand

Anand

बहुत ही सुन्दर कविता है.

2 सितम्बर 2016

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भोले बाबा - कविता

1 सितम्बर 2016
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भोले बाबातू ही शून्य है, तू ही सत्य हैबाकि सब कुछ झूठ है।भोले बाबा तेरे दरबार में,ही सब कष्टों से छूट है।तू ही जीवन है, तू ही मृत्यु।तू ही सबका पालनहार है।जो भी भजता तेरा नाम,पूरे होते उसके काम हैं।पी कर हलाहल बाबा तुमने,देव जनों के कष्ट हरे।कर तांडव तुमने बाबा,दुष्टों के भी प्राण हरे।तुम ही आदि हो,

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बेटी

21 सितम्बर 2016
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बेटीयह कविता देश की दोनों बेटियों को समर्पित है जिन्होंने ओलंपिक में पदक जीतकर देश का मान सम्मान बढ़ाया है एवं उन लोगों के लिये कटाक्ष है जो कन्या भ्रूण हत्या कर देते हैं, या बेटी होने पर उपेक्षा करते हैं।जन्म लिया कन्या ने घर में, सन्नाटा पसर गया।माँ-बाप, दादा-दादी का सपना बिखर गया।चाहत थी सबको बेटे

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माँ

16 अक्टूबर 2016
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