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हिंदी से जुड़ी रोचक बातें ।

15 सितम्बर 2016

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1. हिंदी की लिपि ‘ देवनागरी ’ है । यह दो भिन्न शब्दों से बना समस्त पद है । ‘देव’ अर्थात ईश्वर तथा ‘नागरी’ अर्थात नगर अथवा शहर से संबंधित । इस शब्द की व्युत्पति यह बताती है कि एक काल विशेष में यह लिपि एक मुख्य व्यवहार के लिए प्रयुक्त हुई होगी ।

2. वेद, पुराण आदि कई हिंदू धर्मग्रंथ देवनागरी में ही रचे गये है, जबकि इसके परिवर्तित रूपों में शिला लेख और पट्ट-आलेख उपलब्ध है । अतः इतिहासविदों तथा पुरातत्वविदों के लिए देवनागरी को जानना-समझना अत्यावश्यक माना गया है ।

3. सातवीं ईस्वीं में हिंदी का आविर्भाव अपभ्रंश से हुआ । 10वीं सदी के अंत तक इसके स्वरूप में स्थिरता आ गया । ब्रज, अवधी तथा खड़ी बोली आदि हिंदी की बोलियां अथवा उपभाषाए हैं । हिंदी का वर्तमान साहित्यिक मानक रूप खड़ी बोली पर आधारित है ।

4. भाषा के विकास-क्रम में अपभ्रंश से हिंदी की ओर आते हुए भारत के अलग-अलग स्थानों पर अलग भाषा शैलियां जन्मी । हिंदी उनमें से सबसे अधिक विकसित थी । अतः उसे भाषा की मान्यता मिली । अन्य भाषा शैलियां बोलियां कहलायी ।

5. हिंदी का संबंध भारोपीय भाषा परिवार की उपशाखा भारत-ईरानी की भारतीय आर्यशाखा समूह से है । इसे भारतीय संघ की राजभाषा होने का गौरव प्राप्त है तथा इसकी लिपि देवनागरी हैं ।

6. हिंदी की विकास यात्रा दिल्ली, कन्नौज और अजमेर क्षेत्रों में हुई मानी जाती है । पृथ्वीराज चौहान का उस वक्त दिल्ली में शासन था । चंदबरदाई उनके दरबारी कवि हुआ करते थे । कन्नौज का अंतिम राठौड़ शासक जयचंद था, जो संस्कृत का बहुत बड़ा संरक्षक था ।

7. जहां काव्य में हिंदी के विकास को छायावादी युग, प्रगतिवादी युग, प्रयोगवादी युग और यथार्थवादी युग इन चार नामों से जाना गया. वहीं गद्य में इसको, भारतेन्दु युग, द्विवेदी युग, रामचंद शुक्ल व प्रेमचंद युग तथा अद्यतन युग का नाम दिया गया ।

8. वर्ष 1850 ई. में ‘ हिन्दी ’ शब्द का प्रयोग उस भाषा के लिए समाप्त हो गया. जिसे अब ‘उर्दू’ कहा जाता है । वर्ष 1900 में ‘सरस्वती’ पत्रिका में किशोरी लाल गोस्वामी की कहानी ‘इंदुमति’ का प्रकाशन हुआ । यह हिंदी की पहली कहानी मानी जाती है ।

9. वर्ष 1913 में दादा साहब फाल्के ने ‘राजा हरिश्चंद’ नामक प्रथम हिंदी फिल्म (चलचित्र) का निर्माण किया । वर्ष 1931 में हिंदी की पहली बोलती फिल्म ‘आलम आरा’ परदे पर आयी ।

10. हिंदी भाषा के लिए इस शब्द का प्राचीनतम प्रयोग सरफुद्दीन यज्दी के ‘जफरनामा’ (1924) में मिलता है ।

11. अमीर खुसरो के ‘खालीक बारी’ (1283) में पहली बार हिंदी का प्रयोग केवल पांच बार हुआ है, जबकि हिंदवी का तीस बार प्रयोग हुआ है ।

12. 1826 ई. में पहला हिंदी समाचार पत्र ‘उदंत मार्तण्ड’ निकला । 13. प्राप्त प्रमाणों में 933 ई. की ‘श्रावकाचार’ नामक पुस्तक अपभ्रंश हिंदी का पहला ग्रंथ है, परन्तु अमीर खुसरो हिंदी के वास्तविक जन्मदाता थे, जिन्होंने 1283 में खड़ी बोली हिंदी को इसका नाम हिन्दवी दिया । तब से ही यह हिन्दवी, हिन्दी बनती गई, बढ़ती, चढ़ती गई है ।

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