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जय भारत जय!

15 अक्टूबर 2016

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जय भारतीय रक्षक वीर,

मत लेना विरोधियों का खीर-नीर,

विरोधियों का सीना देना चीर,

जैसे ही कर्तव्य पथ पर वे हों अधीर।

तुम्हें देशभक्त शीश नवाते,

तुम्हारी जीत के जश्न मनाते,

तुम हम सभी को भाते,

तुम्हारे गुण हम सभी गाते।

बनो माँ चण्डी जैसे सख्त,

कर्त्तव्य निभाओ हर वक्त,

विरोध करे जो भी कम्बख्त,

उसको मारो और पियो उसका रक्त।


Poems by Rajat Ailawadi

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सत्य कडुवा होता है, परंतु कौए की कांव-कांव से बहुत बेहतर है

23 अगस्त 2016
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कांग्रेस ने तो स्वतंत्रता संग्राम लड़ा है अंग्रेजों के खिलाफ, और उन्हें पता है की देश को किस दिशा में सुख-समृद्धि मिलेगी. परंतु भाजपा के सभी शीर्ष नेता यानि की वाजपेयी-अडवाणी-मोदी पाकिस्तान जैसे शातिर दुश

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भारत के पांच शीर्ष चित्रकार 'कला भवन' ढ की और से भारतीय कला महोत्सव में भाग लेंगे

14 सितम्बर 2016
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कला के क्षेत्र में उन्नति व प्रोत्साहन के लिए 'कलाभवन' सन 1993 से कार्यरत है. आगामी भारतीय कला महोत्सव 2016 जो fक मुम्बई में 6 अक्टूबर 2016 से 10 अक्टूबर 2016 तक मनाया जायेगा. कई दर्जनों चित्रकार ों की खोजबीन करने के बाद भारत के

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यह क्या हो रहा है हमारे आज़ाद भारत में?

18 सितम्बर 2016
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जय हिन्द, जय भारत , जय भारतीय पितृ! भारतीयों, हम सबने अपनी आंखों से देखा कि अंग्रेज़ों से पीछा छुड़ाने में भारतीय स्वतंत्रता सेनानियों ने दो गुटों में - क्रांतिकारी गुट व शांतिप्रिय गुट - स्वतंत्रता की लड़ाई लड़ी। यदि किसी भी गुट का न

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क्या इन देशद्रोहियों को अंग्रेज़ों से लड़ते देखा है?

23 सितम्बर 2016
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साहब, राहुल गांधी जी ने कभी कोई मुख्यमंत्री या किसी सरकारी पदवी का चुनाव नहीं लड़ा है। उन्हें इंदिरा गांधी व अत्यधिक अनुभवी कांग्रेसी नेताओं से तुलना करना वैसे ही है जैसे किसी प्राथमिक विद्यालय के छात्र की किसी प्रकाण्ड पंडित से की जाए। जहां तक भाजपा का सवाल है, उसका

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जय भारत जय!

15 अक्टूबर 2016
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जय भारतीय रक्षक वीर,मत लेना विरोधियों का खीर-नीर,विरोधियों का सीना देना चीर,जैसे ही कर्तव्य पथ पर वे हों अधीर। तुम्हें देशभक्त शीश नवाते,तुम्हारी जीत के जश्न मनाते,तुम हम सभी क

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क्यों होगी देशप्रेमी देशभक्त खूंखार बहादुर कौम की गुलामी? क्या फिर देनी पड़ेगी भारत के शत्रुओं को सलामी?

15 अक्टूबर 2016
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क्या फिर होगी भारत में गुलामी ?क्या फिर देनी पड़ेगी देश के दुश्मनों को सलामी?क्यों ज़रूरी है देशद्रोहियों-शत्रुओं पर वार लगातार?सारा भारत एक,फिर भी घूम रहे अंग्रेज़ अनेक,भारत का कारोबार बेच,भारत को कुचलते मसलते लूटते फिरंगी शत्रु अनेकोनेक।ल

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