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मजे की लाइफ

28 फरवरी 2015

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कभी सोचा है कि दुनिया में सबसे मजे की लाइफ किसकी है ??? . टाटा-बिड़ला-अम्बानी-अडानी-बिल गेट्स आदि या उनके परिवार की....किसी राष्ट्राध्यक्ष और उसके परिवार की....किसी प्रसिद्द अभिनेता या अभिनेत्री की या फिर बड़े नेताओं की ??? . अगर आपको ऐसा लगता है तो आप गलत हैं....ये लोग तो हम आप से भी अधिक चिंताजनक हालात में जी रहे हैं ??? शीर्ष से गिरने के भय में जीते लोग...पैसा है लेकिन किस काम का अगर उसे एन्जॉय नहीं कर सकते...खुल के नहीं जी सकते.... . सबसे ज्यादा मजे हैं उन बच्चों के जिनका खानदानी कारोबार तबाह हो चुका हो लेकिन बाप दादे इतना कमा गए हों कि दोनों हाथ से खर्च करो तो भी सात पुश्तें ऐश करें...... उदाहरण के तौर पर गूजरमल मोदी के परिवार को देख लें.....पूरे मोदीनगर में उनकी एक भी कंपनी चालू नहीं है..कम से कम ३५-४० कम्पनियां हैं लेकिन सब बंद....मोदी के वारिस केवल ऐश कर रहे हैं.....उनकी चिंता बस यही है कि अब कौन से देश में घूमने जाया जाय या फिर अगली पार्टी कहाँ करें..... इसी तरह राहुल गांधी को देख लें.....गांधी सल्तनत भले ही ख़त्म हो गई हो लेकिन बन्दा थकान मिटाने फिर भी विदेश जाता है..... हम आप किसी इन्तहान में फेल होने के बाद माँ-बाप से गिफ्ट मांग सकते थे क्या ??? नहीं ना ??? कुटाई होती सो अलग....लेकिन ये धन कुबेरों के वारिस असफलता में भी ऐय्याशियाँ कर लेते हैं....... . सफल होते तो चिंता में दिन रात घुलते....लेकिन मानो असफलता इनके लिए वरदान साबित होती हो..... . कभी इस एंगल से भी सोचिये.........
शालिनी कौशिक एडवोकेट

शालिनी कौशिक एडवोकेट

सही कह रहे हैं आप .

28 फरवरी 2015

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मजे की लाइफ

28 फरवरी 2015
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कभी सोचा है कि दुनिया में सबसे मजे की लाइफ किसकी है ??? . टाटा-बिड़ला-अम्बानी-अडानी-बिल गेट्स आदि या उनके परिवार की....किसी राष्ट्राध्यक्ष और उसके परिवार की....किसी प्रसिद्द अभिनेता या अभिनेत्री की या फिर बड़े नेताओं की ??? . अगर आपको ऐसा लगता है तो आप गलत हैं....ये लोग तो हम आप से भी अधिक चिंताजनक हा

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स्वदेशी पत्रिका

20 मार्च 2015
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स्वदेशी पत्रिका Page Liked · 3 hrs · · प्रथम मै कहना चाहुंगा के विज्ञान को छोड कर फिल्म, क्रिकेट, फालतु टी.व्ही कार्यक्रम, रीयालीटी शो और टाईमपास मे ज्यादा व्यस्त रहने वाले हमारे भारतिय नागरीकों मे तर्क शक्ति का बिलकुल अभाव है । 40 साल पहले भारत ने SLV नामक स्वदेशी रॉकॅट बनाने के लिये 20

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मानव संसाधन मंत्रालय की भाषा-नीति

20 मार्च 2015
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Amarjeet Singh मानव संसाधन मंत्रालय ने सुझाव मांगे हैं कि उसकी भाषा-नीति क्या हो? मेरा सबसे पहला सुझाव यह है कि इस मंत्रालय का नाम बदलिए। इस मंत्रालय का नाम शिक्षा मंत्रालय से बदलकर मानव-संसाधन मंत्रालय किसने रखा था? क्या आपको कुछ याद पड़ता है? यह नाम बदला था, राजीव गांधी की सरकार ने! बेचारे र

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