shabd-logo

वर्तमान में महिलाओं पर आधुनिक शिक्षा का प्रभाव

16 दिसम्बर 2016

1221 बार देखा गया 1221
featured image

वर्तमान में देखा जाए तो महिलाओं पर आधुनिक शिक्षा का प्रभाव काफी हुआ ,समान्यता आज भी यह माना जाता है कि महिलाएं अपने जीविकोपार्जन के लिए काम नहीं करती और उनके लिए षिक्षा की आवष्यकता नहीं थी ।


ऐसे बात भक्ती आंदोलन की करें तो उन्हों ने रूची ली और इस क्षेत्र में महत्वपूर्ण भूमिका भी निभाई परन्तु देखा जाय तो आज भी बाल विवाह को प्रचलन आज भी लड़कियों की षिक्षा में बाधा बना हुआ है आज तक भी उस पर कोई उल् लेख नीय प्रगति नहीं हुई हैं।हां एक काम वर्तमान में देखने को जरूर मिला ,जो अर्थ की बढ़ती हुई महत्ता ने नारी को षिक्षा की ओर घ्यान जरूर आकर्शित कराया है।लेकिन आज महिलाएं यानि षिक्षित महिलाएं पाष्चात्य सभ्यता ,संस्कृति और नारी स्वाधिनता के विचारों से उतनी प्रभावित हो गई है कि वह विवाह जैसे रिवाजों और सामाजिक रूढ़ियों पर से अब उनका विष्वास उठने लगा है।


ऐसे कुुछ अपवादों को छोड़ देखे तो पाक ब्रिटिष भारत में औरतों को प्रायःषिक्षा मिलती थी ,मध्ययुगीन विचारें प्रणाली में औरतों को केवल घर के कामों की ही जिम्मेदारी दी गई थी और वह लड़को के लिए गांव एंव षहरों में स्कूल होते थे ।लेकिन औरतों के लिए कहीं षिक्षा की प्रबन्ध नहीं था समय के साथ साथ प्रगतिवादी बुधिजीवियों ने स्त्री षिक्षा की आवष्यकता को स्वीकार किया और इसका परिणाम यह मिला कि रूढ़ीगत प्रतिरोध समाप्त हुए और इसे राश्टीªय प्रगति की आवष्यक षर्त माना गया ।


परन्तु 21वीं सदी में महिलाओं को षिक्षा नहीं बल्कि हर क्षेत्र में भागीदारी के साथ जिम्मेवारी मिला फिर हालात आज बद से बदतर है तो अब देखना ए हैकि इसके जिम्मेदार कौन है,हम या आप ।


तंज़ील नाज़ की अन्य किताबें

Kokilaben Hospital India

Kokilaben Hospital India

We are urgently in need of kidney donors in Kokilaben Hospital India for the sum of $450,000,00,For more info Email: kokilabendhirubhaihospital@gmail.com WhatsApp +91 779-583-3215 अधिक जानकारी के लिए हमें कोकिलाबेन अस्पताल के भारत में गुर्दे के दाताओं की तत्काल आवश्यकता $ 450,000,00 की राशि के लिए है ईमेल: kokilabendhirubhaihospital@gmail.com व्हाट्सएप +91 779-583-3215

8 मार्च 2018

रवीन्द्र  सिंह  यादव

रवीन्द्र सिंह यादव

शिक्षा प्रगति और ज्ञान के बहुआयामी द्वार खोलती है इसलिए शिक्षित महिला समाज में नई दृष्टि पैदा करने में सक्षम है. लेखिका से विनम्र अनुरोध है कि प्रकाशन से पूर्व भाषा संबंधी त्रुटियों को जांच लें. नारीशक्ति की सशक्त आवाज़ साझा करने के लिए धन्यवाद.

19 दिसम्बर 2016

प्रियंका शर्मा

प्रियंका शर्मा

कुछ मिली हुली सी प्रतिक्रिया है आज समाज में , एक तरफ तो महिलाएं हर क्षेत्र में आगे बढ़ रही हैं और दूसरी तरफ निर्भय जैसे काण्ड होते है

17 दिसम्बर 2016

1

प्रेमचंद और स्त्री

14 दिसम्बर 2016
1
2
0

प्रेमचंद और स्त्री प्रेमचंद स्त्रियों को आधुनिक षिक्षा देने के विरोध थे और स्त्रियों की षिक्षा के सम्बंध में उनका दृस्टिकोण संकीर्णतावादी है,लेकिन यह भी स्पश्ट हैकि उनका विरोध पाष्चात्प नारी के आदर्ष को अपनाने के लिए प्रेरित करने वाली षिक्षा के प्रति है,मुझे खेेद है,हमारी

2

वर्तमान में महिलाओं पर आधुनिक शिक्षा का प्रभाव

16 दिसम्बर 2016
0
4
3

वर्तमान में देखा जाए तो महिलाओं पर आधुनिक शिक्षा का प्रभाव काफी हुआ ,समान्यता आज भी यह माना जाता है कि महिलाएं अपने जीविकोपार्जन के लिए काम नहीं करती और उनके लिए षिक्षा की आवष्यकता नहीं थी । ऐसे बात भक्ती आंदोलन की करें तो उन्हों ने रूच

---

किताब पढ़िए

लेख पढ़िए