नई दिल्लीः यूपी में सपा प्रदेश अध्यक्ष ने जब बुधवार को पार्टी प्रत्याशियों की सूची जारी की तो 38 विधायकों सहित सौ अखिलेश समर्थकों के नाम गायब रहे। इसमें अखिलेश के समर्थन में अलीगढ़ के महानगर अध्यक्ष पद से इस्तीफा देने वाले अज्जू इस्हाक भी शामिल रहे। अखिलेश ने गुरुवार को अज्जू को फोन मिलाकर कहा-चिंता करने की बात नहीं है। कुछ न कुछ हल निकलेगा। इसी के साथ अखिलेश ने उन सभी विधायकों और पार्टी पदाधिकारियों को फोन कर निराश न होने की सलाह दी, जिन्हें उनका करीबी होने का ठप्पा लगने पर टिकट गंवाना पड़ा।
दरअसल अपने समर्थकों का टिकट काटे जाने से नाराज अखिलेश ने नया गेम प्लान तैयार किया है। इसकी भनक लगते ही सपा सुप्रीमो मुलायम सिंह यादव और चाचा शिवपाल के होश उड़ गए हैं। वजह कि गेम प्लान धरातल पर उतरा तो समाजवादी पार्टी से ही नाता रखने वाले नेता एक दूसरे के खिलाफ ही विधानसभा सीटों पर दंगल लड़ते नजर आएंगे।
क्या है अखिलेश का गेम प्लान
समाजवादी पार्टी के एक बड़े नेता इंडिया संवाद से बातचीत में इस गेम प्लान का खुलासा करते हैं। कहते हैं कि मुलायम और शिवपाल ने अखिलेश के कट्टर समर्थक कुल 38 विधायकों का टिकट काटा है। इन विधायकों को अखिलेश ने भरोसा दिलाया है कि पहले नेताजी से कहकर उन्हें टिकट दिलाने की हरसंभव कोशिश होगी। अगर बात नहीं बनती है तो वे निर्दल टिकट लड़ें। वे सपा से टिकट पाए खराब छवि के उम्मीदवारों की जगह उनका प्रचार करेंगे। अखिलेश ने टिकट कटने पर समर्थक विधायकों को जरा भी निराश न होने को कहा है। अखिलेश के इस आश्वासन से साफ पता चलता है कि अगर 38 विधायकों सहित अन्य अखिलेश समर्थकों को अंतिम सूची में जगह नहीं मिलती है तो वे बागी होकर निर्दल चुनाव लड़ेंगे।
विधायकों के जरिए संगठन पर कब्जा करेंगे अखिलेश-शिवपाल
समाजवादी पार्टी के संगठन से जुड़े एक प्रमुख पदाधिकारी कहते हैं कि अखिलेश एक बार पीछे हटकर नुकसान सह चुके हैं । जब प्रदेश अध्यक्ष पद से हटाए गए तभी अखिलेश ने समानांतर व्यवस्था करनी शुरू कर दी थी। घर बदला और नई टीम भी तैयार की। ताकि उन्हें पार्टी चलाने के लिए पुराने मठाधीशों की जरूरत न पड़े। खराब छवि के लोगों को पार्टी व सरकार से दूर करने की कोशिश की। इसको लेकर सितंबर में कलह भी मची तो अखिलेश चाचा शिवपाल को भी सत्ता से बाहर करने से नहीं चूके।