लखनऊ : बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने आज उत्तरप्रदेश के लिए अपना चुनावी घोषणा पत्र जारी कर दिया। घोषणापत्र जारी करने के बाद अमित शाह ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में पत्रकारों के सवालों के जवाब दिए। पत्रकारों के कई सवालों के जवाब देते वक़्त हर बार की तरह अमित शाह लड़खड़ाते दिखे। अपने एजेंडे में बीजेपी ने ऐसे तमाम मुद्दों को रखा है जिनकी तैयारी वह कई समय पहले से कर रही थी। हालाँकि बीजेपी ने इस बार अपने एजेंडे में अखिलेश यादव के लैपटॉप देने वाली चर्चित घोषणा को भी शामिल किया है। साथ ही बीजेपी लैपटॉप के साथ एक जेबी डेटा भी देगी। बीजेपी ने अपने घोषणा पत्र में जो वादे किये हैं आखिर उनकी हकीकत क्या है। आइये ये जानते है -
पलायन
बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ने कहा कि पश्चिमी उत्तरप्रदेश में पलायन को रोकने के लिए हम कदम उठाएंगे। बीजेपी के घोषणा पत्र में कहा गया है कि सांप्रदायिकता के कारण खाली होने वाले गांवों के लिए जिलाधिकारी को दोषी माना जाएगा। इससे पहले कैराना से हिन्दू पलायन की बात को बीजेपी के सांसद हुकम सिंह उठा चुके हैं। इस बार बीजेपी ने कैराना से हुकम सिंह की बेटी मृगांका सिंह को ही टिकट दिया है। इकनोमिक टाइम्स की रिपोर्ट की माने तो मृगांका सिंह अपने चुनाव प्रचार के दौरान भी यहाँ के पलायन के मुद्दे अपना चुनावी नारा बना रही हैं। अमित शाह ने कहा कि हम यह भी देंखेंगे कि पलायन किस तरह किया गया। इससे साफ़ है कि बीजेपी अपने चुनावी घोषणा पत्र में हुकम सिंह के ही उस मुद्दे को आगे बढ़ाना चाहती है।
परिवारवाद
घोषणापत्र जारी करने के बाद अमित शाह ने कहा कि वो सत्ता में आये तो परिवारवाद को मृत्यदंड देंगे। लेकिन बीजेपी ने यूपी में जो टिकट दिए हैं उनमे परिवारवाद की स्पष्ठ झलक है। बीजेपी उत्तरप्रदेश में राजनाथ सिंह के बेटे पंकज सिंह, भाजपा के सांसद हुकुम सिंह की बेटी मृगांका सिंह, कल्याण सिंह के पौत्र संदीप सिंह, लालजी टंडन के बेटे आशुतोष टंडन और स्वामी प्रसाद मौर्या के बेटे उत्कर्ष मौर्य को टिकट दिया है। अमित शाह यूपी में परिवादवाद का मुद्दा इसलिए भी उठा रहे हैं क्योंकि यूपी में मुलायम सिंह यादव का परिवारवाद सबसे बड़ा मुद्दा रहा है।
राममंदिर
बीजेपी जैसे कि हर यूपी चुनाव में राममंदिर को अपना चुनावी एजेंडा बनाती है। इस बार भी अमित शाह ने पत्रकारों से राममंदिर बनाने का संवैधानिक प्रयास की बात कही। जब अमित शाह से पत्रकार शरद प्रधान ने पूछा कि केंद्र में ढाई साल से बीजेपी की सरकार बीजेपी अब किस प्रक्रिया से राममंदिर बनाने की कोशिश करेंगी। इस पर अमित शाह के पास कोई संतुष्ट करने वाला जवाब नही था। बता दें कि राममंदिर का मुद्दा पहले ही अदालत में चल रहा है। फिर भी बीजेपी हर बार अपने चुनावी एजेंडे में राममंदिर के मुद्दे को अहमियत देती रही है।
तीन तलाक़
उत्तरप्रदेश चुनावों में बीजेपी ने हालाँकि हिन्दू वोटबैंक को पूरी तरह समेटने का प्रयास किया है। लेकिन वह मुस्लिम वोटों को भी हासिल करना चाहती है। तीन तलाक एक ऐसा मुद्दा है। जिससे मुस्लिम वोटबैंक में सेंध लगाई जा सकती है। हालाँकि यूपी में बीजेपी के हिंदूवादी होने का एक अहम सबूत यह भी है कि उसने अभी तक एक भी मुस्लिम को अपना प्रत्यशी नही बनाया है।
जबकि यूपी की हकीकत यह है कि यूपी की 403 विधानसभा सीटों में 73 सीटों पर 30 प्रतिशत मुस्लिम आबादी है। यूपी के 38 जिलों और 27 संसदीय सीटों पर मुस्लिम वोटर की निर्णायक भूमिका है। यूपी विधानसभा में दो सौ से ज्यादा सीटें ऐसी हैं जहां मुस्लिम वोटर 10 प्रतिशत से ज्यादा है। जबकि 125 विधानसभा सीटों पर 20 प्रतिशत से ज्यादा मुस्लिम आबादी है।
स्लॉटर हाउस
यूपी चुनाव में बीजेपी ने साल 2014 के लोकसभा चुनावों में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने पिंक रेवोल्यूशन की बात कही थी और कहा था कि इस पर लगाम लगाई जाएगी। लेकिन मोदी सरकार के दौर की हकीकत यह भी है कि मोदी सरकार के सत्ता में आने के बाद न केवल मांस का निर्यात बढ़ा है बल्कि नए बूचड़खाने खोलने व उनके आधुनिकीकरण के लिए 15 करोड़ रुपए की सबसिडी दी रही है। मोदी सरकार द्वारा मांस निर्यात को दिए प्रोत्साहन के नतीजे सामने आए व 2014-15 में मीट निर्यात से होने वाली आय में 14 फीसद की बढ़ोतरी हुई।
वर्ष 2014-15 के दौरान भारत ने 24 लाख टन मीट निर्यात किया जो कि दुनिया में निर्यात किए जाने वाले मांस का 58.7 फीसदी हिस्सा है। विश्व के 65 देशों को किए गए इस निर्यात में सबसे ज्सादा मांस एशिया में (80 फीसद) व बाकी अफ्रीका को भेजा गया। वियतनाम तो अपने कुल मांस आयात का 45 फीसद हिस्सा भारत से मंगवाता है। दूसरा नंबर ब्राजील का है जिसने 20 लाख टन निर्यात किया जबकि ऑस्ट्रेलिया 15 लाख टन निर्यात करके तीसरे नंबर पर रहा। -