shabd-logo

गरीबी

4 फरवरी 2017

150 बार देखा गया 150

गरीबी इस कदर मेरे देश मे है यारों,

कि जिन्दगी मोहताज़ है दो वक्त की रोटी के लिए...

सत्येन्द्र सिंह की अन्य किताबें

किताब पढ़िए

लेख पढ़िए