किसी का भी इस ओर ध्यान नहीं गया कि 2 भारतीयों ने भी इस साल ग्रैमी जीतकर भारत का नाम रौशन किया है। कोई ध्यान भी क्यों देगा? इसमें किसी मशहूर म्यूजीशियन का नाम तो है नहीं। आपको नहीं लगता कि भारत को इन 2 लोगों का शुक्रिया अदा करना चाहिए? लेकिन हम शुक्रिया तब अदा करेंगे जब हमें इनके बारे में कुछ पता होगा।
इस साल ग्रैमी की चर्चा 2 लोगों की वजह से रही। एक अडैल और दूसरी बियॉनसे। अडैल ने इस साल पूरे 5 ग्रैमी जीते वहीं बियॉनसे ने अपने बेबी बंप के साथ परफॉर्म किया और लोग इसके पीछे पागल हो गए। इनमें भारतीय फैन भी शामिल थे। सब चिल्ला-चिल्ला कर इन दोनों की तारीफ़ों के पुल बांध रहे थे।
कौन हैं ये दोनों
यहां हम बात कर रहे हैं 2 तबला वादकों की। ये हैं संदीप दास और अभिमान कौशल। संदीप दास को वर्ल्ड म्यूज़िक कैटेगरी में यो यो मा के साथ मिलकर तैयार किए गए गाने 'सिंग मी होम' के लिए एक सोलो अवॉर्ड मिला है। संगीत जगत से गाइका शुभा मुद्गल ने उनको बधाई दी।
अभिमान 'वाइट सन 2' का हिस्सा थे जिसे बेस्ट न्यू ऐज एल्बम का ख़िताब मिला है।
संदीप दास
संदीप दास पटना के रहने वाले हैं। उन्होंने बनारस हिन्दू विश्वविद्यालय से अंग्रेज़ी साहित्य की पढ़ाई की है और उन्हें गोल्ड मैडल भी मिला था। उन्होंने 8 साल की उम्र से तबला सीखना शुरू कर दिया था। 9 साल की उम्र में वो गुरु शिष्य परंपरा के तहत किशन महाराज के सानिध्य में आ गए।
11 साल तक बनारस घराने में तबला सीखने के बाद 1990 में वो दिल्ली आ गए और एक पेशेवर तबला वादक के रूप में कार्य करने लगे। संदीप एक कलाकार, शिक्षक, कंपोज़र और स्पीकर भी हैं और फिलहाल बॉस्टन में रह रहे हैं।
इन्होंने दुनिया भर के कई विश्वविद्यालयों में एक कलाकार के रूप में कार्य किया है। 23 साल के लंबे करियर में संदीप ने कई बड़े और अंतर्राष्ट्रीय कलाकारों के साथ काम किया है।
अभिमान कौशल
अभिमान हैदराबाद से हैं और फिलहाल वो कैलिफ़ोर्निया में प्रोफ़ेसर हैं और म्यूज़िक पढ़ाते हैं। ये फरुक्खाबाद, लखनऊ और अजरारा के तबला घराने से संबंध रखते हैं। अभिमान के पिता श्री आर. बी. कौशल, उस्ताद आमिर हुसैन खान के शागिर्द थे और उन्हीं की वजह से इनका तबलावादन की तरफ़ रुझान बढ़ा। इसके बाद अभिमान ने उस्ताद शेख दाउद और पंडित बी. नंदकुमार के सानिध्य में शिक्षा ली।
कौशल दुनियाभर में परफॉर्म कर चुके हैं। साथ ही इन्होंने पंडित रविशंकर, उस्ताद जाकिट हुसैन, पंडित हरि प्रसाद चौरसिया आदि के साथ भी काम किया है। इन्होंने नेशनल जियोग्राफिक के एक प्रोग्राम के लिए भी तबला वादन किया है।
क्यों नहीं हो रही बात?
आपने कहीं ये खबर सुनी? हनी सिंह ग्रैमी लाने की बात करते हैं और आप उस गाने को खूब गुनगुनाते हैं। लेकिन ये 2 भारतीय जो ग्रैमी जीत गए हैं उनकी खबर कोई चैनल नहीं दिखा रहा है। क्या इसका कारण ये है कि ये टी.आर.पी. नहीं दे सकते? भारत के लिए ये बहुत फ़क्र की बात है कि 2 लोगों ने इस साल ग्रैमी में भारत को पहचान दिलवाई है।
सबसे बड़ी बात कि कोई संगीत से संबंध रखने वाला व्यक्ति भी इनको बधाई नहीं दे रहा है। यही विडंबना है इस देश की। और इसके बाद हम सोचते हैं कि आज भी ज़्यादातर लोग पढ़ाई को हुनर के आगे क्यों रखते हैं। हम संदीप दास और अभिमान कौशल को बधाई देना चाहेंगे और भारत का नाम ऊंचा रखने के लिए उनका शुक्रिया अदा करना चाहेंगे।
और किसी ने नहीं बताया तो क्या हुआ, आप ही अपने दोस्तों को भारत की इस जीत के बारे में खबर दे दीजिए।
http://www.firkee.in/fun/these-2-indians-have-won-grammy-this-year-but-nobody-knows?pageId=4