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दहशत

19 फरवरी 2017

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आज पूरा शहर दहशत में है | हर तरफ आशंकाओं का माहौल | सभी डरे हुए अपने घरों में दुबके हुए हैं | कोई किसी से बात करने के लिए तैयार नहीं | अफवाहों का माहौल गरम है | हर मिनट नई नई खबर आ रही है | कभी यह खबर आती कि बाहर से हजारों की संख्या में जेहादी आक्रमण के लिए चल पड़े हैं , तो कभी खबर आती कि आज शाम को फिर से हमला होने वाला है | जितने मुंह उतनी बातें चल रही है | जबसे सर जी ने स्ट्राइक करवाया है तब से मोहल्ले की चैन गायब है | एक तरफ सीमा पर के प्रशंसक तो दूसरी तरफ देशभक्ति में सारोबार लोग | कल तक जो आपस में भाई भाई से लगते थे, एक साथ रहते थे , आज सरहदों के बवाल के चक्कर में अपने ही घर में बवाल मचा बैठे हैं | दोनों दलों के छुटभैये कद्दवार नेता अपनी अपनी हांकने में लगे हुए हैं | कोई किसी से उन्नीस नहीं रहना चाहता | खुद को बीस बनाने के चक्कर में , अपनी अपनी कौम के रहनुमा बने युद्ध स्तर पर हिंसा अभियान को जारी रखे हुए हैं | अगर देखा जाए तो कुछ विशेष बात थी ही नहीं | विद्यालय में परीक्षा चल रही थी | एक छात्र नक़ल करते हुए पकड़ा गया और कक्षा से बाहर निकाल दिया गया | परीक्षा की समाप्ति के बाद विद्यालय के गेट के बाहर उस छात्र ने अपने कुछ दोस्तों के साथ मिलकर नक़ल रोकने वाले शिक्षक पर हमला कर दिया| शिक्षक के बचाव में कुछ लोग आगे आये , पर यह क्या!! उस छात्र को जैसे ही चपत पड़ी, उसने इसे साम्प्रदायिक रंग दे डाला | भागते हुए उसने ऐलान किया कि दूसरी कौम के लोग हमें मारना चाहते हैं | भागो …..| उसके आवाज देते ही तलवारें खिंच गयीं, हथगोले और गोलियों की बौछार होने लगी | मास्टर जी किसी प्रकार से अपनी जान बचाकर भागे | आज इस घटना की बीते लगभग पंद्रह दिन हो गए पर तनाव में कोई परिवर्तन नहीं आया | सब परेशान हैं पर किसी से कुछ कह भी नहीं सकते | सड़क के एक कोने पर भोंदू चाय वाला एक छोटे से खोमचे में अपनी दूकान चलता हैं | उसके हाथों की चाय पीने के लिए हर कौम के लोग लालायित होकर आते थे, वहीँ बैठकर घंटों देश- दुनिया के हाल पर रायशुमारी करते थे | आज तो तब हद हो गयी जब कुछ लोग उसे पटक कर मारने लगे और उसका गला रेंतने का प्रयास करने लगे | कुछ लोगों ने इस कृत्य का विरोध किया तो उन्हें भी गालियां पड़ीं | किसी प्रकार से भोंदू को तो बचा लिया गया पर उसकी दूकान तबतक आग से जलकर ख़ाक हो गयी | चौराहे पर बैठा उसे जलते हुए देखता रहा | | उसके परिवार के जीविका के साधन को लुटते देखता रहा |कुछ कर भी तो नहीं सकता था …........ बूढ़े काका की एकमात्र सब्जी की दूकान थी मोहल्ले में, उसे भी लोगों ने जला दिया | काका भी भोंदू जैसा ही एक गरीब आदमी था जिसके आजीविका के सीमित साधन थे जिसे भीड़ ने नष्ट कर दिया | पुलिस की रेपिड एक्शन टीम आ चुकी थी | उन्होंने पास के तीन किलोमीटर के दायरे को सील कर दिया |ना कोई अंदर आ सकता था ना ही किसी को बाहर जाने की इजाजत थी | सारी दुकाने बंद हैं | बंद भला क्यों न हों |कौन है जिसे अपनी संपत्ति और अपनी जान प्रिय न हो | कर्फ्यू के आज पंद्रहवां दिन है |दूध के लिए बच्चे तड़प रहे हैं | खाने पीने का समान सब कुछ ख़त्म हो चुका है | दहशत के मारे और कर्फ्यू में कोई भी दूकान खोलने के लिए राजी नहीं है | ना मंदिर से आजान की आवाज आ रही है ना ही मंदिर से पूजा की घंटियों का | लगता है जैसे भगवान और खुदा दोनों ही इस झंझट से मर्माहत हो चुके इसलिए इनके बन्दे भी चुप हैं |
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एक मीठे संदेश के साथ नूतन वर्ष के शुभकामनाएँ

4 जनवरी 2016
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एक मीठे संदेश के साथ नूतन वर्ष के शुभकामनाएँ

4 जनवरी 2016
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सैन्य जीवन में अध्यात्म

4 जनवरी 2016
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भगवान की अनमोल एवं अद्भुत रचनाओं में मनुष्य जीवन कीरचना अपने आप में अद्वितीय है । संसार के समस्त प्राणियों से इतर मनुष्य को भगवानने बौद्धिक क्षमता एवं भाषा की शक्ति दी। भाषा एवं बौद्धिक क्षमता के बल पर मनुष्यपृथ्वी के समस्त प्राणियों से श्रेष्ठ माना जाता है । इसकी यह बौद्धिक क्षमता एकतरफ इसके लिए सु

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बंगाल की मूर्ति कला

4 जनवरी 2016
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बंगाल की मूर्ति कला       बंगालप्रवास के दौरान मैंने एक चीज देखा । यहाँ के लोग प्रखर बुद्धि के तो होते ही हैं , साथ ही कला केक्षेत्र से भी इनका विशेष लगाव होता है । हर घर में लोग किसी ना किसी प्रकार कीकला का प्रशिक्षण लेते हुए देखे जा सकते हैं , चाहे वह गीत-संगीत का होया फिर वास्तु एवं चित्रकला का ह

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जब फौजी का शव घर आया (अल्फ्रेड लार्ड टेन्निसन की कविता "होम दे ब्रॉट हर वारियर डेड" का अनुवाद)

5 जनवरी 2016
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ना चीखी , ना चिल्लाई , ना ही पीटा छाती उसने,पास खड़ी सखियाँ सोचें हैरत से ,हुआ अजूबा कैसा भाई ,ना रोइ तो मर जाएगी, विधवा सखी विचारी | करें जतन अब कैसे हम सब मिलकर सारी |उसकी तारीफ के कसीदे पढ़े , महानता की कहानियां गढ़े ,ना लब हिले , ना नैनों के पट झपके ,ना ही नीर बहे नैनन से |पास खड़ी बुढ़िया माई ने

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हिंगलिश होती हिन्दी - भारत के हिंदी मिडिया के हिंगलिश भाषा पर चीन के गुवंग दाओ विश्वविद्यालय के छात्रों द्वारा टिप्पणी

5 जनवरी 2016
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एक दिन फुटपाथ के साथ

5 जुलाई 2016
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सांपों की पहचान और उसकी जानकारी सर्पदंश की प्राथमिक चिकित्सा एवं अस्पताल में सर्पदंश की चिकित्सा के संबंध में जानने योग्य बातें

5 जुलाई 2016
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स्लिप डिस्क(PIVD)

5 जुलाई 2016
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      आज के समय में युवा हो या वृद्ध , अधिकांश लोगो को इस बीमारी से पीड़ित देखाजाता है | आइये जानें किआखिर क्या है "स्लिप डिस्क"|      हमारे शरीर के हड्डियों की श्रृंखला में रीढ़ की हड्डी एक मुख्य भूमिकानिभाती है | गर्दन से लेकरपीठ के निचले हिस्से तक 31 हड्डियों की श्रृंखला है जो आपस में एक दूसरे से ज

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कुंग(चीनी लेखक लू-सुन की कहानी का अनुवाद)

5 अक्टूबर 2016
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कुंग – आई -ची (KUNG I-CHI)(लु-सुन)अनुवाद – बिनय कुमार शुक्ल लुसेन में शराब के दूकान चीन के अन्य हिस्से के समान नहीं है | उन सबमें समकोड़ीय काउंटर हैं जिनका प्रवेशद्वार गली की तरफ होता है तथा शराब गरम करने के लिए गर्म पानी रखा जाता है | दोपहर में काम से फारिग होने के बाद शाम को लोग एक प्याला शराब खरी

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ढाकी

11 अक्टूबर 2016
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*ढाकी*(ढाक एक विशेष प्रकार का ढोल है जिसे बंगाल असम में पूजा,त्योहारों में बजाया जाता है)शारदोत्सव का त्योहार आ रहा था। पिछले 15 दिनों से वह अपने बेटे और ढाक को तैयार कर रहा था। पूरे साल इंतजार के बाद बस यही तो मौसम आता है जब कुछ कमाई हो जाती हैं । बदलते मौसम के कारण अब किसान को खेती से तो कुछ मिलता

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चीन से हिंदी की प्रथम साहित्यिक पत्रिका इंदु संचेतना का प्रकाशन

11 अक्टूबर 2016
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चीन के ग्वांगझू विश्वविद्यालय के विदेशी भाषा विभाग से इंदु संचेतना नामक त्रैमासिक हिंदी साहित्यिक पत्रिका का सतत प्रकाशन किया जा रहा है।यह पत्रिका डॉक्टर गंगा प्रसाद शर्मा 'गुणशेखर' जी के मार्गदर्शन में प्रकाशित हो रही है ।इस पत्रिका के संपादक एवं तकनीकी सलाहकार के रूप में जुड़ना मेरे लिए अपार हर्ष

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तुम्हारे बाद

22 अक्टूबर 2016
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खबर आयी कि 'बाबा' का अस्पताल में देहांत हो गया है | खबर ऐसी कि कानो को विश्वास न हो | पर सत्य सामने था, जिसपर अविश्वास नहीं किया जा सकता था | सभी लोग अस्पताल की तरफ भागे जहां 'बाबा' ने अंतिम साँसे ली थी | अस्पताल की साड़ी औपचारिकताएं ख़त्म कर रात बारह बजे उनके पार्थिव शरीर को उनके घर लाया गया | कड़

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भारतीय परिदृश्य में आधुनिक जीवनशैली के विकार : संकलनकर्ता श्री नरेंद्र मिश्र, वरिष्ठ अनुवादक, कर्मचारी राज्य बीमा निगम

22 अक्टूबर 2016
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अच्छा स्वास्थय एवं अच्छा समय जीवन के दो सर्वोत्तम वरदान है! जल्दी सोना और जल्दी उठना मनुष्य को सवस्थ, धनवान और बुद्धिमान बनाता है! भले ये हमारे पुराने सिद्धांत रहे हो लेकिन यह भी सच है कि आज की बदलती जीवनशैली में भी पुरानी इस तरह की कहावते अच्छे सवस्थ जीवन के लिए बहुत

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मेरे ब्लॉग

20 नवम्बर 2016
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मेरे ब्लॉग इस कड़ी पर पढ़ सकते हैं सरयूपारीण ब्राह्मण या सरवरिया ब्राह्मण या सरयूपारी ब्राह्मण सरयू नदी के पूर्वी तरफ बसे हुए ब्राह्मणों को कहा जाता है। यह कान्यकुब्ज ब्राह्मणो कि शाखा है। श्रीराम ने लंका विजय के बाद कान्यकुब्ज ब्राह्मणों से यज्ञ करवाकर उन्हे सरयु पार स्थ

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माँ अब मैं बड़ी हो रही हूँ

31 दिसम्बर 2016
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एक डॉक्टर की फ़रियाद (डॉ. सुभेंदु बाग़ की मूल बंगाल कहानी से अनुवाद)

31 दिसम्बर 2016
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उस समय रात के साढे बारह बज रहा था | सांस की तकलीफ के इलाज के लिए घंटा भर पहले परिमल बाबू एक सरकारी अस्पताल में भर्ती हुए थे |उनके साथ लगभग 15 शुभचिंतक भी अस्पताल आये थे | सब लोग बेचैन थे | डॉक्टर द्वारा उनका इलाज प्रारम्भ किया गया | इंजेक्शन दिया गया , नेबुलाइजर चैल

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लघु कथा*और भूत भाग गया*

19 फरवरी 2017
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जुमानी की माँ बहुत दुखी थी,पति कैंसर से मर गए। एक बेटा और बेटी सर्प दंश से काल कलवित हो गए। एक बेटी बची थी,वह भी अर्ध विक्षिप्त रहती थी। गांव वालो के अनुसार उनके घर पर ब्रह्मराक्षस का साया था। एक दिन पडोसी के दामाद से भेंट हुई,उनहोंने सुन रखा था कि दामादजी का बड़े बड़े तांत

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दहशत

19 फरवरी 2017
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आज पूरा शहर दहशत में है | हर तरफ आशंकाओं का माहौल | सभी डरे हुए अपने घरों में दुबके हुए हैं | कोई किसी से बात करने के लिए तैयार नहीं | अफवाहों का माहौल गरम है | हर मिनट नई नई खबर आ रही है | कभी यह खबर आती कि बाहर से हजारों की संख्या में जेहादी आक्रमण के लिए चल पड़े हैं , तो कभी खबर आती कि आज शाम

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इंदुसंचेतना मार्च 2017

12 मार्च 2017
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चीन से प्रकाशित हिन्दी पत्रिका इंदुसंचेतना का नवीनतम अंक https://drive.google.com/file/d/0B8uhA2a0ZiVHNnl1SGdsVGZaenc/view?usp=sharing indusanchetana-final-march.pdf - Google Drive

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आलेख हेतु निवेदन

14 मई 2017
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चीन के एक विश्वविद्यालय से प्रकाशित होने वाली एकमात्र हिन्दी पत्रिका इन्दु संचेतना के बाल कथा विशेषांक के लिए रचनाएँ आमंत्रित हैं।कृपया अपनी रचना दिनांक 20मई2017 तक indusanchetana@gmail.com पर भेज कर हिन्दी के वैश्विक प्रचार में सहयोग करें ।

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सरकारी दलित :व्यंग्य

4 जनवरी 2018
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*व्यंग्य: सरकारी दलित*बारिश प्रचंड वेग पर थी।सरकार के तरफ से यह मुनादी फिरा दी गई कि नदी के किनारे बसे लोग कहीं सुरक्षित स्थानों पर चले जाएं, बाढ़ आने की आशंका है,जान माल का नुकसान हो सकता है।कुछ लोग सुरक्षित स्थानों पर चले गए, जिनका कोई न था वे बेचारे इधर उधर होकर रह गए।सचमुच बाढ़ आ गई।काफी तबाही हुई

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माननीय प्रधानमंत्री जी

17 जनवरी 2018
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माननीय प्रधानमन्त्री महोदय, मैं आपके शासनकाल में देश को विकास की ओर अग्रसर करने वाली योजनाओं के लिए ह्रदय से आभारी हूँ | एक भूतपूर्व सैनिक होने के नाते कुछ ऐसी बातें हैं जिनपर कोई साकारात्मक सहयोग हो इस आशा से कुछ बिंदु आपके समक्ष प्रस्तुत कर रहा हूँ :-1. शिक्षा के क्षेत्र में विसंगतियों :- यूँ त

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और उसने रिश्वत नहीं दी ….......

17 दिसम्बर 2019
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मंटूबड़ा खुश था । प्राइमरी में टीचर लगे उसेअभी साल भर भी नहीं हुआ था कि सरकार द्वारा प्रायोजित डी-एड पाठ्यक्रम के लिए उसकानामांकन हो गया । प्राइमरी स्तर के बालकों कोपढ़ाने के लिए डी-एडकी पढाई काफी महत्वपूर्ण है । समय परसमस्त शिक्षक सेंटर पहुँच गए । पाठ्यक्रमप

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मैं अक्सर हार जाता हूँ-भाग-1

28 जुलाई 2020
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परसों किसी सज्जन ने मुझे व्हाट्सएप पर संदेश दियाWhy Job ??? When U can own ur Business..........Let's learn 2 *EARN* कुछ नया व्यापार,सपनों की हर बात हासिल करने की शायद राह दिखाना चाह रहे थे। मैं भी उत्साहित था कि कुछ नया करने का मौका है।और फिर उन्होंने मुझे फोन किया।औपचारिक बातचीत के बाद उन्होंने म

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शब्दों का जादू

7 सितम्बर 2021
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<p>भाषाओँ के बारे में एक बात प्रचलित है कि जिन भाषाओँ में समय सापेक्ष परिवर्तन नहीं हुआ वे भाषाएं या

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ऑफिस डेस्क से समाधि तक

21 अक्टूबर 2022
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अपने डेस्क से बगल वाले डेस्क पर झांक कर देखा। कुर्सी पर बैठे बाबू बीच बीच में लंबी सांसे ले रहे थे,कभी सिर खुजाते कभी सिर रगड़ते और फिर लंबी सांसे लेने लगते।ऐसा लग रहा था मानो दर्द से उनका सिर फट रहा

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