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मैं अमित और मंजय (यादें बचपन की)

20 फरवरी 2017

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चलो अब हम तो इतने बड़े हो गये है की बचपना भी अब अजीब सा लगता है । पर वो अजीब नही बचपन ही जिंदगी और जन्नत होती है बाद में तो सभी रेस में लग जाते है। जैसे हम तीनो अब जिंदगी की रेस में लगे हुए है। तीनो कितने मस्ती किया करते थे बचपन में शायद तुम्हे याद हो तो हमलोग अक्सर शनिवार को पईन पर पत्थर खेल ने जाते थे और तीनों कोकड़ा पकड़ने जाते थे। और हम बिना किसी काम के ही पूरी केवला की सैर कर आते थे। और फिर अपना मन पसंद लड़किया क्लास में चुनते थे और क्लास में लड़कियो से घमो भी लगते थे। तीनो साथ मिलकर अपना बचपन कितना एन्जॉय किया करते थे। वक़्त की रफ्तार शायद कुछ ज्यादा ही तेज निकली और उसने तुम्हे मुझसे अलग कर ही दिया । पता है जब से हमलोग अलग हुए है तभी से मेरा बचपन भी चला गया और तुम्हारे तरह वो भी लौट कर नही आया। मुझे अभी भी सारे पल याद तो है पर उसमे अब तुमलोग की कमी साफ़ झलक जाता है। और अब इतने बड़े भी हो गए है की किसी को बताये तो वो मुझे पागल कहेगा लेकिन मुझे पूरा यकिन है की तुमलोग को पता चलेगा तो तुमलोग मुझे जरूर समझोगे । सुनो!!!! तुमलोग कुछ पलो के लिये मेरे पास आ जाओ ना तीनो मिलकर फिर पत्थर खेलेंगे और लड़किया देखेंगे और बचपन को दोबारा एन्जॉय करेंगे और तुमलोग को पता है मुझे तो अब स्कूटर भी चलाना आता है अब तो हम सच में पूरी दुनिया की सैर भी कर सकते है पर शर्त ये है की तुमलोग अब कोकड़ा नहीं पकड़ोगे सिर्फ मछलियाँ पकड़ लेना।

रेणु

रेणु

बहुत हृदयस्पर्शी पुकार है बचपन के कलिए और बचपन के दोस्तों के लिए - मुझे क्या हर किसी को अपने स्कूली दोस्त बहुत याद आते हैं पर वो अक्सर कभी मिलते नहीं | शैलेन्द्र -- दुआ करती हूँ तुम्हारे दोस्त तुम्हारे पास लौट आये -- अगर आ गए तो लिखना मत भूलना -- शुभकामना

1 मार्च 2017

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अमैन वाला प्यार

19 फरवरी 2017
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मैं जब जाता हूँ हमारे अमैन(गाँव) में तो अजनबी सा महसूस करता हूँ।ऐसा नही है अमैन बदल गया है ये बिलकुल वैसे ही जैसा हमारे वक़्त में था।कुछ बदलाव होता रहता है हर जगह पर इतना भी यहाँ नही हुआ था कि मैं अजनबी सा महसूस करूँ।लेकिन तुम जबसे यहाँ से गयी हो सब अजीब सा लगता है इस अमैन का। नयी पीढ़ी आ गयी है नया

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अमैन वाला प्यार

19 फरवरी 2017
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मैं जब जाता हूँ हमारे अमैन(गाँव) में तो अजनबी सा महसूस करता हूँ।ऐसा नही है अमैन बदल गया है ये बिलकुल वैसे ही जैसा हमारे वक़्त में था।कुछ बदलाव होता रहता है हर जगह पर इतना भी यहाँ नही हुआ था कि मैं अजनबी सा महसूस करूँ।लेकिन तुम जबसे यहाँ से गयी हो सब अजीब सा लगता है इस अमै

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टाइम का कुछ यूज हो जाये‬

19 फरवरी 2017
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तुम्हारे साथ बैठे टाइम का कुछ यूज हो जाए। तुम्हें चाहे या देखे दिल कन्फियूज होजाए।। तुम्हारे साथ ............| तुम्हें चाहे या देखे............|| हमारी हर कहानी हर जगह सुरखी पर हो दिलवर। कभी हम तुम मिले ऐसे की ब्रेकिंग न्यूज हो जाए।। उसे देने चले एक रोज ग्रीटिंग कार

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मैं अमित और मंजय (यादें बचपन की)

20 फरवरी 2017
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चलो अब हम तो इतने बड़े हो गये है की बचपना भी अब अजीब सा लगता है । पर वो अजीब नही बचपन ही जिंदगी और जन्नत होती है बाद में तो सभी रेस में लग जाते है। जैसे हम तीनो अब जिंदगी की रेस में लगे हुए है। तीनो कितने मस्ती किया करते थे बचपन में शायद तुम

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छोटा इश्क़ कथा- 1

20 फरवरी 2017
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ज़माना कहता है तुम्हारे जाने के बाद मेरा फ़िज़िक्स बदल गया है दाढ़ी थोड़ी बढ़ी सी रहती है और बाल बेतरतीब से। लेकिन ये उनकी गफ़लत है हक़ीक़त में मेरे शरीर की बायोलॉजी बदल गयी है।कोशिका के सेल वॉल पर तुम्हारी यादों की एक मोटी परत सी जम गयी है।जिस माइटोकोंड्रिया से एक वक़्त

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