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जैन शिक्षा समृद्धि

26 फरवरी 2017

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जे.एस.एस में मिलता , बच्चों की मुश्किल का हल

पढ़ो समझो, समझो पढ़ो की नीति बनाती सफल

ये मंदिर है शिक्षा का यहाँ बनते हैं स्वर्णिम पल

यहाँ पलता है नन्हा मन जो होगा देश का कल


कभी प्रोजेक्टर से पढ़ाया यहाँ जाता

लैपटाॅप चलाना भी सिखाया यहाँ जाता

गुरु शिष्य का देखो यहाँ है मित्रवत नाता

जो आया एक बार यहाँ यहीं का होके रह जाता


कभी प्रतियोगिताएँ होतीं, कभी नाटक का मंचन

कभी नृत्य, संगीत कभी भजनों से मनोरंजन

बच्चों के मन को भाँपकर शिक्षक करते यहाँ संचालन

कभी बच्चे बन शिक्षक, बढ़ाते प्रोत्साहन


खेल - खेल में बच्चों को सिखाया यहाँ जाता

धार्मिक पाठ भी बच्चों को पढ़ाया यहाँ जाता

बच्चों का शारीरिक और मानसिक विकास यहाँ होता

क्रीड़ा कार्यक्रमों का आयोजन कराया यहाँ जाता


पैरेंट्स मीटिंग में अभिभावक यहाँ आते

बच्चों की गतिविधि से वे अवगत कराते

वे कहते संतुष्ट हैं जे.एस.एस से हम

कहते अच्छा लगता जब बच्चे हमें सिखाते


- नवीन कुमार जैन

नवीन कुमार जैन की अन्य किताबें

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तस्वीर

22 फरवरी 2017
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विषय - तस्वीर एक तस्वीर । हर लेती पीर ।। एक है नन्हा बच्चा । भोला भाला सच्चा ।। पहने है कपड़े फटे । बाल न कबसे कटे ।। बीन रहा वो कबाड़ । अंबर की लिए आड़ ।। चेहरे पर है मुस्कान । चल रहा हो छाती तान ।। आँखों में सपने हजार । चाहता अपने लिए प्यार ।। - नवीन कुमार जैन

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परामार्थ

23 फरवरी 2017
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विषय - परमार्थवृक्ष देता है हमें आॅक्सीजन,फूल और फल ।नदियाँ देती हैं हमें खाद्य पदार्थ और निर्मल जल ।।प्रकृति हमको देती सब कुछ, निःस्वार्थ भाव से, है सरल ।परहित करती न स्वार्थ वश,सुंदर, सरस, है निर्मल ।।प्रकृति परोपकार,परहित कोसर्वस्व समर्पित करती ।अपनी ममता की छाँव तलेप्राणियों का मन हरती ।

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फूल और काँटे

24 फरवरी 2017
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विषय - काँटे फूल हो जब राह में काँटे भी जरूरी होते हैं ।फूल फुला देते मन, काँटे लगें तो हम रोते हैं ।।काँटे हमें शायद अहंकार से बचाते हैं ।काँटों के कारण ही हम राह का असली मजा पाते हैं ।।गर फूल , फूल ही हों राह में तो हम फूल की कीमत भूल जाते हैं ।फूल फूल ही हों राह में तो अच्छे अच्छे अहं से फूल जात

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जैन शिक्षा समृद्धि

26 फरवरी 2017
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जे.एस.एस में मिलता , बच्चों की मुश्किल का हलपढ़ो समझो, समझो पढ़ो की नीति बनाती सफलये मंदिर है शिक्षा का यहाँ बनते हैं स्वर्णिम पलयहाँ पलता है नन्हा मन जो होगा देश का कलकभी प्रोजेक्टर से पढ़ाया यहाँ जातालैपटाॅप चलाना भी सिखाया यहाँ जातागुरु शिष्य का देखो यहाँ है मित्रवत नाताजो आया एक बार यहाँ यहीं क

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नारी

8 मार्च 2017
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नारीस्नेह की धारा है वह, है वात्सल्य की मूर्ति वीरुध वही,वन वही, कालिका की वो पूर्ति राष्ट्र , समाज और परिवार को वो समर्पित स्व - पर, हित को करती प्राण भी अर्पित वाणी वही, गिरिजा वही, है दामिनी भी वहकल्पना वो, प्रतिभा वही है कामिनी भी वहकिरन है वह, है सुभद्रा , है महादेव

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माँ

14 मई 2017
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माँ का हृदय नदी सा, जिसमें बहती ममता की धारा ।माँ का वात्सल्य अंबर सा,जिसमें समाहित जग सारा ।।माँ दुख न बाँटती अपना, खुशियाँ सब संग मनाती है ।माँ बच्चों को बहुत प्यारी, पिता की डाँट से बचाती है ।।माँ बच्चों को, बड़ों का, सम्मान करना भी सिखाती है ।माँ ही बाजार से,बच्चों को,नये-नये कपड़ेदिलाती है

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राखी का दिन

7 अगस्त 2017
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रक्षाबंधन का दिनभाई-बहिन के प्यार कादिन आयारक्षाबंधन के त्योहार का दिन आयाभाई की कलाई पे बहिन बांधे रखी जिस दिन वो दिन आयासावन में घड़ी में सजे जबभाई बहिन के प्रेम की झांकीवो दिन आयाराखी, रूमाल के व्यापार का दिन आयारक्षाबंधन के त्योहार का दिन आयाबहिन का रक्षा का प्रण लेजब भाईवो दिन आयाजब बहिन भाई को

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पर्वराज पर्यूषण

26 अगस्त 2017
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पर्वराज पर्यूषण आयो रे पर्वराज पर्यूषण नित प्रति करें जिनदर्शन पूजा पाठ रचाएं भविजन हों धार्मिक आयोजन आयो रे पर्वराज पर्यूषण सात्विक शुद्ध करें भोजन

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