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ख्वाब

3 मार्च 2017

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ए चाँद देखा तुझे तो कुछ याद आया

मेरा जहन में फिर उनका ख्वाब आया,

हुई तस्वीर फिर से वो उजागर

जो भूला था कारवां वह फिर याद आया,

धड़कने भी बढ़ गयीं मेरे दिल की

लेकिन वह वक्त मूझे फिर याद आया,

रुकने लगे कदम मेरे तुझको सोच कर

फिर उनको बढ़ाने का ख्याल आया,

कभी तेज चलता हूं मैं रुक-रुककर

वह मंज़िल ना आ जाये जो छोड़ आया,

ए चाँद देखा तुझे तो कुछ याद आया

मेरे जहन में फिर उनका ख्वाब आया |

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ए चाँद देखा तुझे तो कुछ याद आया मेरा जहन में फिर उनका ख्वाब आया,हुई तस्वीर फिर से वो उजागरजो भूला था कारवां वह फिर याद आया,धड़कने भी बढ़ गयीं मेरे दिल कीलेकिन वह वक्त मूझे फिर याद आया,रुकने लगे कदम मेरे तुझको सोच करफिर उनको बढ़ाने का ख्याल आया,कभी तेज चलता हूं मैं रुक-रुककरवह मंज़िल ना आ जाये जो छो

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